प्रारंभिक परीक्षा
अमेज़न वर्षावन
चर्चा में क्यों?
नेचर अध्ययन से पता चलता है कि अमेज़न वर्षावन के वृक्ष बड़े हो रहे हैं, क्योंकि बढ़ते वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के स्तर से कार्बन निषेचन प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे प्रकाश संश्लेषण और पौधों की वृद्धि हो रही है, जिससे कार्बन भंडारण बढ़ रहा है तथा जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में सहायता मिल सकती है।
कार्बन निषेचन प्रभाव क्या है?
- यह वह प्रक्रिया है जिसमें वायुमंडल में CO2 का उच्च स्तर पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
- CO2 प्रकाश संश्लेषण का एक प्रमुख घटक है, इसलिये जब पौधों को इसकी अधिक मात्रा मिलती है तो वे तेज़ी से बढ़ सकते हैं, अधिक जैव ईंधन उत्पन्न कर सकते हैं और प्राय: जल का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकते हैं।
- यह प्रभाव वनों और फसलों में प्राकृतिक रूप से देखा जाता है तथा इसका उपयोग ग्रीनहाउस में सब्जियों, फलों एवं सजावटी पौधों की पैदावार बढ़ाने के लिये कृत्रिम रूप से भी किया जाता है।
- हालाँकि, यह प्रभाव असीमित नहीं है और जल की उपलब्धता, मृदा के पोषक तत्त्वों (विशेषकर नाइट्रोजन) तथा तापमान जैसे अन्य कारकों पर निर्भर करता है, जो लाभों को सीमित कर सकते हैं या उलट भी सकते हैं।
अमेज़न वर्षावन के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- स्थान और आकार: दक्षिण अमेरिका में स्थित अमेज़न वर्षावन, विश्व का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के क्षेत्रफल का दोगुना है।
- यह विश्व की सबसे बड़ी नदी बेसिन, अमेज़न नदी बेसिन में फैला हुआ है। इस वर्षावन का लगभग 60% भाग ब्राज़ील में है, जबकि शेष पेरू, कोलंबिया, वेनेज़ुएला, इक्वाडोर, बोलीविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना में फैला हुआ है।
- प्राकृतिक सीमाएँ: अमेज़न प्राकृतिक रूप से गुयाना हाइलैंड्स (उत्तर), एंडीज पर्वत (पश्चिम), ब्राज़ील के पठार (दक्षिण) और अटलांटिक महासागर (पूर्व) से घिरा हुआ है।
- जलवायु विशेषताएँ: इस क्षेत्र में उच्च वर्षा, तीव्र आर्द्रता एवं समान रूप से ऊष्ण तापमान होता है, जो सघन और निरंतर वर्षावन के लिये आदर्श स्थितियाँ बनाता है।
- जैव विविधता हॉटस्पॉट: अमेज़न विश्व के सबसे समृद्ध जैविक भंडारों में से एक है, जिसमें सभी ज्ञात वन्यजीव प्रजातियों का लगभग 10% पाया जाता है, जिनमें से कई अभी भी अलिखित हैं।
- वनस्पति: प्रमुख वनस्पति प्रजातियों में मर्टल, लॉरेल, ताड़, बबूल, शीशम, ब्राज़ील नट, रबर, महोगनी और देवदार शामिल हैं।
- जीव-जंतु: प्रतिष्ठित वन्यजीवों में जगुआर, मैनेटी, टैपिर, कैपीबारा, लाल हिरण, बंदर, स्लोथ, कैमन, एनाकोंडा, टारेंटयुला, टूकेन और मैकॉ शामिल हैं।
- संरक्षित क्षेत्र: अमेज़न में कई प्रमुख संरक्षित क्षेत्र हैं, जिनमें यासुनी राष्ट्रीय उद्यान (इक्वाडोर), तुमुकुमाके राष्ट्रीय उद्यान (ब्राज़ील), जौ राष्ट्रीय उद्यान (ब्राज़ील), पिको डी नेब्लीना राष्ट्रीय उद्यान (ब्राज़ील), अमाकायाकू राष्ट्रीय प्राकृतिक उद्यान (कोलंबिया), मनु राष्ट्रीय उद्यान (पेरू) और पकाया-समीरिया राष्ट्रीय अभयारण्य (पेरू) शामिल हैं।
- वैश्विक महत्त्व: अमेज़न वर्षावन को प्राय: ‘लंग्स ऑफ द अर्थ’ कहा जाता है, अमेज़न विश्व के ऑक्सीजन का लगभग 20% उत्पादन करता है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने वाले एक महत्त्वपूर्ण कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है।
- अमेज़न नदी: प्रवाह की दृष्टि से विश्व की सबसे बड़ी नदी और नील नदी के बाद दूसरी सबसे लंबी नदी, अमेज़न पेरू के एंडीज पर्वतों से निकलती है और अटलांटिक महासागर में गिरती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ रियो नीग्रो, मदीरा और ज़िंगू हैं। इसका जलग्रहण क्षेत्र ब्राज़ील, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, वेनेज़ुएला और बोलीविया तक फैला हुआ है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. अमेज़न वर्षावन में कार्बन निषेचन प्रभाव क्या देखा गया है?
यह वह प्रक्रिया है, जिसमें वायुमंडलीय CO2 की बढ़ती मात्रा प्रकाश संश्लेषण और पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देती है, जिससे बायोमास और कार्बन भंडारण बढ़ता है, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद कर सकता है।
2. अमेज़न वर्षावन कहाँ स्थित है और इसका आकार कितना है?
दक्षिण अमेरिका में स्थित अमेज़न वर्षावन लगभग 6 मिलियन वर्ग किमी. में फैला हुआ है, जो ब्राज़ील के 60% हिस्से को कवर करता है और पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, इक्वाडोर, बोलीविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना तक फैला हुआ है।
3. अमेज़न वर्षावन को “पृथ्वी के फेफड़े” (Lungs of the earth) क्यों कहा जाता है?
यह विश्व की लगभग 20% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है और एक प्रमुख कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है, वैश्विक जलवायु को नियंत्रित करता है और जैव विविधता का समर्थन करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)
प्रिलिम्स
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)
कथन-I: उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की मृदा पोषक तत्त्वों से भरपूर होती है।
कथन-II: उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के उच्च ताप और आर्द्रता के कारण मृदा में विद्यमान मृत जैव पदार्थों का द्रुत अपघटन होता है।
उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है
(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
(c) कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है
(d) कथन I गलत है, लेकिन कथन II सही है।
उत्तर: d
प्रारंभिक परीक्षा
महात्मा गांधी और श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी और श्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा भारत की स्वतंत्रता, अखंडता एवं राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को याद किया।
महात्मा गांधी
- प्रारंभिक जीवन: 2 अक्तूबर,1869 को पोरबंदर में जन्मे गांधी ने वर्ष 1882 में कस्तूरबाई से विवाह किया और इंग्लैंड में लॉ की पढ़ाई की (1888-91)। उनका लीगल करियर शीघ्र ही न्याय के प्रति उनके नैतिक खोज के साथ जुड़ गया।
- दक्षिण अफ्रीका में अनुभव: वर्ष 1893 में पीटरमैरिट्ज़बर्ग में नस्लीय अपमान ने अन्याय के विरुद्ध उनके संकल्प को आकार दिया।
- उन्होंने नेटाल इंडियन कांग्रेस (1894) की स्थापना की, इंडियन ओपिनियन नामक समाचार पत्र शुरू किया, फीनिक्स सेटलमेंट (1904) और टॉलस्टॉय फार्म (1910) की स्थापना की, जहाँ उन्होंने सत्याग्रह को अहिंसक प्रतिरोध के रूप में विकसित किया।
- भारत वापसी: गांधीजी 9 जनवरी, 1915 को भारत लौटे (जिसे अब प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है) और उन्होंने साबरमती आश्रम (1917) की स्थापना की। उन्होंने अपनी राजनीतिक सोच की आधारशिला सरलता, सत्य और आत्मनिर्भरता पर रखी।
- प्रमुख आंदोलन: चंपारण सत्याग्रह (1917), खेड़ा सत्याग्रह (1918) और रॉलेट सत्याग्रह (1919) में उनका नेतृत्व प्रखर रहा। बाद में उन्होंने असहयोग आंदोलन (1920-22), दांडी मार्च के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के माध्यम से राष्ट्र का मार्गदर्शन किया।
- लेखन और विचार: गांधी ने अपने विचारों को हिंद स्वराज्य और अपनी आत्मकथा “एन ऑटोबायोग्राफी: द स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ" में अभिव्यक्त किया।
- उन्होंने खादी और चरखे को आत्मनिर्भरता तथा श्रम की गरिमा के प्रतीक के रूप में बढ़ावा दिया और सामाजिक एवं आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने के लिए ऑल इंडिया स्पिनर्स एसोसिएशन (1925) तथा हरिजन सेवक संघ (1932) जैसी संस्थाओं की स्थापना की।
- विरासत: गांधीजी के अंतिम वर्ष सांप्रदायिक सौहार्द और हरिजनों के उत्थान के लिये समर्पित थे। उनकी हत्या 30 जनवरी, 1948 को कर दी गई।
- गांधीजी को “राष्ट्रपिता” के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनके सत्य एवं अहिंसा के आदर्श आज भी वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हैं।
- 2 अक्तूबर को भारत में गांधी जयंती तथा विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
समकालीन पहलों में गांधीवादी दर्शन
पहल |
गांधीवादी दर्शन |
स्वच्छता ईश्वरत्व के समीप है |
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सहकारी अर्थव्यवस्था और ज़मीनी स्तर पर सशक्तीकरण |
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खादी एवं ग्रामोद्योग |
स्वदेशी और ग्राम-आधारित उत्पादन |
ग्राम आत्मनिर्भरता और पंचायती राज |
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राष्ट्रीय विकास के लिये जनजातीय उन्नति |
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गरिमापूर्ण कार्य का अधिकार और समावेशी विकास |
श्री लाल बहादुर शास्त्री
- प्रारंभिक जीवन: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्तूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन (1920) से बहुत प्रेरित थे।
- उन्होंने काशी विद्यापीठ, वाराणसी में अध्ययन किया, जहाँ उन्हें “शास्त्री” की उपाधि मिली, जो बाद में उनके नाम का हिस्सा बन गई।
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और कई बार गिरफ्तार हुए, उन्होंने ब्रिटिश जेलों में सात वर्ष से अधिक समय बिताया।
- स्वतंत्रता के बाद का राजनीतिक जीवन: उत्तर प्रदेश में संसदीय सचिव बने (1946), बाद में राज्य के गृह मंत्री बने। बाद में उन्होंने केंद्र सरकार में महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों (रेलवे, परिवहन एवं संचार, वाणिज्य एवं उद्योग, गृह मंत्रालय) का कार्यभार संभाला।
- उन्हें एक रेल दुर्घटना की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए (1956) रेल मंत्री के पद से त्यागपत्र देने के लिये जाना जाता है, जो राजनीतिक जवाबदेही का एक दुर्लभ कार्य था।
- नेतृत्व गुण: ईमानदारी, विनम्रता और कार्यकुशलता के लिये के लिये प्रशंसित किये गए उन्हें "Little Dynamo of a Man" की उपाधि दी गई।
- प्रधानमंत्रित्व काल: लाल बहादुर शास्त्री जवाहरलाल नेहरू के बाद प्रधानमंत्री बने।
- प्रधानमंत्री (1964-66) के रूप में शास्त्री जी ने वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध में दृढ़ नेतृत्व का परिचय दिया। उनकी चिरस्थायी विरासत "जय जवान, जय किसान" के नारे में निहित है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के दो स्तंभों को रेखांकित करता है।
- ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही समय बाद 11 जनवरी, 1966 को शास्त्री जी की ताशकंद में अचानक मृत्यु हो गई।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?
यह महात्मा गांधी की जयंती, 2 अक्तूबर को मनाया जाता है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2007 में घोषित किया गया था, जिसका उद्देश्य शांति और अहिंसा के गांधीवादी आदर्शों का प्रसार करना है।
2. भारत में महात्मा गांधी का पहला सफल सत्याग्रह कौन-सा था?
चंपारण सत्याग्रह (1917), बिहार में नील का उत्पादन करने वाले किसानों के शोषण के विरुद्ध किया गया था।
3. लाल बहादुर शास्त्री का प्रसिद्ध नारा क्या था और उसका महत्त्व क्या है?
"जय जवान, जय किसान" (1965), जो राष्ट्रीय रक्षा और खाद्य सुरक्षा के दो स्तंभों का द्योतक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. इनमें से कौन अंग्रेज़ी में अनूदित प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतिकाव्य-- 'सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न' से संबद्ध हैं? (2021)
(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) मोहनदास करमचंद गांधी
(d) सरोजिनी नायडू
उत्तर: C
प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
- महात्मा गांधी 'गिरमिटिया (इंडेंचर्ड लेबर)' प्रणाली के उन्मूलन में सहायक थे।
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड की 'वॉर कॉन्फ्रेंस' में महात्मा गांधी ने विश्व युद्ध के लिये भारतीयों की भर्ती से संबंधित प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था।
- भारत के लोगों द्वारा नमक कानून तोड़े जाने के परिणामस्वरूप, औपनिवेशिक शासकों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
केवल 1 और 2
केवल 1 और 3
केवल 2 और 3
1, 2 और 3
उत्तर: B
रैपिड फायर
पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT)
भारत सरकार ने गायक ज़ुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई मृत्यु की जाँच में सहयोग सुनिश्चित करने के लिये सिंगापुर के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) लागू की है।
- पारस्परिक कानूनी सहायता संधियाँ (MLAT): ये द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते हैं जो देशों को आतंकवाद, तस्करी, साइबर अपराध, तस्करी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे आपराधिक मामलों में सहयोग करने में सक्षम बनाते हैं।
- MLAT जाँच, साक्ष्य साझा करने तथा अभियोजन के लिये एक संरचित और विधिक रूप से बाध्यकारी ढाँचा प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि क्षेत्राधिकार संबंधी कमियों के कारण अपराधी न्याय से बच न सकें।
- महत्त्व: MLAT अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, पारस्परिकता और गति को मज़बूत करते हैं।
- भारत का दृष्टिकोण: भारत द्विपक्षीय/बहुपक्षीय संधियों, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों या पारस्परिकता के माध्यम से पारस्परिक कानूनी सहायता (MLA) प्रदान करता है।
- भारत ने 42 देशों के साथ MLAT पर हस्ताक्षर किये हैं (वर्ष 2019 तक)। भारत में MLA अनुरोध गृह मंत्रालय (MHA) के माध्यम से भेजे जाते हैं, जो राजनयिक माध्यमों से आवश्यकता पड़ने पर विदेश मंत्रालय (MEA) के सहयोग से केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
पारस्परिक कानूनी सहायता पर भारत के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
- अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 2000
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 2003
- स्वाप औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 1988 (वियना सम्मेलन)
- हेग कन्वेंशन
- सार्क कन्वेंशन
- राष्ट्रमंडल योजना (हरारे योजना)
और पढ़ें: भारत और अंतर्राष्ट्रीय कानून: भाग-1 |
रैपिड फायर
इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना (ECMS)
भारत की इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना (ECMS) को 13 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो इसके लक्ष्य से लगभग दोगुना है। MSME की 60% भागीदारी के साथ, इस योजना से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और प्रत्यक्ष रूप से 1.41 लाख नौकरियों का सर्जन होगा, जिससे भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक केंद्र बनने की दिशा में और सफलता मिलेगी।
- परिचय: भारत सेमीकंडक्टर मिशन के पूरक के रूप में अप्रैल 2025 में शुरू की गई ECMS का लक्ष्य घरेलू मूल्य संवर्द्धन (DVA) को बढ़ावा देकर और भारतीय फर्मों को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं (GVC) से जोड़कर तैयार माल और चिप निर्माण से आगे बढ़कर भारत की इलेक्ट्रॉनिक मूल्य शृंखला का सुदृढ़ीकरण करना है।
- ECMS ऑटोमोबाइल, बिजली और औद्योगिक क्षेत्रों के साथ क्षैतिज संबद्धता (आपूर्ति शृंखला में समान स्तर के प्रतिभागियों के बीच संबंध एवं सहयोग) में सहायक है।
- योजना अवधि: 6 वर्ष (1 वर्ष की उत्पादन/निर्माण पूर्व अवधि) अर्थात् वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2031-32 तक।
- प्रोत्साहन संरचना: ECMS के अंतर्गत टर्नओवर-लिंक्ड, कैपेक्स-लिंक्ड या हाइब्रिड राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जिसमें टर्नओवर और कैपेक्स दोनों प्रोत्साहनों का एक हिस्सा रोज़गार सृजन से संबद्ध है।
- प्रोत्साहन फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर उन कंपनियों को प्रदान किये जाएंगे जो प्रारंभिक उत्पादन के लिये तैयार हैं।
- महत्त्व: इलेक्ट्रॉनिक्स भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक क्षेत्र है और देश वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) और सेमीकंडक्टर पहलों के साथ, ECMS वर्ष 2030-31 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम का निर्माण किये जाने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
और पढ़ें: इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की संभावनाओं को उजागर करना |