हरियाणा Switch to English
घर-घर शौर्य सम्मान पहल और कारगिल विजय दिवस
चर्चा में क्यों?
'घर-घर शौर्य सम्मान' पहल के तहत, भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिवारों को सम्मान-पत्र और स्मृति चिह्न भेंट कर उनकी वीरता को श्रद्धांजलि दी।
- देश 26 जुलाई 2025 को 26वें कारगिल विजय दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, यह पहल अपने सैनिकों और उनके प्रियजनों के प्रति सेना के अटूट समर्पण का उदाहरण है।
मुख्य बिंदु
- कारगिल विजय दिवस:
- 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की, जो लगभग तीन महीने तक चले कारगिल संघर्ष में विजय का प्रतीक था।
- प्रमुख युद्ध स्थलों में टोलोलिंग और टाइगर हिल शामिल थे,जो अपनी अत्यधिक ऊँचाई तथा दुर्गम भू-भाग के लिये जाने जाते हैं।
- कारगिल युद्ध के समय यह क्षेत्र पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा था।
- वर्ष 2020 के पुनर्गठन के बाद, कारगिल अब केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में स्थित है, जो अपने बीहड़ भू-दृश्य और उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिये प्रसिद्ध है।
- पृष्ठभूमि:
- भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षों का इतिहास रहा है, जिसमें वर्ष 1971 का एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष भी शामिल है, जिसके कारण बांग्लादेश का गठन हुआ।
- वर्ष 1971 के बाद, दोनों देशों ने विशेष रूप से निकटवर्ती पर्वत शृंखलाओं पर सैन्य चौकियों के माध्यम से सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण की होड़ में निरंतर तनाव का सामना किया।
- वर्ष 1998 में, दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किये जिससे तनाव बढ़ गया। फरवरी 1999 में लाहौर घोषणा का उद्देश्य कश्मीर संघर्ष को शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय रूप से हल करना था।
- वर्ष 1998-1999 की सर्दियों के दौरान पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने कारगिल, लद्दाख के द्रास व बटालिक सेक्टर में NH 1A पर स्थित किलेबंद ठिकानों पर कब्ज़ा करने के लिये नियंत्रण रेखा (LOC) के पार गुप्त रूप से सैनिकों को प्रशिक्षित और तैनात किया।
- भारतीय सैनिकों ने पहले तो इसे घुसपैठियों को आतंकवादी या 'जिहादी' समझा, लेकिन जल्द ही स्पष्ट हो गया कि यह हमला एक सुनियोजित सैन्य अभियान था।
- यह युद्ध वर्ष 1999 की गर्मियों में कारगिल सेक्टर में मश्कोह घाटी से लेकर तुरतुक तक फैली 170 किलोमीटर लंबी पर्वतीय सीमा पर लड़ा गया था।
- इसके प्रत्युत्तर में, भारत ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की, जिसमें घुसपैठ का मुकाबला करने के लिये 200,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया गया।
- कारगिल युद्ध दिवस का महत्त्व:
- वर्ष 1999 में युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय सैनिकों की स्मृति में उनका सम्मान करने के लिये 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- वर्ष 2000 में द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक की स्थापना भारतीय सेना द्वारा वर्ष 1999 में ऑपरेशन विजय की सफलता की याद में बनाया गया था।
- बाद में वर्ष 2014 में इसका जीर्णोद्धार किया गया। जम्मू और कश्मीर के कारगिल ज़िले के द्रास शहर में स्थित होने के कारण इसे "द्रास युद्ध स्मारक" के रूप में भी जाना जाता है।
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन वर्ष 2019 में किया गया। यह उन सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने वर्ष 1962 में चीन-भारत युद्ध, वर्ष 1947, वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में वर्ष 1987-90 में भारतीय शांति सेना के ऑपरेशन तथा वर्ष 1999 में कारगिल संघर्ष सहित विभिन्न संघर्षों व मिशनों में अपने प्राणों की आहुति दी।