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मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल

  • 14 Jul 2025
  • 9 min read

स्रोत: द हिंदू

47वीं विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee - WHC) के सत्र में, भारत के आधिकारिक नामांकन मराठा सैन्य परिदृश्य को 2024-25 के चक्र के तहत संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर स्थल की सूची (World Heritage List) में शामिल किया गया है।

मराठा सैन्य परिदृश्य क्या है?

  • भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य में कुल 12 प्रमुख किले शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में स्थित है। ये किले 17वीं सदी के अंत से 19वीं सदी की शुरुआत के बीच बनाए गए या विस्तारित किये गए थे।
    • तटीय और पहाड़ी क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से स्थित इन किलों ने एक मज़बूत रक्षा प्रणाली का निर्माण किया, जिसने मराठा सैन्य शक्ति, व्यापार और क्षेत्रीय नियंत्रण को समर्थन दिया। 
  • 12 प्रमुख किले:
    • महाराष्ट्र : साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग 
    • तमिलनाडु : जिंजी किला
  • भूभाग के आधार पर वर्गीकरण: 
    • पहाड़ी किले : साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, रायगढ़, राजगढ़, जिंजी।
    • पहाड़ी-वन किला : प्रतापगढ़.
    • पहाड़ी-पठार किला : पन्हाला.
    • तटीय किला : विजयदुर्ग.
    • द्वीप किले : खंडेरी, सुवर्णदुर्ग, सिंधुदुर्ग।
  • सुरक्षा: 8 किले (शिवनेरी, लोहगढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित हैं ।
    • 4 किले (साल्हेर, राजगढ़, खंडेरी और प्रतापगढ़) महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय के अधीन हैं।
  • विश्व धरोहर स्थल मान्यता: मराठा सैन्य परिदृश्य को इसके स्थापत्य, तकनीकी और सांस्कृतिक महत्त्व के साथ-साथ ऐतिहासिक घटनाओं से इसके संबंध के लिये  यूनेस्को मानदंड (iv) और (vi) के तहत नामित किया गया था।
    • ऐसे शिलालेखों का उद्देश्य 196 देशों में उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य (OUV) वाली विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना है ।

नोट: यूनेस्को,1972 के विश्व धरोहर सम्मेलन के माध्यम से देशों को सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों की पहचान एवं संरक्षण में सहायता प्रदान करता है। भारत वर्ष 1977 में इस सम्मेलन में शामिल हुआ (कुल 196 देशों ने 1972 के विश्व धरोहर सम्मेलन का अनुसमर्थन किया है)। 

  • प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक राज्य पक्ष विश्व धरोहर सूची में अंकित किये जाने हेतु विश्व धरोहर समिति के विचारार्थ केवल एक स्थल का प्रस्ताव रख सकता है।
  • विश्व धरोहर स्थलों की सर्वाधिक संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर छठे और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है। विश्व धरोहर की इसकी संभावित सूची में 62 स्थल हैं, जो भविष्य में किसी भी स्थल को विश्व धरोहर संपत्ति के रूप में माने जाने के लिये  एक अनिवार्य सीमा है।

UNESCO विश्व धरोहर चयन मानदंड क्या हैं?

  • चयन के मानदंड: किसी स्थल को UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल किये जाने के लिये उसमें असाधारण सार्वभौमिक मूल्य (Outstanding Universal Value - OUV) होना चाहिये और उसे दस में से कम से कम एक चयन मानदंड को पूरा करना आवश्यक होता है। ये मानदंड ऑपरेशनल गाइडलाइंस में उल्लिखित होते हैं, जो विश्व धरोहर कन्वेंशन को लागू करने के लिये मुख्य संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में कार्य करते हैं।
    • पहले ये मानदंड छह सांस्कृतिक और चार प्राकृतिक श्रेणियों में विभाजित थे, लेकिन वर्ष 2005 से इन्हें एकीकृत करके दस सम्मिलित मानदंडों के एक ही सेट में बदल दिया गया है। इन दिशा-निर्देशों को समय-समय पर धरोहर की समझ और संरक्षण के तरीकों में हुए बदलावों को ध्यान में रखते हुए अद्यतन किया जाता है।
    • संभावित सूची से किसी स्थल का चयन करने के बाद, संबंधित देश (राज्य पक्ष) उस स्थल के लिये एक विस्तृत नामांकन दस्तावेज़ प्रस्तुत करता है। इस दस्तावेज़ की प्रारंभिक समीक्षा विश्व धरोहर केंद्र (World Heritage Centre) द्वारा की जाती है और फिर इसे मूल्यांकन हेतु विशेषज्ञ संस्थाओं के पास भेजा जाता है
  • मूल्यांकन: नामांकित संपत्ति का मूल्यांकन विश्व धरोहर कन्वेंशन द्वारा अधिकृत सलाहकार निकायों द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाता है। ये निकाय हैं: ICOMOS (अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद), IUCN (अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ)
    • ICCROM (सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण और पुनरुद्धार के अध्ययन के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र), एक अंतर-सरकारी संगठन है जो समिति को सांस्कृतिक स्थल संरक्षण और प्रशिक्षण गतिविधियों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करता है।
  • शिलालेख: मूल्यांकन के बाद, विश्व धरोहर समिति स्थल चिह्नों पर निर्णय लेने के लिये प्रतिवर्ष बैठक करती है। यह निर्णय स्थगित भी कर सकती है और संबंधित राष्ट्रों से अधिक जानकारी भी मांग सकती है।
    • भारत वर्ष 2021-25 तक विश्व धरोहर समिति का सदस्य बन गया।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अहमद शाह अब्दाली के भारत पर आक्रमण करने और पानीपत का तीसरी लड़ाई लड़ने का तात्कालिक कारण क्या था? (2010)

(a) वह लाहौर से अपने वायसराय तैमूर शाह के मराठों द्वारा निष्कासन का बदला लेना चाहता था।
(b) जालंधर के निराश गवर्नर अदिना बेग खान ने उन्हें पंजाब पर आक्रमण करने के लिये आमंत्रित किया।
(c) वह चाहर महल (गुजरात, औरंगाबाद, सियालकोट और पसूर) के राजस्व का भुगतान न करने पर मुगल प्रशासन को दंडित करना चाहता था।
(d) वह पंजाब के सभी उपजाऊ मैदानों को दिल्ली की सीमाओं तक अपने राज्य में संलग्न करना चाहता था।

उत्तर: (a)


प्रश्न. यूनेस्को (UNESCO) द्वारा जारी विश्व धरोहर सूची में शामिल की गई निम्नलिखित संपत्तियों पर विचार कीजिये: (2024)

  1. शांतिनिकेतन
  2. रानी-की-वाव
  3. होयसला के पवित्र मंदिर समूह
  4. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर

उपर्युक्त में से कितनी संपत्तियों को वर्ष 2023 में शामिल किया गया ?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न 1. भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018)

प्रश्न 2. भारतीय दर्शन एवं परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार देने में एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेचना कीजिये। (2020)

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