मध्य प्रदेश Switch to English
अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि सम्मेलन 2025
चर्चा में क्यों?
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य विभाग ने, मध्य प्रदेश के इंदौर में अंतर्देशीय मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए "अंतर्देशीय मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि सम्मेलन 2025" का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु
- PMMSY के अंतर्गत प्रमुख मत्स्य परियोजनाओं का उद्घाटन:
- केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत प्रमुख मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मंत्री ने हलाली बाँध पर जलाशय मत्स्य पालन क्लस्टर का शुभारंभ किया और विभिन्न PMMSY-समर्थित पहलों की आधारशिला रखी, जिनका उद्देश्य जलीय कृषि ढाँचे को मज़बूत करना, मछली उत्पादन को बढ़ावा देना तथा अंतर्देशीय क्षेत्रों में आजीविका के अवसर सृजित करना है।
- लाभार्थियों को सहायता और तकनीकी एकीकरण:
- मंत्री ने मत्स्य सहकारी समितियों, मत्स्य कृषक उत्पादक संगठनों (FFPOs) और मत्स्य स्टार्टअप्स सहित अनेक लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये।
- मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और जलीय कृषि बीमा प्रदान किया गया, जिससे हाशिये पर स्थित समुदायों को एकीकृत डिजिटल पहुँच तथा केंद्रित बीमा कवरेज प्राप्त हुआ।
- 2015 से अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन में वृद्धि:
- वर्ष 2015 से सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु विभिन्न प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत 38,572 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
- इसके परिणामस्वरूप भारत का कुल मछली उत्पादन 104% बढ़कर, 2013-14 में 95.79 लाख टन से 2024-25 में 195 लाख टन हो गया।
- अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि ने इस उत्पादन में 75% से अधिक योगदान दिया, जो 2024-25 में 140% बढ़कर 147.37 लाख टन तक पहुँच गया।
- यह क्षेत्र वर्ष भर उत्पादन, कुशल संसाधन उपयोग को संभव बनाता है तथा कम उपयोग वाली भूमि को आय-उत्पादक परिसंपत्तियों में परिवर्तित करता है, जिससे ग्रामीणों और छोटे किसानों की आजीविका को समर्थन मिलता है।
- प्रौद्योगिकी-संचालित विकास और नवाचार:
- PMMSY और नीली क्रांति के तहत सरकार ने 45,000 अंतर्देशीय इकाइयों को स्वीकृति दी, जिससे उत्पादकता में 20 गुना तक वृद्धि हुई।
- मछली परिवहन, निगरानी तथा सतत् मत्स्य प्रबंधन के लिये ड्रोन के उपयोग की संभावनाएँ तलाशने हेतु ICAR-CIFRI (केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान) के साथ एक पायलट परियोजना शुरू की गई।
- भारत के मत्स्य क्षेत्र की स्थिति:
- भारत, चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक तथा दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि देश है।
- भारत मछली निर्यात में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है, जो विश्व मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
- अंतर्देशीय मत्स्य पालन कुल उत्पादन का 75% से अधिक हिस्सा प्रदान करता है।
शीर्ष मछली उत्पादक राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा कर्नाटक
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
- मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम PMMSY का उद्देश्य नीली क्रांति के लिये भारत के मत्स्य उद्योग को सतत् और ज़िम्मेदार तरीके से विकसित करना है।
- यह मछुआरों के कल्याण को सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र के व्यापक विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- PMMSY को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिये कार्यान्वित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- PMMSY मत्स्य पालन, उत्पादकता, गुणवत्ता और बुनियादी ढाँचे में अंतराल को को कम कर मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण की गारंटी देते हुए मूल्य शृंखला का आधुनिकीकरण करता है।
नीली क्रांति
- नीली क्रांति का तात्पर्य अंतर्देशीय, समुद्री मत्स्य पालन और जलीय कृषि के माध्यम से मछली उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ावा देने हेतु मत्स्य क्षेत्र के एकीकृत तथा सतत् विकास से है।
- सरकार ने सभी चालू मत्स्यपालन योजनाओं को एक एकीकृत कार्यक्रम के रूप में पुनर्गठित किया, जिसे "नीली क्रांति: मत्स्यपालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन" नाम दिया गया।
- यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जाती है, जो संपुर्ण क्षेत्र में लक्षित सहायता सुनिश्चित करती है।
उद्देश्य:
- मछली उत्पादन को टिकाऊ और उत्तरदायित्वपूर्ण तरीके से बढ़ावा देना।
- नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना।
- खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- रोज़गार के अवसर सृजित करना तथा निर्यात को बढ़ावा देना।
- समावेशी विकास को बढ़ावा देना तथा मछुआरों और मत्स्यपालकों को सशक्त बनाना।

