बिहार Switch to English
बिहार में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित
चर्चा में क्यों?
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने न्यायिक प्रणाली को सशक्त करने और न्याय वितरण की गति बढ़ाने के लिये संपूर्ण बिहार में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) स्थापित करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: इन फास्ट ट्रैक कोर्ट का मुख्य लक्ष्य लंबित मामलों को तेज़ी से निपटाना, मौजूदा न्यायालयों पर दबाव कम करना और संवेदनशील व उच्च प्राथमिकता वाले मामलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करना है।
- लंबित मामले: वर्तमान में विभिन्न न्यायालयों में 1.8 मिलियन से अधिक मामले लंबित हैं। FTC की स्थापना से अत्यधिक दबाव वाली न्यायिक संरचना को राहत मिलने की संभावना है।
- प्रमुख आवंटन: प्रमुख शहरों में सघन स्थापना की जाएगी, जिसमें पटना में आठ FTC और गया, मुज़फ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में चार-चार FTC शामिल हैं, ताकि अधिक मामलों को संभाला जा सके।
- ज़िला वितरण: नालंदा, रोहतास, सारण, बेगूसराय, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और मधुबनी जैसे ज़िलों में प्रत्येक में तीन FTC स्थापित किये जाएंगे, ताकि न्यायिक पहुँच संतुलित रहे।
- विस्तृत कवरेज: पश्चिम चंपारण, सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, जहानाबाद, सीतामढ़ी, सिवान और अन्य ज़िलों में प्रत्येक में दो FTC स्थापित किये जाएंगे, जबकि नऊगछिया और बगाहा उप-विभागों में एक-एक FTC स्थापित किये जाएंगे।
- प्राथमिकता: जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा साझा चयनित मामले प्राथमिकता के आधार पर निपटाए जाएंगे, जिससे गंभीर और तत्काल मामलों पर तुरंत ध्यान दिया जा सके।
- भर्ती: प्रत्येक अदालत में 900 पद भरे जाएंगे, जिनमें बेंच क्लर्क, स्टेनोग्राफर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, प्रोसेस सर्वर और अन्य आवश्यक समर्थन कर्मियों को शामिल किया जाएगा।
- कानून व्यवस्था: 100 FTC में से 79 विशेष रूप से शस्त्र अधिनियम के तहत मामलों में तेज़ी लाने के लिये अधिनियम न्यायालयों के रूप में कार्य करेंगे, जिससे राज्य में कानून और व्यवस्था में सुधार के प्रयासों को बल मिलेगा।
फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय योजना
- योजना के बारे में:
- परिचय: यह योजना कानून और न्याय मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसे निर्भया फंड के माध्यम से FTSC की स्थापना के लिये लागू किया गया है।
- कार्य: प्रत्येक FTSC का लक्ष्य वर्ष में कम-से-कम 165 मामले निपटाना है।
- विस्तार: योजना को दो बार बढ़ाया गया है, नवीनतम विस्तार 31 मार्च, 2026 तक वैध है, जिसमें 790 FTSC स्थापित करने का लक्ष्य है।
- प्रदर्शन: जून 2025 तक, 725 FTSC (जिसमें 392 विशेष POCSO कोर्ट्स शामिल हैं) 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यरत हैं और वर्ष 2024 में 96% निपटान दर प्राप्त की गई।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
डॉ. अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
दिवस के बारे में:
- महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष 6 दिसंबर को भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह दिवस उनके सामाजिक सुधार, न्याय और समानता पर पड़े परिवर्तनकारी प्रभाव को सम्मानित करता है।
- “महापरिनिर्वाण” शब्द बौद्ध दर्शन से लिया गया है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति और यह बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिवस माना जाता है।
प्रमुख योगदान:
- सशक्तीकरण: शिक्षा को बढ़ावा देने, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने और बहिष्कृत समुदायों को सशक्त बनाने के लिये बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923) की स्थापना की।
- वकालत: उत्पीड़ितों को मंच प्रदान करने और सामाजिक असमानताओं को चुनौती देने के लिये मूकनायक (मौन लोगों का नेता) समाचार-पत्र की स्थापना की।
- समानता: सार्वजनिक जल संसाधनों तक समान पहुँच की वकालत करते हुए महाड़ सत्याग्रह (1927) सहित ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
- मुक्ति: वर्ष 1930 में पूजा स्थलों में जाति-आधारित प्रतिबंधों को तोड़ने के लिये कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन (नासिक सत्याग्रह) का नेतृत्व किया, जो अस्पृश्यता के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई का प्रतीक था।
- प्रतिनिधित्व: पूना समझौते पर बातचीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दलितों के लिये पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के स्थान पर आरक्षित सीटें स्थापित कीं, जिससे उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- संविधान: वर्ष 1947 में नियुक्त प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को तैयार करने की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया की देखरेख की।
- अर्थशास्त्र: डॉ. अंबेडकर के डॉक्टोरल शोध ने भारत में वित्त आयोग की स्थापना और वर्ष 1934 के RBI अधिनियम के नीतिगत ढाँचे को प्रभावित किया।
पुरस्कार और सम्मान:
- भारत रत्न पुरस्कार: डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- अंबेडकर सर्किट: अंबेडकर के जीवन से जुड़े पाँच स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया गया (पंचतीर्थ विकास):
- महू में जन्मस्थान
- लंदन में स्मारक (शिक्षा भूमि)
- नागपुर में दीक्षा भूमि
- मुंबई में चैत्य भूमि
- दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि
- संविधान दिवस: संविधान वास्तुकार के रूप में भूमिका को सम्मानित करने हेतु वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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