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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Jan 2022
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स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने की शैक्षणिक मेले की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2022 को स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तुलसीनगर में शैक्षणिक मेले का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मंत्री इंदर सिंह परमार ने 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के प्रदेशव्यापी कोविड टीकाकरण में प्रथम डोज लगवाने वाली छात्राओं को प्रमाण-पत्र दिये। साथ ही वैक्सीनेशन के लिये विद्यालय की टीम के सदस्यों को भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
  • मेले में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के विज्ञान, गणित, आर्ट्स एंड क्रॉफ्ट और वाणिज्य से संबंधित सभी प्रकार के 150 मॉडल रखे गए हैं। 
  • मेले में विज्ञान नाटिका एवं ‘जादू नहीं विज्ञान’ का आयोजन भी किया गया। विद्यालय में मॉडल के तौर पर आए हुए कोरोना वायरस, मास्क, मोटू-पतलू के कार्टूनों ने विद्यार्थियों को आकर्षित किया।

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राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2022 को हैंडलूम एक्स-पो भोपाल हाट बाज़ार में आयोजित कार्यक्रम में संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम द्वारा प्रदेश के 15 शिल्पियों को राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • आयुक्त हथकरघा एवं रेशम सुरभि गुप्ता तथा संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम घ्की प्रबंध संचालक अनुभा श्रीवास्तव ने प्रदेश के प्रसिद्ध बुनकरों तथा हस्तशिल्पियों को वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिये इन पुरस्कारों से सम्मानित किया। 
  • आयुक्त सुरभि गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुनकरों की कला का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष कबीर और विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि राज्यस्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को एक लाख रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 50 हज़ार रुपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 25 हज़ार रुपए की राशि, शॉल और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।
  • कबीर बुनकर पुरस्कार वर्ष 2018-19 के लिये प्रथम पुरस्कार घासीराम लालमणी (चंदेरी) को, द्वितीय पुरस्कार विकास बण्डे (महेश्वर) को तथा तृतीय पुरस्कार अनिल मुकाती (महेश्वर) को मिला।
  • वहीं कबीर बुनकर पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिये प्रथम पुरस्कार रूबीना बी खान (महेश्वर) को, द्वितीय पुरस्कार रेखाबाई कोली (चंदेरी) को और तृतीय पुरस्कार पन्नालाल खरे (महेश्वर) को प्राप्त हुआ।
  • राज्यस्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार वर्ष 2020-21 के लिये प्रथम पुरस्कार (संयुक्त) सुगंधा जैन (इंदौर) एवं मो. काजिम खत्री (धार) को, द्वितीय पुरस्कार (संयुक्त) मो. मोहसीन छीपा (उज्जैन) एवं सुभाष पोयाम (भोपाल) को, तृतीय पुरस्कार (संयुक्त) बलदेव बागमारे (बैतूल) डॉ. राजीव नाफड़े (होशंगाबाद) को मिला।
  • वहीं प्रोत्साहन पुरस्कार हयात गुट्टी (उज्जैन), मो. आसिफ (उज्जैन) एवं अब्दुल करीम खत्री (धार) को प्रदान किये गए।

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जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान का एप्को में विलय

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश शासन ने सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एवं सस्टेनेबल डेवलपमेंट (जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान) का विलय पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) में कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास संस्थान (सीसीसी एंड एसडी) की वार्षिक सभा की बैठक में इसका विघटन एप्को में करने का निर्णय लिया गया था। 
  • राज्य शासन द्वारा पर्यावरण विभाग में वर्ष 2009 में सीडीएम एजेंसी का गठन सोसायटी अधिनियम में किया गया था। इसके बाद सीडीएम एजेंसी का नाम परिवर्तित कर सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट किया गया।
  • राज्य शासन द्वारा एप्को में राज्य जलवायु परिवर्तन एवं ज्ञान प्रबंधन केंद्र की स्थापना कर एप्को को राज्य डेजिग्नेटेड एजेंसी का दायित्व सौंपा गया। 
  • इस ज्ञान केंद्र की गतिविधियों और मानव संसाधन के लिये केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन ज्ञान मिशन के तहत अनुदान दिया जाता है।

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मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान का निवारण एवं वसूली अधिनियम, 2021

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश विधि-विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली अधिनियम, 2021 तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय इस अधिनियम को 3 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा अनुमति प्रदान की गई।
  • उन्होंने कहा कि आंदोलन, हड़ताल, बंद, दंगों (सांप्रदायिक या अन्यथा), लोक अशांति, अभ्यापत्ति या इसके समान गतिविधियों के नाम पर सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुँचाने वालों के विरुद्ध कानून सम्मत सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
  • विधि मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने में संलिप्त रहने वाले लोगों से कानूनन जुर्माना वसूली का प्रावधान भी कानून में है। संपत्ति के नुकसान की राशि के निर्धारण और दावे के लिये दावा अधिकरण का गठन भी प्रावधानित है।

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