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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    "सिविल सेवा के संदर्भ में अभिरुचि और बुनियादी मूल्यों के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। ये तत्त्व सिविल सेवकों की प्रभावशीलता एवं नैतिक आचरण में किस प्रकार योगदान देते हैं? (150 शब्द)

    18 Jan, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सिविल सेवाओं के लिये आवश्यक योग्यता और मूलभूत मूल्यों के बारे में एक परिचय लिखिये।
    • सिविल सेवकों के आचरण और प्रभावशीलता में इन तत्त्वों के योगदान का उल्लेख कीजिये।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    सिविल सेवा के क्षेत्र में सफलता योग्यता और मूलभूत मूल्यों के बीच संतुलन पर निर्भर करती है। योग्यता, संज्ञानात्मक क्षमताओं और विश्लेषणात्मक सोच को शामिल करते हुए बौद्धिक मेरुदंड का निर्माण करती है, जबकि मूलभूत मूल्य, ईमानदारी एवं सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ नैतिक दिशासूचक के रूप में कार्य करते हैं।

    निकाय:

    सिविल सेवाओं में योग्यता और मूलभूत मूल्य:

    • योग्यता किसी कौशल को सीखने या हासिल करने की प्राकृतिक क्षमता या दक्षता है। यह किसी विशेष कार्य या क्षेत्र के लिये किसी व्यक्ति की उपयुक्तता या फिटनेस को इंगित करती है। योग्यता को ज्ञान, प्रशिक्षण और अभ्यास से बढ़ाया जा सकता है।
      • सिविल सेवकों को अपनी भूमिकाओं में उत्कृष्टता के लिये संचार, नेतृत्व, आलोचनात्मक तर्क, समस्या-समाधान, टीम वर्क आदि महत्त्वपूर्ण कौशल जैसी योग्यता की आवश्यकता होती है।
      • योग्यता उस इंजन के रूप में कार्य करती है, जो सिविल सेवकों को उनके कर्त्तव्यों की जटिलताओं के माध्यम से आगे बढ़ाती है। हालाँकि एक मज़बूत नैतिक दिशा-निर्देश के बिना, सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति भी अपने मार्ग से भटक सकता है। यहीं पर मूलभूत मूल्य कदम रखते हैं।
    • मूलभूत मूल्य मूल सिद्धांत और मान्यताएँ हैं जो सिविल सेवा नैतिकता का आधार बनते हैं। उनमें सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैर-पक्षपात, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, सहानुभूति, सहिष्णुता और सीमांत वर्गों के प्रति करुणा शामिल हैं।

    योग्यता और मूलभूत मूल्य निम्नलिखित तरीकों से सिविल सेवकों की प्रभावशीलता और नैतिक आचरण में योगदान करते हैं:

    • वे सिविल सेवकों को विभिन्न परिदृश्यों में अपनी प्रतिभा और विशेषज्ञता का उपयोग करने की अनुमति देकर तथा सार्वजनिक सेवा के दृष्टिकोण एवं मिशन को आगे बढ़ाने के लिये प्रेरित करके, उत्कृष्टता व व्यावसायिकता के साथ अपने कर्त्तव्यों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।
      • उदाहरण के लिये एक सिविल सेवक जो शिक्षक के रूप में कार्य करता है, अपने शैक्षणिक कौशल और ज्ञान को विभिन्न कक्षाओं एवं पाठ्यक्रमों में लागू कर सकता है तथा छात्रों व समाज को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रेरित कर सकता है।
    • वे सिविल सेवकों को ईमानदार, निष्पक्ष एवं वस्तुनिष्ठ तरीके से कार्य करने और हितों के टकराव, पूर्वाग्रह या भ्रष्टाचार को रोकने के लिये जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिये सुनिश्चित करते हैं।
      • उदाहरण के लिये एक सिविल सेवक न्याय और समानता के सिद्धांतों के अनुसार कार्य कर सकता है तथा अखंडता एवं निष्पक्षता के साथ किसी भी प्रभाव, पक्षपात या रिश्वतखोरी से बच सकता है।
    • वे सीमांत वर्गों और हाशिये पर रहने वाले समूहों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता एवं करुणा दिखाकर तथा समय पर व उचित तरीके से उनकी आवश्यकताओं एवं शिकायतों को संबोधित करके, लोगों के अधिकारों और हितों का सम्मान व रक्षा करने के लिये सिविल सेवकों को सशक्त बनाते हैं।
      • उदाहरण के लिये एक सिविल सेवक जो एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में कार्य करता है, वह निर्धनों, बेघरों, विकलांगों और कमज़ोर लोगों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता एवं करुणा दिखा सकता है तथा उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान कर सकता है।
    • वे सिविल सेवकों को कानून और संविधान के शासन का पालन करने, कानूनी एवं नियामक ढाँचे का पालन करने तथा अपने कार्यों व निर्णयों के लिये जवाबदेह और पारदर्शी होने के लिये बाध्य करते हैं।
      • उदाहरण के लिये एक सिविल सेवक जो कर अधिकारी (tax officer) के रूप में कार्य करता है, पारदर्शी रूप से कर संग्रह के साथ प्रशासन के लिये कानूनी एवं नियामक ढाँचे का पालन कर सकता है तथा करदाताओं व अधिकारियों के प्रति अपने कार्यों तथा निर्णयों के लिये जवाबदेह हो सकता है।

    निष्कर्ष:

    योग्यता और मूलभूत मूल्यों के बीच परस्पर अंतःक्रिया सिविल सेवकों के आचरण एवं प्रभावशीलता के लिये आवश्यक है। सिविल सेवक नैतिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ बौद्धिक कौशल के चलते सक्षमता, अखंडता तथा सार्वजनिक सेवा के प्रति दृढ़ समर्पण के साथ सार्वजनिक प्रशासन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

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