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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Mar 2023
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वनस्थली विद्यापीठ व आरकैट के बीच हुआ एमओयू

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को राजीव गांधी सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (आरकैट) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आरकैट व वनस्थली विद्यापीठ के मध्य एक एमओयू हुआ, जिसके तहत उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आरकैट वनस्थली के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा तथा उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अपने औद्योगिक भागीदारों के साथ सहयोग प्रदान करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम में आरकैट के औद्योगिक भागीदार कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब द्वारा ग्रामीण एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिये ग्राफिक डिज़ाइनिंग का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया।
  • इस अवसर पर मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आईटी आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यमिक स्कूल, महिलाओं की सेहत से जुड़ी आईएम शत्ति उड़ान योजना तथा मुफ्त जाँच व दवाई योजना पूरे देश में मिसाल हैं।
  • मुख्य सचिव ने बताया कि राजस्थान आईटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। राज्य की जन आधार योजना, इनक्यूबेशन सेंटर, डाटा सेंटर आदि इसके विशिष्ट उदाहरण हैं, जिन पर पूरा देश गर्व कर रहा है। आरकैट उच्च श्रेणी की कंपनियों के साथ एमओयू साइन करके बेहतरीन फिनिशिंग स्कूल के रूप में उभरा है।
  • इस अवसर पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त व आरकैट के एमडी आशीष गुप्ता ने बताया कि आरकैट 70 से अधिक रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन आदि के क्षेत्रों में कोर्सेज का संचालन करता है व जल्द ही हर संभाग मुख्यालय में आरकैट शुरू कर दिया जाएगा।
  • आरकैट की कार्यकारी निदेशक ज्योति लुहाडिया ने जानकारी दी कि आरकैट इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के साथ ही सामान्य स्नातक, महिलाओं के लिये भी अवसर उपलब्ध करा रहा है। आगामी सत्रों में माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल जैसी कंपनियाँ भी आरकैट के साथ जुड़ेंगी।

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प्रदेश के 30 हज़ार विद्यार्थियों को मिलेगा ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ का लाभ

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’के अंतर्गत लाभान्वितों की संख्या 15 हज़ार से बढ़ाकर 30 हज़ार करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की। इस योजना के लिये मुख्यमंत्री ने 56.40 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान का अनुमोदन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के आर्थिक रूप से कमज़ोर विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य के कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी।
  • आशा के अनुरूप योजना की सफलता को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में लाभार्थियों की संख्या 10 हज़ार से बढ़ाकर 15 हज़ार की गई थी, जिसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में बढ़ाकर 30 हज़ार कर दिया गया है।

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अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव 2023 का आयोजन

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं उद्यानिकी दिनेश कुमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राज्य में 13 व 14 मार्च, 2023 को राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव का आयोजन राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, दुर्गापुरा जयपुर में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं उद्यानिकी दिनेश कुमार ने बताया कि मिलेट्स उत्पादकों, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफ.पी.ओ., स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है। इस कॉनक्लेव में मिलेट्स स्टार्टअप एवं कृषि प्रसंस्करण के 100 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे।
  • सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि बाजरा के क्षेत्र एवं उत्पादन में राजस्थान का देशभर में प्रथम स्थान है। देश में बाजरा क्षेत्रफल में राजस्थान का हिस्सा 57.10 प्रतिशत है तथा उत्पादन में 41.71 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसी तरह राष्ट्र में ज्वार के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में राज्य का तीसरा स्थान है।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान में मिलेट्स प्रोत्साहन के लिये मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स मिशन की घोषणा की गई, जिसके तहत बाजरा व ज्वार की खेती के प्रोत्साहन, उत्पादन में वृद्धि, घरेलू खपत को बढ़ावा देने एवं मुख्य संवर्धन के लिये कई रणनीतियाँ अपनाई जा रही हैं।
  • इसी के तहत बीज मिनिकिट्स का वितरण किया गया है। साथ ही उत्पादन में वृद्धि फसलोत्तर प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन के लिये जोधपुर में मिलेट्स उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
  • प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि मिलेट्स की खपत को बढ़ाने के लिये इसके स्वास्थ्यप्रद लाभों को प्रचारित करने व मिलेट्स के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अंतर्गत पूरे राज्य में वर्षभर आयोजनों की कार्य योजना बनाई गई है।
  • उन्होंने बताया कि मिलेट्स पोषण महत्त्व पर राज्यस्तरीय सेमिनार एवं एग्रो प्रोसेसिंग पर कॉनक्लेव आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें मिलेट्स उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफ.पी.ओ., स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारियों के मध्य संवाद के माध्यम से ठोस रणनीति विकसित की जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत आमजन को बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटंकी और सावा जैसे अनेक मिलेट्स के पोषक महत्त्व एवं स्वास्थ्य के लिये फायदों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही इनके उत्पादन, उत्पादकता एवं विपणन के अवसरों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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जयपुर में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23-24 सितंबर, 2023 को जयपुर में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। उद्योग विभाग एवं राजस्थान फाउंडेशन के तत्त्वाधान में होने वाले इस बृहद् आयोजन के लिये मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों को एकसूत्र में बांधने के उद्देश्य से वर्ष 2023-24 के बजट में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव के आयोजन की घोषणा की थी।
  • सितंबर में आयोजित होने वाले इस दोदिवसीय कॉनक्लेव में राजस्थानी गौरव, साहित्य, व्यापार, परंपरा, संगीत, कला, संस्कृति, सामाजिक कल्याण, उद्यम, खान-पान एवं मनोरंजन आदि विषयों पर दिलचस्प सत्रों का आयोजन होगा।
  • इसमें उद्यमशीलता एवं निवेश के अवसरों पर एक विशेष सत्र शामिल होगा। इसमें विश्व भर से प्रवासी उद्यमी भाग लेंगे। एनआरआर नीति में घोषित प्रवासी सम्मान पुरस्कार का शुभारंभ भी इसी कॉनक्लेव में किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में राजस्थानी डायस्पोरा का महत्त्व समझते हुए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में पहली बार इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव का आयोजन हुआ था। केवल अपने डायस्पोरा के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना उस समय केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार के लिये एक अनूठी पहल थी। इसी तर्ज़ पर वर्ष 2003 में भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया था। अन्य राज्यों ने भी इस मॉडल को अपनाया है।
  • पिछले तीन वर्षों में प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंध मज़बूत करने में राजस्थान फाउंडेशन की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण रही है। फाउंडेशन नियमित रूप से प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से जोड़ने के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहा है। कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी राजस्थान फाउंडेशन ने प्रवासियों की सहायतार्थ बड़ी भूमिका निभाई।

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