रैपिड फायर
RBI का वित्तीय समावेशन सूचकांक 2025
- 24 Jul 2025
- 11 min read
स्रोत: IE
भारतीय रिज़र्व बैंक का वित्तीय समावेशन सूचकांक (FI-Index) मार्च 2025 में बढ़कर 67 हो गया, जो मार्च 2024 में 64.2 था। इस वृद्धि का कारण बेहतर पहुँच, उपयोग और गुणवत्ता है, जो वित्तीय भागीदारी की गहराई और सुधरती वित्तीय साक्षरता को दर्शाता है।
- वित्तीय समावेशन सूचकांक (FI-Index) बैंकिंग, निवेश, बीमा, पेंशन और डाक क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन का एक समग्र माप है। यह सरकार और नियामकों के इनपुट के साथ विकसित किया गया है।
- यह जुलाई में प्रतिवर्ष प्रकाशित होता है तथा वित्तीय समावेशन सूचकांक 0 से 100 तक के मूल्य का होता है, जिसमें 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण को जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। ·
- इस सूचकांक का कोई आधार वर्ष नहीं है, जो समय के साथ संचयी प्रगति को दर्शाता है।
- इसमें तीन पैरामीटर शामिल हैं: पहुँच (35%), उपयोग (45%), और गुणवत्ता (20%)।
- गुणवत्ता पैरामीटर एक अनूठी विशेषता है जिसमें वित्तीय साक्षरता, उपभोक्ता संरक्षण और सेवा समानता शामिल हैं।
- यह जुलाई में प्रतिवर्ष प्रकाशित होता है तथा वित्तीय समावेशन सूचकांक 0 से 100 तक के मूल्य का होता है, जिसमें 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण को जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। ·
- यह सूचकांक मार्च 2017 में 43.4 से बढ़कर मार्च 2021 में 53.9 हो गया है जो अब मार्च 2025 में 67 तक पहुँच गया है।
- विशेषज्ञ इस वृद्धि का श्रेय डिजिटल प्रयासों और निरंतर वित्तीय साक्षरता को देते हैं, जो सार्थक और समावेशी वित्तीय सशक्तीकरण की ओर एक बदलाव का प्रतीक है।