प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) का विस्तार
- 10 Oct 2025
- 41 min read
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 9 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल करके राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) का विस्तार किया है, जिससे इस मंच पर व्यापार योग्य कृषि वस्तुओं की कुल संख्या 238 से बढ़कर 247 हो गई है।
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) क्या है?
- परिचय: ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जिसे अप्रैल 2016 में लॉन्च किया गया था, जो पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है और लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- इसके लाभार्थी किसान, मंडियाँ, व्यापारी, खरीदार, प्रसंस्करणकर्त्ता और निर्यातक हैं।
- मुख्य उद्देश्य:
- एकीकृत बाज़ार का निर्माण: अखिल भारतीय कृषि व्यापार के लिये राज्य स्तरीय बाज़ारों को एकीकृत करना।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करना: पारदर्शी नीलामी और व्यापक क्रेता पहुँच के माध्यम से बेहतर मूल्य निर्धारण सक्षम कराना।
- दक्षता में सुधार: बाज़ारों में विपणन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और मानकीकृत करना।
- गुणवत्ता सुनिश्चित करना: गुणवत्ता परख को लागू करना ताकि कीमतें उत्पाद की गुणवत्ता को प्रतिबिंबित कर सकें।
- उपभोक्ताओं को लाभ: स्थिर मूल्य और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की उपलब्धता को समर्थन।
- विशेषताएँ: अखिल भारतीय नेटवर्क, गुणवत्ता आश्वासन एवं परख, सुव्यवस्थित लाइसेंसिंग एवं बाज़ार शुल्क, प्रत्यक्ष ऑनलाइन भुगतान, बेहतर बाज़ार पहुँच एवं सूचना तथा लॉजिस्टिक्स एवं एकीकरण।
- निगरानी: यह राष्ट्रीय स्तर पर SFAC और राज्य स्तर पर सहायक एजेंसियों के साथ संबंधित राज्य विभागों के साथ समन्वित दृष्टिकोण का अनुसरण करता है।
- ई-नाम के लिये पूर्व-आवश्यकताएँ: मंडियों को e-NAM के साथ एकीकृत करने के लिये राज्यों को अपने APMC अधिनियम में तीन सुधारों को लागू करना होगा:
- ई-नीलामी/इलेक्ट्रॉनिक व्यापार की अनुमति देना।
- पूरे राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में मान्य एकल व्यापार लाइसेंस जारी करना।
- बाज़ार शुल्क का एकल-बिंदु शुल्क लागू करना।
- वस्तुओं के लिये व्यापार योग्य मानदंड: विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (DMI) को e-NAM प्लेटफॉर्म पर वस्तुओं हेतु व्यापार योग्य मानदंड निर्धारित करने का कार्य सौंपा गया है, जो मानकीकृत ग्रेडिंग या सीमा/रेंज स्थापित करते हैं, कीमतों को गुणवत्ता से जोड़ते हैं और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करते हैं।
- e-NAM की उपलब्धियाँ: फरवरी 2024 तक, 23 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 1,389 मंडियों को e-NAM प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है। इस पर 1.77 करोड़ से अधिक किसान और 2.53 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं।
- महत्त्व:
- किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।
- कटाई के बाद होने वाले नुकसानों में कमी आती है।
- कृषि व्यापार का औपचारिकरण होता है।
- उपभोक्ताओं के लिये कीमतें और आपूर्ति स्थिर रहती है।
कृषि में अन्य डिजिटल मार्केटिंग पहल
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) क्या है?
e-NAM एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसे मंडियों को एकीकृत करने, पारदर्शी नीलामी को सक्षम करने और किसानों के लिये मूल्य खोज में सुधार करने हेतु वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
2. नवीनतम विस्तार के बाद e-NAM पर कितनी वस्तुएँ व्यापार योग्य हैं?
9 नई वस्तुओं को शामिल करने के बाद अब 247 कृषि वस्तुएँ ई-नाम पर व्यापार योग्य हैं।
3. भारत में e-NAM के पूरक कौन-सी अन्य डिजिटल पहल हैं?
इन पहलों में कृषि उड़ान 2.0, FPO गठन और संवर्द्धन, ITC ई-चौपाल, एग्री-स्टैक एवं कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (AMIF) शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. भारत में, निम्नलिखित में से किन्हें कृषि में सार्वजनिक निवेश माना जा सकता है? (2020)
- सभी फसलों के कृषि उत्पाद के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना
- प्राथमिक कृषि साख समितियों का कंप्यूटरीकरण
- सामाजिक पूंजी विकास
- कृषकों को निशुल्क बिजली की आपूर्ति
- बैंकिंग प्रणाली द्वारा कृषि ऋण की माफी
- सरकारों द्वारा शीतागार सुविधाओं को स्थापित करना
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3, 4 और 5
(c) केवल 2, 3 और 6
(d) 1,2,3,4,5 और 6
उत्तर: (c)
प्रश्न. जलवायु-अनुकूल कृषि (क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर) के लिये भारत की तैयारी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
- भारत में 'जलवायु-स्मार्ट ग्राम (क्लाइमेट-स्मार्ट विलेज)' दृष्टिकोण, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम-जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा (CCAFS) द्वारा संचालित परियोजना का एक भाग है।
- CCAFS परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान हेतु परामर्शदात्री समूह (CGIAR) के अधीन संचालित किया जाता है, जिसका मुख्यालय फ्राँस में है।
- भारत में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अर्द्धशुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT), CGIAR के अनुसंधान केंद्रों में से एक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)