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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Nov 2022
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सुघ्घर पढ़वईया योजना

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों में उनकी प्रतिभा के अनुरूप कौशल विकसित करने के लिये ‘सुघ्घर पढ़वईया योजना’शुरू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाल दिवस के अवसर पर इस योजना की घोषणा की थी।
  • इस योजना के तहत बच्चों में उत्कृष्ट अकादमिक कौशल विकसित करने के लिये स्कूलों को पुरस्कार भी मिलेगा। प्लेटिनम पाने वाले स्कूलों को एक लाख रुपए, गोल्ड पाने वाले स्कूलों को 50 हज़ार रुपए और सिल्वर पाने वाले स्कूलों को 25 हज़ार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
  • इस योजना का उद्देश्य स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। उन्हें देखकर और भी शिक्षक अच्छे से कार्य करने के लिये प्रेरित हो सकेंगे। अधिक-से-अधिक शिक्षक सकारात्मक कार्य करने के लिये टीम बनाकर बेहतर माहौल बनाने में सफल होंगे।
  • विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अधिक-से-अधिक स्कूलों को बेहतर स्कूलों के रूप में विकसित करने की जवाबदेही लेने से सरकारी स्कूलों की छवि में अप्रत्याशित सुधार दिखाई देगा और प्रदेश के सरकारी स्कूल असरकारी प्रभाव दिखाने में सफल हो सकेंगे।
  • यह योजना राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिये है। स्कूल के शिक्षक आपस में राय करके कभी भी योजना में शामिल हो सकते हैं। योजना में शामिल होने के लिये स्कूल को वेब-पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
  • स्कूलों के सभी शिक्षकों को साथ मिलकर स्कूल के सभी विद्यार्थियों में अकादमिक कौशल विकसित करना है। प्रमाण-पत्र के लिये पात्रता तभी होगी, जब पूरा स्कूल प्रमाण-पत्र का पात्र होगा। किसी एक शिक्षक, एक विद्यार्थी या एक कक्षा के लिये प्रमाण-पत्र नहीं होगा।
  • जो स्कूल योजना में शामिल होंगे, उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के लिये अनुरोध करने पर ऑन डिमांड प्रशिक्षण तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन स्कूलों को प्रमाण-पत्र मिलेगा, उन स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को भी प्रमाण-पत्र मिलेगा। प्रमाणीकरण की घोषणा थर्ड-पार्टी आकलन के तत्काल बाद वेब-पोर्टल पर की जाएगी। प्रमाण-पत्र स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोहपूर्वक प्रदान किया जाएगा।
  • स्कूल के सभी विद्यार्थियों का आकलन योजना के लिये स्वीकार किये गए समस्त अकादमिक कौशलों हेतु किया जाएगा और कम-से-कम 95 प्रतिशत विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल होने पर ही उस कक्षा और उस अकादमिक कौशल के लिये स्कूल को 1 अंक मिलेगा।
  • 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप न्यूनतम अकादमिक कौशल मिलने पर उस कक्षा और अकादमिक कौशल के लिये शून्य अंक दिया जाएगा।
  • जिन संकुलों के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल ‘सुघ्घर पढ़वईया’प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया संकुल का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
  • इसी प्रकार जिस विकासखंड के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया विकासखंड का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पर प्लेटिनम, 85 प्रतिशत या उससे अधिक, परंतु 90 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर गोल्ड और 80 प्रतिशत या उससे अधिक, परंतु 85 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर सिल्वर प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
  • यदि कोई स्कूल इस योजना में सिल्वर या गोल्ड प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेता है तो वह स्कूल आगे और प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया गोल्ड या सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर सकता है। इस योजना में निरंतर प्रगति का प्रयास किया जा सकता है। योजना में सभी स्कूल प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। 

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जल जीवन मिशन: राज्य में 16.42 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। अब तक राज्य में 16 लाख 42 हज़ार 479 घरेलू नल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि जल जीवन मिशन संचालक टोपेश्वर वर्मा द्वारा समय-समय पर नल-जल योजनांतर्गत सोलर आधारित, रेट्रोफिटिंग, मल्टी विलेज और सिंगल विलेज योजनाओं के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है।
  • उन्होंने स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में रनिंग वाटर की व्यवस्था, आईएसए ट्रेनिंग, जल जीवन मिशन के कार्यों का प्रचार-प्रसार हेतु दीवार लेखन, चित्रकारी इत्यादि कार्य समयबद्ध रूप से कराए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। इसके साथ-ही-साथ सभी प्रगतिरत कार्य की अद्यतन जानकारी आईएमआईएस पोर्टल में इन्द्राज करना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में जल जीवन मिशन में एक हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 23 लाख 57 हज़ार 744 ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदाय किये जाने का लक्ष्य है। अब तक इस वित्तीय वर्ष में 6 लाख 18 हज़ार 491 ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदाय किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। अब तक राज्य के 43 हज़ार 844 स्कूलों में, 41 हज़ार 661 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 17 हज़ार 278 ग्राम पंचायतों और सामुदायिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों में टैब नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

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राज्यस्तरीय व्यक्तित्व विकास प्रतियोगिता 2022-23

चर्चा में क्यों?

17 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ‘पढ़ाई तुंहर दुआर 0’ के अंतर्गत बच्चों के व्यक्तित्व विकास की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन राजधानी के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में किया गया। प्रतियोगिता में शामिल पाँच संभागों के विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • व्यक्तित्व विकास की इस प्रतियोगिता में निबंध, तात्कालिक भाषण, चित्रकला, विज्ञान प्रोजेक्ट मॉडल, भाषा एवं गणित या स्पीड गणित, स्पीड रीडिंग एवं सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
  • इसके पूर्व यह प्रतियोगिता स्कूल से संभाग स्तर तक 5 चरणों में आयोजित की गई। प्रतियोगिता प्राथमिक, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के स्तर पर आयोजित की गई। राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में लगभग 200 विद्यार्थियों ने प्रतिनिधित्व किया।
  • समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र कुमार दुग्गा ने राज्यस्तरीय व्यक्तित्व विकास प्रतियोगिता के समापन अवसर पर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियाँ बढ़ी हैं, इन चुनौतियों को अवसर मानते हुए बालक, पालक और शिक्षक मिलकर सतत् शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में 47 हज़ार से अधिक शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत् 43 लाख बच्चों में से चयनित होकर प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं।
  • विज्ञान प्रोजेक्ट मॉडल प्रतियोगिता में पूर्व माध्यमिक स्तर पर प्रथम बिलासपुर ज़िले के प्रथमा केवट, द्वितीय जगदलपुर ज़िले के मयंक बालसहरिया, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले के अक्षत वैष्णव और द्वितीय स्थान पर दुर्ग ज़िले के ही नेमीचंद को पुरस्कृत किया गया।
  • निबंध प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम बिलासपुर ज़िले की यामिनी पांडेय, द्वितीय धमतरी ज़िले की भाविका सोनकर, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले की प्रिया लारेन्द्र, द्वितीय जगदलपुर ज़िले के राकेश मरकाम, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले की दीक्षा मांझी, द्वितीय दुर्ग ज़िले की शिवानी चौबे को पुरस्कृत किया गया।
  • तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में पूर्व माध्यमिक स्तर पर प्रथम बेमेतरा ज़िले की ज्योति साहू, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले की आकांक्षा और द्वितीय स्थान दुर्ग ज़िले की रागिनी सपहा ने प्राप्त किया।
  • चित्रकला प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम जगदलपुर ज़िले के अनन्य, द्वितीय बिलासपुर ज़िले की कंचन विश्वकर्मा, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले की अंकिता ओझा, द्वितीय बिलासपुर ज़िले की नुपुर माली, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम कांकेर ज़िले की पूजा जैन और द्वितीय रायपुर ज़िले के कमलेश्वर साहू को पुरस्कृत किया गया।
  • इसी प्रकार स्पीड रीडिंग प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम रायपुर ज़िले के मोहम्मद नुमान, द्वितीय दुर्ग ज़िले की प्रिया साहू, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम बलरामपुर ज़िले की माधुरी पटेल और द्वितीय बिलासपुर ज़िले की सुष्मिता गोंड को पुरस्कृत किया गया।
  • मौखिक गणित, स्पीड गणित प्रतियोगता में प्राथमिक स्तर पर प्रथम सूरजपुर ज़िले के गौतम यादव, द्वितीय दुर्ग ज़िले के सत्यम साहू, मिडिल स्कूल स्तर पर प्रथम अंबिकापुर ज़िले की माही गुप्ता और द्वितीय स्थान बिलासपुर ज़िले के मुल्कराज साहू ने प्राप्त किया।
  • सामान्य ज्ञान क्विज प्रतियोगिता में हाई एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रथम दुर्ग ज़िले के पवन कुमार और द्वितीय बिलासपुर ज़िले के देवेंद्र कुमार को पुरस्कार प्रदान किया गया। 

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