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डॉ. अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस
- 08 Dec 2025
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
दिवस के बारे में:
- महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष 6 दिसंबर को भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह दिवस उनके सामाजिक सुधार, न्याय और समानता पर पड़े परिवर्तनकारी प्रभाव को सम्मानित करता है।
- “महापरिनिर्वाण” शब्द बौद्ध दर्शन से लिया गया है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति और यह बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिवस माना जाता है।
प्रमुख योगदान:
- सशक्तीकरण: शिक्षा को बढ़ावा देने, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने और बहिष्कृत समुदायों को सशक्त बनाने के लिये बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923) की स्थापना की।
- वकालत: उत्पीड़ितों को मंच प्रदान करने और सामाजिक असमानताओं को चुनौती देने के लिये मूकनायक (मौन लोगों का नेता) समाचार-पत्र की स्थापना की।
- समानता: सार्वजनिक जल संसाधनों तक समान पहुँच की वकालत करते हुए महाड़ सत्याग्रह (1927) सहित ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
- मुक्ति: वर्ष 1930 में पूजा स्थलों में जाति-आधारित प्रतिबंधों को तोड़ने के लिये कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन (नासिक सत्याग्रह) का नेतृत्व किया, जो अस्पृश्यता के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई का प्रतीक था।
- प्रतिनिधित्व: पूना समझौते पर बातचीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दलितों के लिये पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के स्थान पर आरक्षित सीटें स्थापित कीं, जिससे उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- संविधान: वर्ष 1947 में नियुक्त प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को तैयार करने की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया की देखरेख की।
- अर्थशास्त्र: डॉ. अंबेडकर के डॉक्टोरल शोध ने भारत में वित्त आयोग की स्थापना और वर्ष 1934 के RBI अधिनियम के नीतिगत ढाँचे को प्रभावित किया।
पुरस्कार और सम्मान:
- भारत रत्न पुरस्कार: डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- अंबेडकर सर्किट: अंबेडकर के जीवन से जुड़े पाँच स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया गया (पंचतीर्थ विकास):
- महू में जन्मस्थान
- लंदन में स्मारक (शिक्षा भूमि)
- नागपुर में दीक्षा भूमि
- मुंबई में चैत्य भूमि
- दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि
- संविधान दिवस: संविधान वास्तुकार के रूप में भूमिका को सम्मानित करने हेतु वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
