रैपिड फायर
INS निस्तार
- 12 Jul 2025
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स्रोत: पी.आई.बी
भारतीय नौसेना ने हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल), विशाखापत्तनम द्वारा निर्मित अपने पहला स्वदेशी रूप से निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) INS निस्तार को शामिल किया है।
- डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) एक विशेष प्रकार का नौसैनिक पोत होता है, जिसे पानी के भीतर संचालन, जैसे गोताखोरों की तैनाती, बचाव अभियान, और पनडुब्बी चालक दल की पुनर्प्राप्ति जैसे कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
INS निस्तार:
- तकनीकी विशिष्टताएँ: गोताखोरी सहायता पोत में लगभग 120 मीटर की लंबाई और 10,000 टन से अधिक भार विस्थापन की क्षमता है।
- यह पोत 60 दिनों से अधिक समय तक समुद्र में टिके रहने में सक्षम है, हेलीकॉप्टर संचालन में सहायक है, और इसमें 15 टन क्षमता वाला सबसी क्रेन लगा है जो गहरे समुद्र में पुनर्प्राप्ति अभियानों में सहायता करता है।
- परिचालन क्षमताएँ: INS निस्तार पनडुब्बी बचाव के लिये गहरे जलमग्न बचाव पोतों (DSRV) के लिये मदर शिप के रूप में कार्य करता है, इसमें सटीक स्टेशन-कीपिंग के लिये डायनामिक पोजिशनिंग सिस्टम (DPS), समुद्र तल मानचित्रण के लिये साइड-स्कैन सोनार की सुविधा है तथा यह खोज, पुनर्प्राप्ति, गोताखोरी और बचाव कार्यों में सहायता करता है।
- जलावतरण के बाद, इस पोत को गहरे समुद्र में गोताखोरी और पनडुब्बी बचाव कार्यों में क्षमताओं को बढ़ाने के लिये पूर्वी नौसेना कमान में शामिल किया जाएगा।
- भारतीय नौसेना तीन प्रमुख कमानों पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी नौसेना कमान में संगठित है।
- जलावतरण के बाद, इस पोत को गहरे समुद्र में गोताखोरी और पनडुब्बी बचाव कार्यों में क्षमताओं को बढ़ाने के लिये पूर्वी नौसेना कमान में शामिल किया जाएगा।
- विरासत और महत्त्व: INS निस्तार, उस मूल पोत की विरासत को आगे बढ़ाता है जिसे वर्ष 1969 में सोवियत संघ से प्राप्त किया गया था और 1989 में सेवामुक्त किया गया था। यह पोत भारत की पनडुब्बी बचाव क्षमताओं को अत्यधिक सशक्त बनाता है, रणनीतिक समुद्री आत्मनिर्भरता को मज़बूत करता है तथा हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की "नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर" की भूमिका को और सुदृढ़ करता है।
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