प्रारंभिक परीक्षा
साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2025
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को उनकी प्रभावशाली और दूरदर्शी कृतियों के लिये प्रदान किया गया है।
लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई कौन हैं?
- परिचय: लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई एक हंगेरियन उपन्यासकार और पटकथा लेखक हैं। वे कठिन और जटिल शैली में रचित उपन्यासों के लिये जाने जाते हैं जिन्हें सामान्यतया उत्तर-आधुनिक, डायस्टोपियन एवं विषादी (Melancholic) उपन्यासों के रूप में वर्णित किया जाता है।
- प्रसिद्ध रचनाएँ: सैटान्टैंगो, द मेलन्कॉली ऑफ रेजिस्टेंस, वॉर एंड वॉर, सेइबो देयर बिलो, द लास्ट वुल्फ और द वर्ल्ड गोज़ ऑन।
- प्रमुख उपलब्धियाँ और पुरस्कार: इन्हें वर्ष 2015 के मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और वर्ष 2018 के मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार की लघुसूचीयन में इनकी रचना द वर्ल्ड गोज़ ऑन शामिल थी।
- साहित्यिक सम्मान: लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई की उनके जटिल गद्य, एक-वाक्य वाले अनुच्छेदों और रचनाओं में दार्शनिक गहनता के लिये प्रशंसा की जाती है।
- उनकी रचनाएँ सर्वनाशकारी दर्शन, मानवीय भ्रम, नैतिक पतन और निराशा एवं सौंदर्य के अंतर्संबंध का अन्वेषण करती हैं।
- वर्ष 2015 के मैन बुकर द्वारा वर्णित द मेलैंकोली ऑफ रेजिस्टेंस को "पश्चिमी सभ्यता का व्यंग्यात्मक और भविष्यसूचक दृष्टिकोण" कहा गया है।
नोट: भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार अमिताव घोष वर्ष 2025 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के दावेदारों में शामिल थे।
- वर्ष 1956 में कोलकाता में जन्मे अमिताव घोष भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के विजेता हैं और देश के अग्रणी समकालीन लेखकों में से एक हैं।
क्या आप जानते हैं?
- रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी अत्यंत संवेदनशील, नवीन और सुंदर कविता के लिये वर्ष 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया, जिसे उन्होंने अपने अंग्रेज़ी भाषा में व्यक्त किया एवं पश्चिमी साहित्य का हिस्सा बनाया।
- रवींद्रनाथ टैगोर के उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान हैं मानसी, गीतांजलि, साधना: जीवन का बोध और चित्रा: एक नाटक।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
1. साहित्य में वर्ष 2025 का नोबेल पुरस्कार किसे प्राप्त हुआ?
हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को वर्ष 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार उनकी दूरदर्शी रचनाओं के लिये प्रदान किया गया है, जिनमें अराजकता और कला की शक्ति का अन्वेषण किया गया है।
2. लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई के कुछ उल्लेखनीय कार्य क्या हैं?
उनकी प्रसिद्ध कृतियों में सैटेनटैंगो, द मेलांंकली ऑफ रेसिस्टेंस, वॉर एंड वॉर, सेइबो देयर बिलो, द लास्ट वुल्फ और द वर्ल्ड गोज ऑन शामिल हैं।
3. साहित्य में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कौन हैं?
रवींद्रनाथ टैगोर को वर्ष 1913 में गीतांजलि, मानसी, साधना और चित्रा जैसी कृतियों के लिये साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, जिनमें गहन संवेदनशीलता तथा साहित्यिक नवीनता की अभिव्यक्ति होती है।
प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) का विस्तार
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 9 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल करके राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) का विस्तार किया है, जिससे इस मंच पर व्यापार योग्य कृषि वस्तुओं की कुल संख्या 238 से बढ़कर 247 हो गई है।
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) क्या है?
- परिचय: ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जिसे अप्रैल 2016 में लॉन्च किया गया था, जो पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है और लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- इसके लाभार्थी किसान, मंडियाँ, व्यापारी, खरीदार, प्रसंस्करणकर्त्ता और निर्यातक हैं।
- मुख्य उद्देश्य:
- एकीकृत बाज़ार का निर्माण: अखिल भारतीय कृषि व्यापार के लिये राज्य स्तरीय बाज़ारों को एकीकृत करना।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करना: पारदर्शी नीलामी और व्यापक क्रेता पहुँच के माध्यम से बेहतर मूल्य निर्धारण सक्षम कराना।
- दक्षता में सुधार: बाज़ारों में विपणन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और मानकीकृत करना।
- गुणवत्ता सुनिश्चित करना: गुणवत्ता परख को लागू करना ताकि कीमतें उत्पाद की गुणवत्ता को प्रतिबिंबित कर सकें।
- उपभोक्ताओं को लाभ: स्थिर मूल्य और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की उपलब्धता को समर्थन।
- विशेषताएँ: अखिल भारतीय नेटवर्क, गुणवत्ता आश्वासन एवं परख, सुव्यवस्थित लाइसेंसिंग एवं बाज़ार शुल्क, प्रत्यक्ष ऑनलाइन भुगतान, बेहतर बाज़ार पहुँच एवं सूचना तथा लॉजिस्टिक्स एवं एकीकरण।
- निगरानी: यह राष्ट्रीय स्तर पर SFAC और राज्य स्तर पर सहायक एजेंसियों के साथ संबंधित राज्य विभागों के साथ समन्वित दृष्टिकोण का अनुसरण करता है।
- ई-नाम के लिये पूर्व-आवश्यकताएँ: मंडियों को e-NAM के साथ एकीकृत करने के लिये राज्यों को अपने APMC अधिनियम में तीन सुधारों को लागू करना होगा:
- ई-नीलामी/इलेक्ट्रॉनिक व्यापार की अनुमति देना।
- पूरे राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में मान्य एकल व्यापार लाइसेंस जारी करना।
- बाज़ार शुल्क का एकल-बिंदु शुल्क लागू करना।
- वस्तुओं के लिये व्यापार योग्य मानदंड: विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (DMI) को e-NAM प्लेटफॉर्म पर वस्तुओं हेतु व्यापार योग्य मानदंड निर्धारित करने का कार्य सौंपा गया है, जो मानकीकृत ग्रेडिंग या सीमा/रेंज स्थापित करते हैं, कीमतों को गुणवत्ता से जोड़ते हैं और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करते हैं।
- e-NAM की उपलब्धियाँ: फरवरी 2024 तक, 23 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 1,389 मंडियों को e-NAM प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है। इस पर 1.77 करोड़ से अधिक किसान और 2.53 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं।
- महत्त्व:
- किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।
- कटाई के बाद होने वाले नुकसानों में कमी आती है।
- कृषि व्यापार का औपचारिकरण होता है।
- उपभोक्ताओं के लिये कीमतें और आपूर्ति स्थिर रहती है।
कृषि में अन्य डिजिटल मार्केटिंग पहल
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) क्या है?
e-NAM एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसे मंडियों को एकीकृत करने, पारदर्शी नीलामी को सक्षम करने और किसानों के लिये मूल्य खोज में सुधार करने हेतु वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
2. नवीनतम विस्तार के बाद e-NAM पर कितनी वस्तुएँ व्यापार योग्य हैं?
9 नई वस्तुओं को शामिल करने के बाद अब 247 कृषि वस्तुएँ ई-नाम पर व्यापार योग्य हैं।
3. भारत में e-NAM के पूरक कौन-सी अन्य डिजिटल पहल हैं?
इन पहलों में कृषि उड़ान 2.0, FPO गठन और संवर्द्धन, ITC ई-चौपाल, एग्री-स्टैक एवं कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (AMIF) शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. भारत में, निम्नलिखित में से किन्हें कृषि में सार्वजनिक निवेश माना जा सकता है? (2020)
- सभी फसलों के कृषि उत्पाद के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना
- प्राथमिक कृषि साख समितियों का कंप्यूटरीकरण
- सामाजिक पूंजी विकास
- कृषकों को निशुल्क बिजली की आपूर्ति
- बैंकिंग प्रणाली द्वारा कृषि ऋण की माफी
- सरकारों द्वारा शीतागार सुविधाओं को स्थापित करना
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3, 4 और 5
(c) केवल 2, 3 और 6
(d) 1,2,3,4,5 और 6
उत्तर: (c)
प्रश्न. जलवायु-अनुकूल कृषि (क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर) के लिये भारत की तैयारी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
- भारत में 'जलवायु-स्मार्ट ग्राम (क्लाइमेट-स्मार्ट विलेज)' दृष्टिकोण, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम-जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा (CCAFS) द्वारा संचालित परियोजना का एक भाग है।
- CCAFS परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान हेतु परामर्शदात्री समूह (CGIAR) के अधीन संचालित किया जाता है, जिसका मुख्यालय फ्राँस में है।
- भारत में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अर्द्धशुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT), CGIAR के अनुसंधान केंद्रों में से एक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)
रैपिड फायर
विकसित भारत बिल्डथॉन 2025
विकासशील भारत बिल्डथॉन 2025 का आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा अटल नवाचार मिशन (नीति आयोग) के सहयोग से किया जा रहा है।
- परिचय: यह एक राष्ट्रव्यापी नवाचार पहल है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों में रचनात्मकता और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- उद्देश्य: विद्यार्थियों को विचार और प्रोटोटाइप विकसित करने के लिये प्रोत्साहित करना, उन्हें एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने के लिये तैयार करना।
- थीम: यह पहल चार प्रमुख राष्ट्रीय थीम पर केंद्रित है — आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी, वोकल फॉर लोकल, और समृद्ध भारत।
- समावेशी भागीदारी: इसका विशेष ध्यान आकांक्षी ज़िलों, जनजातीय क्षेत्रों तथा दूरदराज़ के क्षेत्रों के विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर है, ताकि इसका प्रभाव व्यापक स्तर तक पहुँचे।
- पुरस्कार एवं समर्थन: इस पहल के अंतर्गत राष्ट्रीय, राज्य तथा ज़िला स्तर के विजेताओं के लिये कुल ₹1 करोड़ की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है।
और पढ़ें: अटल नवाचार मिशन 2.0 |
रैपिड फायर
NPCI टेक सॉल्यूशंस लिमिटेड (NTSL)
मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने अपनी एक नई सहायक कंपनी, NPCI टेक सॉल्यूशंस लिमिटेड (NTSL) की स्थापना की घोषणा की।
- NTSL, NPCI के अंतर्गत चौथी सहायक कंपनी बन गई है और इसे फिनटेक क्षेत्र में प्रयोग एवं अग्रणी नवाचारों को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है।
- इससे पहले, NPCI ने NPCI भीम सर्विसेज लिमिटेड (NBSL), NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और NPCI भारत बिलपे लिमिटेड (NBBL) को शामिल किया था।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट
- परिचय: ग्लोबल फिनटेक फेस्ट फिनटेक में नवाचार, सहयोग और परिवर्तन के लिये एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है तथा वर्ष 2020 से, इस क्षेत्र में संवाद व कार्रवाई हेतु एक बेंचमार्क बन गया है।
- आयोजक: इसका आयोजन भारतीय भुगतान परिषद (PCI), NPCI और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल (FCC) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
फिनटेक
- फिनटेक ( फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी का संक्षिप्त रूप) वित्तीय सेवाओं और समाधानों को अधिक कुशलतापूर्वक, सुरक्षित और नवीन रूप से वितरित करने के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग को संदर्भित करता है।
सामान्य उदाहरण:
- डिजिटल भुगतान: UPI ऐप (फोनपे, गूगल पे), मोबाइल वॉलेट (पेटीएम), संपर्क रहित कार्ड।
- P2P ऋण: ऐसे प्लेटफॉर्म जो बैंकों की आवश्यकता को नज़रअंदाज़ करते हुए उधारकर्त्ताओं को सीधे ऋणदाताओं से जोड़ते हैं।
- डिजिटल बैंकिंग: केवल ऑनलाइन बैंक (नियो-बैंक) जिनकी कोई शाखा नहीं है।
- निवेश ऐप्स: स्टॉक और म्यूचुअल फंड खरीदने के लिये ग्रो, जीरोधा जैसे प्लेटफॉर्म।
- इंश्योरटेक: तकनीक-सक्षम बीमा खरीद तथा दावे (एको, पॉलिसीबाज़ार)।
- और पढ़ें: भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में फिनटेक अग्रणी
रैपिड फायर
ब्रीदेबल आर्ट
दिल्ली में वायु गुणवत्ता और संधारणीय जीवन यापन विधि के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये 'ब्रीदेबल आर्ट' (Breathable Art) का उद्घाटन किया गया।
- यह पहल पर्यावरण शिक्षा, जागरूकता, अनुसंधान और कौशल विकास (EEARSD) योजना के अंतर्गत पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण एवं आजीविका कार्यक्रम (EIACP) के तहत आयोजित 'ब्रीद ऑफ एक्सचेंज- क्लीन एयर ब्लू स्काइज़' अभियान का हिस्सा है।
- ब्रीदेबल आर्ट: यह वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शहरी क्षेत्रों में संधारणीय जीवन यापन को बढ़ावा देने के लिये एरेका पाम, स्नेक प्लांट एवं पीस लिली जैसे वायु-शोधक पौधों तथा संधारणीय सामग्रियों का उपयोग कर निर्मित एक अभिनव, जीवंत परिवेश है।
- यह छात्रों, इको-क्लबों और निवासियों के लिये एक शैक्षिक केंद्र में रूप में कार्य करेगा एवं इसमें पौधों की वायु-शोधन भूमिकाओं, शहरी क्षेत्रों के हरित स्थानों में सुधार लाने में इनकी भूमिका को उजागर करने के लिये क्यूआर-कोड सामग्री की सुविधा उपलब्ध है। यह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रकृति-आधारित समाधान है।
- EEARSD योजना: यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गैर-औपचारिक पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक चिंतन, आलोचनात्मक चिंतन, रचनात्मकता एवं सहानुभूति को बढ़ावा देने के लिये इको-क्लब, युवा क्लबों और इसी तरह के समूहों के माध्यम से सतत् शिक्षा के लिये एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
और पढ़ें: ग्रीनिंग द एजुकेशन सेक्टर |