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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Nov 2025
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उत्तराखंड Switch to English

देहरादून का पहला ग्रे स्मार्ट टॉयलेट

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिये विशेष रूप से विकसित किये गए अपने पहले ग्रे स्मार्ट टॉयलेट का उद्घाटन किया है, जिससे देहरादून में एक सुलभ, तकनीकी-सक्षम स्वच्छता इकाई की शुरुआत हुई है।

मुख्य बिंदु

  • ग्रे स्मार्ट टॉयलेट देहरादून के प्रेम नगर क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जो राज्य की पहली वरिष्ठ नागरिक-केंद्रित स्वच्छता सुविधा है।
  • टॉयलेट में सेंसर आधारित स्वचालित सुविधाएँ, व्हीलचेयर अनुकूलित रैंप, सहायक ग्रैब बार, फिसलन रोधी फर्श और कम ऊँचाई वाले उपकरण लगे हैं, ताकि बुज़ुर्गों की सुरक्षा तथा सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
  • इसमें IoT-आधारित मॉनिटरिंग, स्वचालित फ्लशिंग, जल-स्तर सेंसर और रखरखाव अलर्ट के लिये ऐप-लिंक्ड डैशबोर्ड भी शामिल है, जिससे मैनुअल पर्यवेक्षण कम हो जाता है।
  • इस संरचना में पूर्व-निर्मित, मौसम-प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में स्थायित्व सुनिश्चित करते हुए स्थापना और गतिशीलता में सुगमता बनाए रखती है।
  • जन-कल्याण पहल के तहत निर्मित इस परियोजना का उद्देश्य सम्मानजनक और सुलभ स्वच्छता को बढ़ावा देना है, जो कि उत्तराखंड के जन-अनुकूल शहरी तथा ग्रामीण बुनियादी ढाँचे के लिये प्रयास के अनुरूप है।
  • इस मॉडल को राज्य के लोकप्रिय तीर्थ यात्रियों और पर्यटन सर्किटों, जैसे चार धाम मार्गों पर भी लागू किये जाने की संभावना है, जहाँ वरिष्ठ नागरिकों का आगमन उल्लेखनीय रूप से अधिक रहता है।

राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English

सूर्यकिरण अभ्यास 2025

चर्चा में क्यों?

भारत–नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्यकिरण का 19वाँ संस्करण 25 नवंबर, 2025 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में प्रारंभ हुआ।

मुख्य बिंदु

सूर्यकिरण अभ्यास के बारे में:

  • सूर्यकिरण अभ्यास भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जो प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है तथा इसकी मेज़बानी का दायित्व दोनों देशों के बीच बारी-बारी से होता है।
  • इसका उद्देश्य अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना, सैन्य कूटनीति को मज़बूत करना और भारत-नेपाल रक्षा सहयोग में वृद्धि करना है।
  • यह अभ्यास मुख्यतः सशस्त्र विद्रोह निवारण, आतंकवाद निवारण तथा दोनों सेनाओं के लिये समान वन/पहाड़ी युद्ध क्षेत्र पर केंद्रित है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत आयोजित किया जाता है, जो शांति बनाए रखने, शांति के उल्लंघनों और आतंकवाद निवारण परिदृश्यों से संबंधित दायित्वों को संबोधित करता है।

वर्ष 2025 का संस्करण:

  • यह संस्करण 25 नवंबर से 8 दिसंबर, 2025 तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित किया जा रहा है।
  • भारतीय दल में 334 कार्मिक शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश असम रेजिमेंट से हैं, जबकि नेपाली दल में भी 334 कार्मिक शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश देवी दत्त रेजिमेंट से हैं।
  • इस संस्करण में विशिष्ट और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है, जैसे:

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नई चेतना 4.0 अभियान

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ मिलकर दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत एक राष्ट्रीय पहल 'नई चेतना 4.0' का शुभारंभ किया।

मुख्य बिंदु

पहल के बारे में:

  • नई चेतना - परिवर्तन की पहल का चौथा संस्करण विशेष रूप से ग्रामीण भारत में महिलाओं की सुरक्षा, गतिशीलता, सम्मान और सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है
  • यह अभियान DAY–NRLM के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) के व्यापक नेटवर्क के नेतृत्व में 25 नवंबर से 23 दिसंबर 2025 तक संपूर्ण देश में संचालित किया जाएगा।
  • इसमें नशा-उन्मूलन पर विशेष ज़ोर दिया गया है, जिसे घरेलू हिंसा का प्रमुख कारण माना गया है तथा गाँव-स्तरीय अभियानों के माध्यम से हिंसा-मुक्त समुदायों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • यह पहल शासन में महिलाओं की स्थिति, सुरक्षित सार्वजनिक स्थान, साझी घरेलू ज़िम्मेदारियाँ तथा महिलाओं की आर्थिक भूमिकाओं की मान्यता को रेखांकित करती है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)

  • इस मिशन को वर्ष 2011 में प्रारम्भ किया गया था तथा इसकी क्रियान्वयन संरचना और पहुँच को सुदृढ़ करने हेतु वर्ष 2015 में इसका पुनर्गठन किया गया। 
  • मिशन का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • इस योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से स्वरोज़गार, कौशल विकास और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देकर ग्रामीण गरीबी को कम करना है।
  • यह मुख्यतः ग्रामीण महिलाओं को SHGs में संगठित करने, उन्हें क्रेडिट लिंकिंग, क्षमता-विकास सहायता तथा बाज़ारों तक बेहतर पहुँच प्रदान करने पर केंद्रित है।
  • इसमें वित्तीय समावेशन, डिजिटल साक्षरता तथा आजीविका गतिविधियों के विविधीकरण जैसे प्रमुख घटक शामिल हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक आय में सुधार और स्थिरता सुनिश्चित करना है।

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