ध्यान दें:

झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Jun 2025
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

झारखंड ने विकास आवश्यकताओं हेतु कर हस्तांतरण में वृद्धि की मांग की

चर्चा में क्यों?

झारखंड सरकार ने अपने आर्थिक योगदान और विशिष्ट विकासात्मक आवश्यकताओं का संदर्भ देते हुए सोलहवें वित्त आयोग से केंद्रीय कर हस्तांतरण में राज्य की हिस्सेदारी को वर्तमान 41% से बढ़ाकर 50% करने का आग्रह किया है।

मुख्य बिंदु

  • विकासात्मक आवश्यकताओं के लिये उच्च कर हस्तांतरण:
    • झारखंड, जो खनन के माध्यम से महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है तथा अपनी पर्यावरणीय और सामाजिक लागतों को वहन कर रहा है, ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सुधार के लिये वित्तीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। 
    • राज्य ने अपनी बड़ी कृषि-निर्भर आबादी और कृषि विकास की क्षमता पर प्रकाश डाला तथा स्थानीय आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिये लचीले निधि उपयोग का आह्वान किया।
  • खनन गतिविधियों से संबंधित मुद्दे: 
    • राज्य ने योजनाबद्ध भूमि सुधार पर ज़ोर दिया, प्रस्ताव दिया कि खनन कार्य समाप्त होने के बाद खनन की गई भूमि वापस कर दी जाए। साथ ही, इसने क्षेत्र में कार्यरत खनन कंपनियों से 1.40 लाख करोड़ रुपए की लंबित राशि जारी करने की माँग भी की है।
  • राज्य बजट और कल्याणकारी पहल: 
    • झारखंड के 1.45 लाख करोड़ रुपए के बजट में गरीबों, महिलाओं और कमज़ोर समूहों के लिये सामाजिक कल्याण हेतु 62,844 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। 13,363 करोड़ रुपए महिलाओं की वित्तीय सहायता योजनाओं के लिये और 5,000 करोड़ रुपए पात्र निवासियों को मुफ्त बिजली देने के लिये समर्पित हैं।

16वाँ वित्त आयोग

  • परिचय 
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित 16वाँ वित्त आयोग 1 अप्रैल 2026 से शुरू होकर पाँच वर्ष की अवधि को कवर करेगा।
    • इसके अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया हैं जबकि सदस्य हैं – अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा तथा सौम्य कांती घोष (अंशकालिक)।
      • ऋत्विक रंजन पांडे सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
  • भूमिका एवं कार्यादेश: वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसका गठन हर पाँच वर्ष में राजकोषीय संघवाद को बनाए रखने और निम्नलिखित सिफारिशें करने के लिये किया जाता है:
  • महत्त्व:
    • क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिये समान संसाधन आवंटन सुनिश्चित करना।
    • जमीनी स्तर पर शासन और स्थानीय विकास का समर्थन करता है।
    • राजकोषीय प्रबंधन, व्यय दक्षता और सार्वजनिक वित्त सुधार पर सलाह देना।

Jharkhand Demands Increased Tax Devolution for Development Needs


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2