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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    चुनावी बॉण्ड देश में राजनीतिक वित्त पोषण प्रणाली में किस प्रकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं साथ ही चुनावी बॉण्ड्स की सीमाओं का उल्लेख करें।

    09 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोणः

    • चुनावी बॉण्ड की शुरुआत में निहित उद्देश्य।

    • राजनीतिक वित्तपोषण प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकते हैं?

    • राजनीतिक वित्तपोषण के संदर्भ में चुनावी बॉण्ड्स की उपयोगिता के बिंदु।

    देश में राजनीतिक, वित्तपोषण की प्रणाली को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से चुनावी बॉण्ड्स की शुरुआत की गई।

    चुनावी बॉण्ड्स की शुरुआत के पीछे तर्कः

    • राजनीतिक वित्तपोषण में नकदी के प्रयोग को सीमित करना - इस योजना से पूर्व व्यक्तियों तथा कॉर्पोरेट्स द्वारा वित्तपोषण के अवैध साधनों का प्रयोग करते हुए राजनीतिक चंदे के रूप में बड़े पैमाने पर नकद राशि दी जाती थी जो पूर्णतया अपारदर्शी थी तथा अनामिता को बढ़ावा देती थी।

    चुनावी बॉण्ड्स के तहत एक पार्टी को दिये गए सभी चंदे का लेखा-जोखा बैंलेंस शीट में दर्शाया जाएगा तथा यह सार्वजनिक रूप से दानकर्त्ता के विवरण को उजागर किये बिना प्रदान किया जाएगा।

    काले धन पर अंकुश:

    • चुनावी बॉण्ड्स के निर्गमन हेतु भुगतान केवल डिमांड ड्राफ्रट के माध्यम से ही किया जा सकता है।
    • इन बॉण्ड्स को खरीदने वाले को KYC नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
    • बॉण्ड्स की वैधता हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई ताकि बॉण्ड एक समांनातर मुद्रा न बन सके।
    • यह ऐसे दलों को बाहर कर देती है जो कर वंचना के आधार पर बनाए गए हैं क्योंकि इसमें राजनीतिक दलों के लिये अर्हता हेतु एक कठोर उपबंध को समाविष्ट किया गया है।

    उपर्युक्त प्रावधानों के बावजूद निम्नलिखित कारणों से अभी भी राजनीतिक वित्तपोषण के संदर्भ में अस्पष्टता बनी हुई है-

    • साधारण नागरिकों को यह जानकारी नहीं प्राप्त हो पाती है कि किस राजनीतिक दल को कौन कितना चंदा दे रहा है।
    • इससे पूर्व, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपए से अधिक के चंदे के रिकॉर्ड को बनाए रखना होता था, जबकि चुनावी बॉण्ड्स को इस शर्त के दायरे से बाहर रखा गया है।
    • ये विदेशी वित्तपोषण के लिये भी उपलब्ध हैं जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया विसम्मति नोट के अंतर्गत रेखांकित किया गया है।
    • इससे पहले कंपनियों को अपनी राजनीतिक फंडिंग के विवरण का ब्योरा देना होता था लेकिन इसको भी इस योजना के तहत हटा दिया गया।
    • इसने राजनीतिक दलों को फंड प्रदान करने हेतु अनैतिक लोगों द्वारा कंपनियों के गठन करने के मार्ग को सुलभ बना दिया है।
    • यह राजनीतिक वित्तपोषण के मामले में एक समान अवसर भी नहीं प्रदान करता।
    • विभिन्न तथ्यों से ये आँकड़ें भी सामने आए हैं कि चुनावी बॉण्ड्स का प्रयोग अधिकाशतः शहरों में अमीर लोगों द्वारा किया गया है, जबकि देश की बहुसंख्यक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।

    निष्कर्षतः चुनावी बॉण्ड्स राजनीतिक वित्तीय सुधारों के संदर्भ में एक सकारात्मक पहल है किंतु शुरुआती रुझान इस तथ्य को इंगित करते हैं कि इसकी सीमाओं के संदर्भ में पुनर्विचार किये जाने की आवश्यकता है।

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