इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    महिला श्रम बल भागीदारी को लेकर एनएसएस के आँकड़ों में प्रदर्शित किया गया है कि नगरीय क्षेत्रों में महिला श्रम बल की भागीदारी स्थिर हो रही है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इसमें गिरावट आ रही है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये।

    24 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:
    • भारत में महिला श्रमशक्ति भागीदारी के ऊपर नेशनल सैम्पल सर्वे के रिपोर्ट में वर्णित आँकड़ों को बताएँ।
    • महिला श्रमशक्ति भागीदारी की वास्तविक स्थिति को स्पष्ट करें।
    • तथा महिलाओं के रोजगार में कमी के कारण बताएँ।
    • अंत में इन चुनौतियों के निदान के लिये सुझाव दें।

    हाल के समय में भारत में अनुकूल आर्थिक तथा जनांकिकी दशाएँ रही हैं, जिससे कि सामान्यतः महिला श्रमशक्ति दर में वृद्धि होनी चाहिये थी परंतु नेशनल सैम्पल सर्वे  के आँकड़ों के अनुसार, 25 से 54 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के मामले में श्रमशक्ति में भागीदारी 1987 से 2011 के मध्य शहरी क्षेत्रों में 26 से  28 प्रतिशत  पर स्थिर है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भागीदारी 57% से घटकर 44% तक हो गई है।

    भारत जनांकिकीय लाभांश की स्थिति से गुजर रहा है, जहाँ कार्यशील जनसंख्या का भाग विशेष रूप से अधिक है तथा विकास दर को बढ़ाने की क्षमता है, परंतु यदि महिलाएँ व्यापक रूप से श्रमशक्ति के बाहर रहेंगी तो यह प्रभाव निश्चित रूप से अधिक दुर्बल होगा तथा भारत अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में श्रमशक्ति की कमी की समस्या से जूझ सकता है।

    निम्न भागीदारी के संभावित कारणः

    • स्त्रीकरण की परिकल्पनाः यह ऐसी स्थिति है जहाँ विकास प्रक्रिया में महिला भागीदारी में पहले गिरावट आती है परंतु बाद में वृद्धि होती है।
    • कार्य तथा पारिवारिक दायित्वों के मध्य सामंजस्य की कमी।
    • भारत मे पतियों की शिक्षा एवं आमदनी महिला श्रमशक्ति में ह्रास के लिये सबसे अधिक उत्तरदायी है।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तथा गैर कृषि कार्यों की अनुपलब्धता।
    • शैक्षणिक एवं आय स्तर में वृद्धि के कारण महिलाएँ छोटे तथा अवांछनीय कार्यों को छोड़ रही हैं, जबकि अधिक शिक्षित महिलाओं के लिये उपयुक्त कार्य उस अनुपात में उत्पन्न नहीं किये गए हैं।
    • कार्यस्थल पर सुरक्षा की चुनौती भी महिला श्रमशक्ति में ह्रास का एक प्रमुख कारण है।

    श्रमशक्ति की आपूर्ति के साथ-साथ मांग में कमी ने भी भारत में महिला श्रमशक्ति भागीदारी के ह्रास में अपना योगदान किया है। नीतियों की भूमिका की जाँच और बेहतर तरीके से की जानी चाहिये। भारत की विकास रणनीति घरेलू मांग तथा उच्च मूल्य निर्यात के ऊपर केंद्रित है, जो कि महिलाओं के लिये बहुत कम कार्य सृजित  करते हैं। अतः इन्हें बढ़ाना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि कार्यों के सृजन की तत्काल आवश्यकता है। सरकारी नीतियों से सामाजिक मलिनताओं को दूर करना होगा, विशेषकर वे जो शिक्षित महिलाओं को घर से बाहर काम करने से रोकती हैं।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2