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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Jun 2022
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कूनो पालपुर सेंचुरी में अफ्रीकन चीतों के बाड़े के इर्द-गिर्द पर्यटन बंद रखने की सिफारिश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से कूनो पालपुर सेंचुरी में चीतों की बसाहट की तैयारियाँ देखने आए एक्सपर्ट और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी एस.पी. यादव ने चीतों के बाड़े के इर्द-गिर्द पर्यटन गतिविधियों को पूरी तरह से बंद रखने की सिफारिश की है।

प्रमुख बिंदु

  • एक्सपर्ट का कहना है कि कूनो में चीतों को जिस 5 वर्ग किमी. के एनक्लोजर में रखा जाएगा, उसके इर्द-गिर्द न तो पर्यटकों को एंट्री दी जाए और न ही इसके लिये किसी तरह के पर्यटन प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जाए।
  • इतना ही नहीं एक्सपर्ट ने चीतों के लिये बनाए गए बाड़े की फेंसिंग को ग्रीन मैट से कवर करने की भी सिफारिश की है। अफ्रीकन एक्सपर्ट ने कहा कि यदि ग्रीन मैट नहीं लगाई गई तो वे फेंसिंग को पार करने की कोशिश करेंगे। इसलिये उन्हें ग्रीन मैट लगाकर यह अहसास कराया जाएगा कि फेंसिंग के बाद कुछ नहीं है।
  • चीतों के बाड़े में रहने तक फिलहाल टूरिज़्म गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की जा रही है। इस प्रस्ताव के बाद प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की पर्यटन को बढ़ावा देने वाली कोशिशों को झटका लगा है।
  • गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का पर्यटन विभाग चीतों के आगमन के बाद कूनो में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये तैयारियाँ कर रहा था। इसके तहत कूनो सेंचुरी का टूरिज़्म प्लान तैयार किया गया था। इसमें प्रतिदिन पर्यटकों के अधिकतम 100 वाहनों को एंट्री देने की बात कही गई थी।
  • अफ्रीका से आने वाले चीतों का कूनो अभयारण्य में अगस्त, 2022 तक आने की संभावना जताई जा रही है। मध्य प्रदेश विगत 27 सालों से कूनो में चीतों की बसाहट के लिये प्रयास कर रहा है। आज़ादी के 70 साल बाद इस विलुप्त जीव को एक बार फिर से देश में स्थापित कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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