प्रारंभिक परीक्षा
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)
- 24 Jul 2025
- 53 min read
स्रोत: PIB
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से हाल ही में जारी किये गए एक नोट, "बढ़ता रिटेल डिजिटल भुगतान: इंटरऑपरेबिलिटी का महत्त्व” में भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस- UPI) की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है।
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) क्या है?
- परिचय: UPI एक रीयल-टाइम मोबाइल भुगतान प्रणाली है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं को एक ही ऐप में कई बैंक खातों को लिंक करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे व्यक्तिगत (Peer-to-Peer) और व्यावसायिक (Merchant) लेन-देन सहज रूप से किये जा सकते हैं।
- कार्य प्रणाली: UPI में लेन-देन पुश (भेजना) और पुल (प्राप्त करना) दोनों रूपों में किये जा सकते हैं। इसके लिये वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग किया जाता है।
यह प्रणाली दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का पालन करती है, जिससे प्रत्येक बार बैंक विवरण दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती। - प्रयुक्त प्रौद्योगिकियाँ: UPI का निर्माण IMPS (इमीजिएट पेमेंट सर्विस) पर आधारित है तथा यह आधार सक्षम भुगतान सेवाओं के साथ भी एकीकृत है।
- IMPS लाभार्थी के मोबाइल नंबर और मोबाइल मनी आइडेंटिफिकेशन नंबर (MMID) या खाता संख्या और भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) के आधार पर, भागीदार बैंक के साथ लाभार्थी के खाते में धनराशि स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करता है।
- AePS आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नकद निकासी, जमा, शेष राशि की जानकारी और धन हस्तांतरण (अंतरबैंक या अंतरबैंक) जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की अनुमति प्रदान करता है।
- भीम ऐप (BHIM App): भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) एक UPI-आधारित भुगतान ऐप है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।
UPI ने भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को किस प्रकार बदल दिया है?
- प्रभाव और स्वीकृति: UPI द्वारा जून 2025 में 18.39 बिलियन लेनदेन के माध्यम से 24.03 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया।
- UPI अब 491 मिलियन उपयोगकर्त्ताओं और 65 मिलियन व्यापारियों को सेवा प्रदान करता है, तथा 675 से अधिक बैंकों को एक मंच पर जोड़ता है।
- भारत की UPI अब विश्व की शीर्ष रियल-टाइम भुगतान प्रणाली है, जो वीज़ा के 639 मिलियन से अधिक दैनिक लेनदेन को संसाधित करती है तथा भारत में सभी डिजिटल लेन-देन में 85 प्रतिशत UPI के माध्यम से होते हैं। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है, और यह वैश्विक स्तर पर रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 प्रतिशत को संचालित करता है।
- UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान को दैनिक जीवन में एकीकृत कर दिया है, जिससे एक ही ऐप के माध्यम से 24/7 तत्काल लेनदेन और सभी बैंक खातों का आसान प्रबंधन संभव हो गया है।
- दो-कारक प्रमाणीकरण सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जबकि यूपीआई आईडी संवेदनशील बैंक विवरण साझा करने की आवश्यकता से बचकर गोपनीयता की रक्षा करते हैं। त्वरित प्रतिक्रिया (QR) कोड दुकानों पर भुगतान को तेज़ और आसान बनाते हैं।
- इंटरऑपरेबिलिटी: UPI ने क्लोज़ लूप सिस्टम जैसे सीमित वॉलेट या केवल एक बैंक तक सीमित लेन-देन की सीमाओं को समाप्त करके प्लेटफॉर्म-स्वतंत्र (Platform-agnostic) और निर्बाध भुगतान प्रणाली को संभव बनाया है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं को विभिन्न ऐप्स और बैंकों के माध्यम से लेनदेन करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे डिजिटल भुगतान आसान और अधिक सुलभ हो जाता है।
- इस खुलेपन ने ऐप्स को प्रतिस्पर्द्धा करने और बेहतर बनाने के लिये प्रेरित किया, जिससे नवाचार और बेहतर उपयोगकर्त्ता अनुभव को बढ़ावा मिला।
- वित्तीय समावेशन: UPI के शून्य-लागत, वास्तविक समय हस्तांतरण ने छोटे विक्रेताओं और पहली बार उपयोगकर्त्ताओं के लिये डिजिटल भुगतान को सुलभ बना दिया है।
- इसने लाखों किराना दुकानों और सूक्ष्म व्यवसायों को सशक्त बनाया है, साथ ही डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा तथा डिजिटल वित्त में विश्वास का निर्माण किया है।
- वैश्विक पहुँच और कूटनीति: UPI अब 7 देशों में उपलब्ध है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्राँस और मॉरीशस शामिल हैं।
- फ्राँस में इसकी शुरुआत यूरोप में इसके प्रवेश का प्रतीक है। भारत ब्रिक्स देशों में भी UPI को अपनाने पर ज़ोर दे रहा है, जिससे विदेशों में भारतीयों के लिये धन प्रेषण को बढ़ावा मिलेगा तथा भुगतान आसान होगा।
UPI के पीछे डिजिटल आधार:
- UPI की वैश्विक सफलता डिजिटल बुनियादी ढाँचे में वर्षों के निवेश पर आधारित है, जिसमें भारत ने किफायती इंटरनेट के साथ-साथ JAM ट्रिनिटी (जन धन योजना (वित्तीय समावेशन), आधार (डिजिटल पहचान) और मोबाइल कनेक्टिविटी) के माध्यम से एक मज़बूत आधार तैयार किया है।
- जुलाई 2025 के मध्य तक, जन धन योजना ने 55.9 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले, जिससे लाखों लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल हुए और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण संभव हुआ।
- आधार ने प्रत्येक निवासी को एक विशिष्ट बायोमेट्रिक-लिंक्ड पहचान प्रदान की। जून 2025 तक 142 करोड़ से अधिक आधार संख्याएँ सृजित होने के साथ, इसने सुरक्षित प्रमाणीकरण को सक्षम तथा UPI जैसी सेवाओं को सुदृढ़ बनाया।
- विश्व के सबसे तेज़ 5G रोलआउट (4.74 लाख बेस स्टेशन अब लगभग सभी ज़िलों को कवर करते हैं) के साथ कनेक्टिविटी में तेज़ी से सुधार हुआ।
- डेटा की लागत वर्ष 2014 में 308 रुपए/GB से घटकर वर्ष 2022 में 9.34 रुपए हो गई, जिससे 116 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्त्ताओं को लाभ होगा।
- इन सभी स्तंभों के सम्मिलित प्रयासों ने UPI को विश्व का अग्रणी रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली बना दिया और भारत को वैश्विक डिजिटल वित्तीय मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्सप्रश्न 1. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न 2. 'एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI)' को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक संभाव्यता है? (2017) (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वालेट आवश्यक नहीं होंगे। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |