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इंडियन ग्रे वुल्फ
चर्चा में क्यों?
इंडियन ग्रे वुल्फ (कैनिस लूपस पैलिप्स) हाल ही में दिल्ली में यमुना के बाढ़ के मैदानों के पास देखा गया, जो 1940 के दशक के बाद पहली बार दर्ज किया गया दृश्य है।
- इसे दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के त्रि-जंक्शन पर यमुना नदी के तट पर स्थित पल्ला गाँव में देखा गया।
मुख्य बिंदु
- भारतीय ग्रे वुल्फ के बारे में:
- भारतीय ग्रे वुल्फ, ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है जो भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पश्चिम एशिया में पाई जाती है।
- यह रात्रिचर तथा एक शीर्ष शिकारी है, जो छोटे समूहों में शिकार करता है तथा अन्य भेड़िया उप-प्रजातियों की तुलना में कम मुखर होता है।
- आकृति:
- कैनिडे परिवार के इस मांसाहारी वुल्फ की लंबाई में नर में 100-130 सेमी और मादा में 87-117 सेमी होती है।
- यह आकार में तिब्बती और अरब भेड़ियों के बीच का होता है तथा इसकी खाल मोटी नहीं होती, जिससे यह गर्म जलवायु में स्वयं को आसानी से अनुकूलित कर लेता है।
- आवास एवं वितरण:
- इसकी उपस्थिति पश्चिम में इज़रायल से लेकर पूर्व में भारतीय उपमहाद्वीप तक फैली है। यह मुख्यतः झाड़ीनुमा भू-भागों, घास के मैदानों, पशुपालन आधारित कृषि-तंत्रों और अर्ध-शुष्क कृषि-तंत्रों में पाया जाता है।
- महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में इनका अस्तित्व पाया जाता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- CITES: परिशिष्ट I
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I
बांकापुर भेड़िया अभयारण्य
- यह कर्नाटक में स्थित है और यह झारखंड में महुआदानर भेड़िया अभयारण्य (1976 में स्थापित) के बाद भारत का दूसरा संरक्षित क्षेत्र है, जो पूरी तरह से भेड़ियों को समर्पित है।
- यह 332 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसमें झाड़ीदार जंगल, पहाड़ियाँ तथा भेड़ियों के निवास के लिये उपयुक्त प्राकृतिक गुफाएँ हैं।

