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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    म्युनिसिपल बॉण्ड क्या है? इसकी क्या आवश्यकता है ? इससे होने वाले लाभ और चुनौतियों पर प्रकाश डालें।

    01 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा-

    • म्युनिसिपल बॉण्ड क्या है व कहाँ उपयोग होता है, लिखें।
    • इसकी आवश्यकता के बारे में लिखें। 
    • इससे होने वाले लाभ बिंदुवार लिखें। 
    • म्युनिसिपल बॉण्ड से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख करें।

    म्युनिसिपल बॉण्ड एक प्रकार का कर बचत निवेश होता है जिसे नगरपालिका स्तर के विभागों द्वारा सामुदायिक हित की दृष्टि से स्थानीय क्षेत्रों के विकास के लिये एकत्रित किया जाता है। इस निधि का इस्तेमाल शहरों में लोगों के जीवन को सुविधापूर्ण बनाने के लिये वहाँ शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों तथा अन्य ऐसे ही उपयोगी संसाधनों के निर्माण के लिये किया जाता है। 

    भारतीय शहरों को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करने के लिये तथा शहरी व अर्द्धशहरी क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाओं, जैसे- पार्क, भवन, सीवर, अस्पताल आदि के निर्माण हेतु वित्तपोषण के लिये म्युनिसिपल बॉण्ड एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। स्मार्ट सिटी मिशन की सफलता में इस बॉण्ड की कारगर भूमिका हो सकती है। 

    म्युनिसिपल बॉण्ड के लाभ-

    • स्थानीय निकाय आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। 
    • इससे स्थानीय अवसंरचनात्मक विकास से संबंधित मौजूदा योजनाओ, JNNURM को सहायता मिलेगी।
    • इस बॉण्ड के ज़रिये लोगों को निवेश करने के लिये एक कर मुक्त अवसर प्राप्त होगा।
    • इससे लोगों की कर बचत में वृद्धि होगी और परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में निवेश के लिये लोगों की सहभागिता बढ़ेगी।
    • इस बॉण्ड के माध्यम से शहर के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों में लोग सीधे तौर पर शामिल हो सकेंगे।

    म्युनिसिपल बॉण्ड से संबंधित चुनौतियाँ –

    • यह नगर निगमों के मध्य असमानताओं का एक कारण भी हो सकता है क्योंकि बेहतर रेटिंग वाले निगमों को निवेश का अधिकांश हिस्सा प्राप्त होगा। 
    • वित्तीय संकट के समय राज्य सरकारों द्वारा बॉण्ड की गारंटी की अनिच्छा भी इसके लिये एक चुनौती बन सकती है। 
    • पहले से ही अवसंरचनात्मक विकास की कमी झेल रहे शहर निवेश के मामले में “क्राउडिंग आउट इफेक्ट”का शिकार बन सकते हैं। 

    नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित “त्रिवर्षीय कार्यवाही एजेंडा” में भी म्युनिसिपल बॉण्ड के उपयोग करने की बात कही गई है। म्युनिसिपल बॉण्ड को शहर के वित्तपोषण के लिये आवश्यक एक अवयव की भाँति देखना चाहिये। साथ ही शहरों को राजस्व एकत्रित करने के लिये अन्य स्रोतों पर भी ध्यान देना चाहिये। 

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