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भारतीय विरासत और संस्कृति

वर्षांत समीक्षा – 2025 : संस्कृति मंत्रालय

  • 12 Dec 2025
  • 47 min read

प्रिलिम्स के लिये: पिपरहवा अवशेष, काशी तमिल संगमम, कंब रामायण, मराठा सैन्य परिदृश्य, जनजातीय गौरव वर्ष, ज्ञान भारतम

मेन्स के लिये: विरासत संरक्षण के प्रयास, भारतीय विरासत और संस्कृति, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों? 

संस्कृति मंत्रालय ने अपनी वर्ष 2025 वर्षांत समीक्षा जारी की, जिसमें महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सवों, धरोहर संरक्षण के प्रयासों और व्यापक जनभागीदारी से भरपूर एक महत्त्वपूर्ण वर्ष को प्रदर्शित किया गया है।

सारांश

  • भारत ने वर्ष 2025 में धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज कीं, जिनमें पिपरहवा बुद्ध अवशेषों की वापसी और मराठा सैन्य परिदृश्यों को UNESCO दर्जा मिलना शामिल है।
  • इस वर्ष काशी तमिल संगमम 3.0, कंब रामायण का पुनर्जीवन, महाकुंभ में कालाग्राम और ज्ञान भारतम कार्यक्रम जैसे प्रमुख सांस्कृतिक प्रदर्शन एवं ज्ञानवर्द्धक पहलों का आयोजन किया गया।

भारत द्वारा वर्ष 2025 में किये गए प्रमुख धरोहर संरक्षण उपाय क्या थे?

  • भगवान बुद्ध के अवशेषों की पुनर्प्राप्ति: पवित्र पिपरहवा अवशेष (1898) को विदेश में नीलाम किये जाने से रोका गया और समन्वित कानूनी तथा राजनयिक प्रयासों के माध्यम से 127 वर्ष बाद भारत वापस लाया गया।
  • काशी तमिल संगमम 3.0: यह एक सांस्कृतिक पहल है जो तमिलनाडु और काशी के बीच गहरे ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव मनाती है तथा उनके प्राचीन सभ्यतागत बंधन को और मज़बूत करती है।
  • कंब रामायण परंपरा का पुनर्जीवन: कंब रामायण, जिसे रामावतारम भी कहा जाता है, 12वीं शताब्दी ईस्वी का एक प्रमुख तमिल महाकाव्य है जिसे कवि कंबर ने रचा था।
    • यह वाल्मीकि के संस्कृत रामायण का पुनर्कल्पित रूप है, जिसे चोल काल की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करते हुए अनुकूलित किया गया है।
  • महाकुंभ 2025 में कलाग्राम: कलाग्राम एक सांस्कृतिक ग्राम है, जिसे महाकुंभ 2025 के लिये प्रयागराज में संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है।
    • यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और विविध सांस्कृतिक धरोहर को शिल्पकला, व्यंजनों तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के समन्वित प्रदर्शन के माध्यम से प्रदर्शित करने के लिये बनाया गया है।
  • मराठा सैन्य परिदृश्यों को UNESCO की मान्यता: भारत ने मराठा सैन्य परिदृश्यों को अपना 44वाँ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित कराने में सफलता प्राप्त की, जिससे विश्व धरोहर स्थलों की संख्या के आधार पर भारत की वैश्विक रैंक बढ़कर छठे स्थान पर पहुँच गई।
  • प्रोजेक्ट मौसम: भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने समुद्री सांस्कृतिक मार्गों पर अनुसंधान को बेहतर करने तथा भारतीय महासागर क्षेत्र में समुद्र-संबंधी सांस्कृतिक परिदृश्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
  • प्रोजेक्ट गज-लोक: यह इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) द्वारा शुरू की गई एक पारदेशीय पहल है। इसका उद्देश्य प्रदर्शनी व गोलमेज चर्चाओं के माध्यम से पारिस्थितिकी को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के साथ एशियाई हाथियों के सांस्कृतिक प्रतीकवाद का दस्तावेज़ीकरण करना है।
  • ज्ञान भारतम: यह भारत की पांडुलिपि विरासत के संरक्षण, डिजिटलीकरण और प्रसार करने से संबंधित राष्ट्रीय पहल है। इसे नई दिल्ली में आयोजित पहले ज्ञान भारतम इंटरनेशनल सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया।
    • इस सम्मेलन का समापन दिल्ली घोषणापत्र के साथ हुआ, जिसमें भारत ने विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के तहत अपनी पांडुलिपि परंपरा के पुनरुद्धार की प्रतिबद्धता दोहराई।
  • ट्राइबल बिज़नेस कॉन्क्लेव 2025: इस कॉन्क्लेव में जनजातीय गौरव वर्ष के अनुरूप जनजातीय कला, साहित्य एवं उद्यमिता को प्रदर्शित किया गया।
  • स्पेशल कैंपेन 5.0: इसका आधिकारिक नाम स्पेशल कैंपेन फॉर डिस्पोज़ल ऑफ पेंडिंग मैटर्स 5.0 या SCDPM 5.0 है। यह पहल लंबित मामलों को कम करने और स्वच्छता को संस्थागत रूप देने पर केंद्रित है। 
    • यह अभियान 599 सांस्कृतिक स्थलों पर पूर्ण स्वच्छता लक्ष्य हासिल करने के साथ ई-अपशिष्ट के वैज्ञानिक आधार पर निपटान को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
  • संविधान हत्या दिवस: 25 जून, 2025 को मनाया गया यह दिवस आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। इसके तहत संवैधानिक मूल्यों, नागरिक स्वतंत्रता तथा लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों के महत्त्व को रेखांकित किया गया।
  • सेवा पर्व 2025: इसमें सामुदायिक सेवा, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और नागरिक जागरूकता के संदर्भ में एकजुटता के साथ देशव्यापी कला कार्यशालाओं एवं विरासत स्थलों पर स्वच्छता अभियानों के माध्यम से जन सहभागिता का प्रदर्शन हुआ।

निष्कर्ष

वर्ष 2025 सांस्कृतिक गर्व, विरासत संरक्षण और सभ्यतागत आत्मविश्वास के पुनरुत्थान का सशक्त प्रतीक रहा। त्योहारों, वैश्विक साझेदारियों, सांस्कृतिक विरासत के प्रत्यावर्तन और ज्ञान संरक्षण के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय ने देश एवं विदेश में भारत की सांस्कृतिक उपस्थिति को सुदृढ़ करने के साथ अभूतपूर्व जनभागीदारी को प्रेरित किया। 

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: विरासत संरक्षण के तहत संरक्षण नैतिकता और जनसहभागिता के बीच सामंजस्य आवश्यक है। चर्चा कीजिये।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. कौन सी संपत्ति वर्ष 2025 में भारत की 44वीं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनी?
उत्तर: मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया। इसके साथ ही यह मान्यता प्राप्त करने वाली देश की 44वीं संपत्ति बन गई है। इससे भारत की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ तथा लैंडस्केप्स-बेस्ड मिलिट्री विरासत के महत्त्व पर प्रकाश पड़ा।

2. ज्ञान भारतम क्या है और यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर: यह भारत की पांडुलिपि विरासत के संरक्षण, डिजिटलीकरण और प्रसार करने से संबंधित राष्ट्रीय पहल है। इसका वेब पोर्टल और संस्थागत MoUs मिलकर एक समन्वित डिजिटल संरचना का निर्माण करते हैं, जिससे भारत की प्राचीन पांडुलिपि ज्ञान परंपरा को संरक्षित किया जा सके।

3. वर्ष 2025 में संस्कृति मंत्रालय ने विरासत को आजीविका से किस प्रकार जोड़ा?
उत्तर: कलाग्राम, सेवा पर्व और ट्राइबल बिज़नेस कॉन्क्लेव जैसी पहलों के माध्यम से मंत्रालय ने शिल्पकला को बढ़ावा दिया, बाज़ार से जुड़ाव और क्षमता निर्माण मंच आयोजित किये, ताकि विरासत को सतत आजीविका में परिवर्तित किया जा सके।

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