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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Dec 2025
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हांसी हरियाणा का 23वाँ ज़िला घोषित

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हांसी को राज्य का 23वाँ ज़िला बनाने की घोषणा की।

मुख्य बिंदु

  • प्रशासनिक परिवर्तन: हांसी, जो पूर्व में हिसार ज़िले का हिस्सा था, अधिसूचना जारी होने के बाद एक स्वतंत्र प्रशासनिक ज़िले के रूप में कार्य करेगा।
  • विकास परियोजनाएँ: घोषणा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 77.30 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
  • ऐतिहासिक महत्त्व: हांसी की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है, जो अतीत के संघर्षों में इसकी भूमिका तथा आसी/असिगढ़ जैसी ऐतिहासिक पहचान के लिये जानी जाती है।
  • पृष्ठभूमि: यह निर्णय बेहतर शासन को प्रोत्साहित करने और विकास की गति देने के उद्देश्य से स्थानीय निवासियों तथा जनप्रतिनिधियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।

हरियाणा में ज़िला गठन की प्रक्रिया:

  • कानूनी आधार: हरियाणा में ज़िलों का गठन राज्य सरकार द्वारा पंजाब भूमि राजस्व अधिनियम, 1887 (जैसा कि हरियाणा पर लागू होता है) के तहत किया जाता है।
  • प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाला प्राधिकरण: नए ज़िले के गठन से संबंधित प्रस्ताव राज्य के राजस्व विभाग द्वारा प्रस्तुत किये जाते हैं, जो सामान्यतः प्रशासनिक सुविधा, जनसंख्या, क्षेत्रफल और सार्वजनिक मांग पर आधारित होते हैं।
  • आधिकारिक घोषणा: हरियाणा राजपत्र में एक अधिसूचना जारी कर नए ज़िले की घोषणा की जाती है।
  • गठन के बाद के परिवर्तन: ज़िले के गठन के पश्चात तहसीलों, उप-मंडलों, पुलिस, राजस्व और न्यायिक क्षेत्राधिकारों का पुनर्गठन किया जाता है।

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मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र

चर्चा में क्यों?

सरकार ने मार्च 2027 तक भारत में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या बढ़ाकर 25,000 करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मुख्य बिंदु

  • वर्तमान स्थिति: 30 नवंबर, 2025 तक संपूर्ण देश में कुल 17,610 जन औषधि केंद्र (PMBJK) खोले जा चुके हैं, जबकि वर्ष 2014 में इनकी संख्या केवल 80 थी, जो इस योजना के महत्त्वपूर्ण विस्तार को दर्शाता है।
  • लक्ष्य निर्धारित: सरकार ने मार्च 2027 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या 25,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, ताकि कम लागत वाली गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं तक पहुँच और बेहतर हो सके।

जन औषधि केंद्र के बारे में: 

  • यह सरकारी समर्थित रिटेल आउटलेट योजना है, जो सार्वजनिक को सस्ते दामों में गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराती है।
  • जागरूकता: योजना के तहत बिक्री की बढ़ती मात्रा और उत्पाद शृंखला का विस्तार जनता में जन औषधि दवाओं के प्रति विश्वास और जागरूकता को दर्शाता है।
  • उद्यमी भागीदारी: जन औषधि केंद्रों की बढ़ती व्यवहार्यता और आकर्षण के कारण पिछले वित्तीय वर्ष में आउटलेट्स में 37% और MRP बिक्री मूल्य में 38% की वृद्धि हुई।
  • आवेदन प्रक्रिया: जन औषधि केंद्रों के लिये आवेदन व्यक्तिगत उद्यमियों, गैर-सरकारी संगठनों, समितियों, ट्रस्ट, फर्म और कंपनियों से आधिकारिक जन औषधि वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आमंत्रित किये जाते हैं।

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सहकार सारथी

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) के आधुनिकीकरण और डिजिटल सशक्तीकरण के लिये सहकार सारथी नामक साझा सेवा इकाई (SSE) की स्थापना की है।

मुख्य बिंदु

  • सहकार सारथी की स्थापना: ग्रामीण सहकारी बैंकों की तकनीकी और सेवा क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्वीकृति से सहकार सारथी (SSE) की स्थापना की गई है।
  • पंजीकरण की तिथि: सहकारी बैंकिंग के डिजिटलीकरण के लिये साझा अवसंरचना प्रदान करने के उद्देश्य से इस संस्था का पंजीकरण 21 जुलाई, 2025 को किया गया था।
  • अधिकृत पूंजी एवं शेयरधारिता: सहकार सारथी की अधिकृत पूंजी 1,000 करोड़ रुपये है, जिसमें NABARD, NCDC और ग्रामीण सहकारी बैंक समान रूप से 33.33% शेयरधारिता रखते हैं।
  • प्रदान की जाने वाली सेवाएँ: यह साझा आधुनिक बैंकिंग अवसंरचना और डिजिटल सेवाएँ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं: कॉमन कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (CBS), AEPS और UPI जैसे डिजिटल भुगतान, साइबर सुरक्षा, IT गवर्नेंस आदि।
  • उद्देश्य और प्रभाव: इस पहल का उद्देश्य RCB को आधुनिक, मानकीकृत और डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना, ग्राहकों तक पहुँच बढ़ाना और अन्य विनियमित वित्तीय संस्थानों के समान परिचालन दक्षता में सुधार करना है।

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नमस्ते योजना: सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों का सर्वेक्षण

चर्चा में क्यों?

नेशनल एक्शन फॉर मेकेनाईज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम (NAMASTE ) योजना के तहत 4,800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (ULB) को शामिल करते हुए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया गया, जिसका उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) की पहचान करना और स्वच्छता कार्य में उनकी सुरक्षा एवं गरिमा को सुदृढ़ करना था।

मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण का उद्देश्य: 
    • इस सर्वेक्षण का उद्देश्य नमस्ते योजना के अंतर्गत सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) की पहचान करना था (न कि मैनुअल स्कैवेंजर्स) ताकि बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें।
  • मृत्यु दर: 
    • राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) के अनुसार, 2019 और अक्तूबर 2025 के बीच खतरनाक सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण 471 सफाई कर्मचारियों की मृत्यु हुई।
  • कानूनी निषेध: 
    • मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 की धारा 7 सीवर या सेप्टिक टैंक में खतरनाक प्रवेश को निषिद्ध करती है।
  • नमस्ते योजना: 
    • यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के समन्वय में वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू की गई थी।
    • इसका उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंकों में मैन्युअल प्रवेश को समाप्त करना, शून्य मृत्यु दर प्राप्त करना और श्रमिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देना है।
    • योजना के घटक: इसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ERSU) के लिये सुरक्षा उपकरण, मशीनीकृत उपकरणों के लिये पूंजीगत सब्सिडी, व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण और खतरनाक सफाई नियंत्रण पर कार्यशालाएँ शामिल हैं।
    • स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (SBM-U) 2.0 के तहत, प्रयुक्त जल प्रबंधन (UWM) घटक मशीनीकरण के माध्यम से खतरनाक सीवर/सेप्टिक टैंक में पानी के प्रवेश को समाप्त करने पर केंद्रित है।

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