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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Aug 2025
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश: दूसरी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

चर्चा में क्यों?

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के मामले में भारत में दूसरा सबसे तेज़ी से वृद्धि करने वाला राज्य बन गया है, जिसकी विकास दर 5.5% से बढ़कर 8.9% हो गई है।

  • तमिलनाडु 11.19% की GSDP वृद्धि दर के साथ शीर्ष स्थान पर है। अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे छोटे राज्यों ने भी 9.66% की उल्लेखनीय वृद्धि दर दर्ज की है।

मुख्य बिंदु 

उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति के बारे में:


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डॉ. विक्रम साराभाई की 106वीं जयंती

चर्चा में क्यों?

डॉ. विक्रम साराभाई (12 अगस्त 1919 – 30 दिसंबर 1971), जिन्हें व्यापक रूप से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है, की 106वीं जयंती 12 अगस्त, 2025 को श्रद्धापूर्वक मनाई गई।

प्रमुख बिंदु

डॉ. विक्रम साराभाई के बारे में: 

  • प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
    • 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद, गुजरात में एक संपन्न जैन परिवार में जन्मे साराभाई अंबालाल और सरला देवी की आठ संतानों में से एक थे।
    • इन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से भौतिकी एवं गणित में स्नातक उपाधि प्राप्त की।
    • भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बंगलूरू में नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन के निर्देशन में पीएचडी पूरी की, जिसका शोध प्रबंध "कॉस्मिक किरणों का समय वितरण" शीर्षक से वर्ष 1942 में प्रकाशित हुआ।
  • संस्थानिक धरोहर: डॉ. साराभाई ने कई संस्थानों की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई है जो भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक परिदृश्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण रही हैं जैसे:
    • भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL), अहमदाबाद: वर्ष 1947 में स्थापित, PRL के साथ ही संस्थाओं के निर्माण की दिशा में साराभाई की यात्रा की शुरुआत हुई
    • भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद: इसके निर्माण में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
    • सामुदायिक विज्ञान केंद्र, अहमदाबाद: इसे विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1966 में स्थापित किया गया।
    • दर्पण एकेडमी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, अहमदाबाद: इसे इन्होंने अपनी पत्नी मृणालिनी स्वामीनाथन के साथ मिलकर स्थापित किया।
    • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), तिरुवनंतपुरम: भारत के अंतरिक्ष अभियानों का प्रमुख केंद्र।
  • भारतीय अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रमों में योगदान: 
    • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO): उन्होंने सामाजिक विकास के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए ISRO की स्थापना में भूमिका निभाई। 
    • सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविज़न एक्सपेरीमेंट (SITE): NASA के साथ मिलकर तैयार किये गए SITE से ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण होने के साथ दूरदर्शन के कृषि दर्शन जैसे कार्यक्रमों का आधार तैयार हुआ।
    • आर्यभट्ट उपग्रह: इनके नेतृत्व में भारत के पहले उपग्रह, आर्यभट्ट का निर्माण आरंभ किया गया, जिसे वर्ष 1975 में रूसी कॉस्मोड्रोम से प्रक्षेपित किया गया।
    • परमाणु ऊर्जा आयोग: होमी भाभा की मृत्यु के बाद इसके अध्यक्ष बने तथा परमाणु विज्ञान को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाई।
  • पुरस्कार और सम्मान: 

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उत्तर प्रदेश की MSME औद्योगिक संपदा प्रबंधन नीति 2025

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) औद्योगिक संपदा प्रबंधन नीति 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य भूमि आवंटन को सरल बनाकर तथा उद्योगों के लिये सुविधाओं में सुधार कर औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

  • यह नई नीति वर्ष 1978 से जारी 19 पुराने सरकारी आदेशों का स्थान लेगी।

मुख्य बिंदु 

नीति की मुख्य विशेषताएँ

  • भूमि आवंटन: 
    • औद्योगिक संपदाओं में भूमि, शेड और भूखंडों का आवंटन लीज़/किराये के आधार पर नीलामी या ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा।
    • सफल बोलीदाता आरक्षित मूल्य का 10% बयाना राशि के रूप में जमा करेंगे, शेष राशि एकमुश्त या एक से तीन वर्षों की किस्तों में चुकानी होगी। तत्काल भुगतान करने पर 2% की छूट मिलेगी।
  • SC/ST उद्यमियों के लिये आरक्षण: 
    • सभी भूखंडों और शेड का 10% अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिये आरक्षित रहेगा।
    • यदि कोई पात्र आवेदक आगे नहीं आता है, तो निरंतर विकास सुनिश्चित करने के लिये भूखंडों को अन्य श्रेणियों में पुनः आवंटित किया जा सकता है।
  • मूल्य संरचना: 
    • यह नीति वित्त वर्ष 2025-26 के लिये मध्यांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और पूर्वांचल सहित विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंडों के लिये निश्चित आरक्षित मूल्य प्रस्तुत करती है।
    • प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से दरों में 5% की वार्षिक वृद्धि होगी।
  • एंकर इकाइयों के लिये अधिमान्य दरें:
    • उन एंकर इकाइयों को विशेष दरों पर भूमि मिल सकती है, जिनसे औद्योगिक संपदाओं में MSME की महत्त्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • बुनियादी सुविधाएँ: 
    • औद्योगिक संपदाओं को आवश्यक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा, जिनमें सामान्य सुविधा केंद्र, विद्युत उपकेंद्र, अग्निशमन केंद्र, महिला छात्रावास, शयनगृह, शिशुगृह, पर्यावरण अनुकूल पार्क, प्रशिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल होंगी।
  • मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs): 
    • भूमि आवंटन, संपत्ति हस्तांतरण, पुनरोद्धार,उप-पट्टे और सरेंडर के लिये SOPs का क्रियान्वयन उद्योग आयुक्त एवं निदेशक की देखरेख में किया जाएगा।

वर्गीकरण

सूक्ष्म

लघु

मध्यम

विनिर्माण और सेवा उद्यम

निवेश: 2.5 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 10 करोड़ रुपए तक

निवेश: 25 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 100 करोड़ रुपए तक

निवेश: 125 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 500 करोड़ रुपए तक


मध्य प्रदेश Switch to English

मेगा टिंकरिंग दिवस 2025

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रव्यापी नवाचार अभियान के अंतर्गत नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (AIM), ने ‘मेगा टिंकरिंग दिवस 2025’ का आयोजन किया, जो भारत के नवाचार परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: 
    • इस राष्ट्रव्यापी आयोजन में भारत के सभी 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs) को जोड़ा गया।
    • इस कार्यक्रम में 9,467 ATL-युक्त विद्यालयों के 4,73,350 विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपनी प्रयोगशालाओं में उपलब्ध सामान्य सामग्रियों का उपयोग कर एक ‘डू-इट-योरसेल्फ’ (DIY) वैक्यूम क्लीनर बनाने की व्यवहारिक गतिविधि में भाग लिया।
  • कार्यक्रम प्रारूप:
    • वर्चुअल एवं सामूहिक आयोजन: यह आयोजन पूरे भारत में विद्यालयों में वर्चुअल रूप से और एक साथ किया गया, जिसमें उत्तर (लेह, लद्दाख, कारगिल, कश्मीर), दक्षिण (कन्याकुमारी), पश्चिम (भुज, कच्छ), पूर्व (मणिपुर, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश) और आकांक्षी ज़िले (विरुधुनगर) शामिल थे।
    • सहयोगात्मक शिक्षण: ऑनलाइन प्रारूप ने छात्रों को भौगोलिक दूरियों के बावजूद वास्तविक समय में सहयोग करने में सक्षम बनाया।

अटल नवाचार मिशन 

  • परिचय: 
    • वर्ष 2016 में नीति आयोग द्वारा प्रारम्भ किया गया, AIM का उद्देश्य विद्यार्थियों में समस्या-समाधान की सोच विकसित कर नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना तथा विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में उद्यमिता पारितंत्र को सशक्त बनाना है।
  • AIM 2.0: 
    • इसका उद्देश्य AIM की सफलता के आधार पर भारत के नवाचार और उद्यमिता पारितंत्र को विस्तारित तथा मज़बूत करने के लिये नई पहलों को आगे बढ़ाना एवं उनका संचालन करना है।


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