इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सकारात्मक दृष्टिकोण को सिविल सेवक का एक अनिवार्य गुण माना जाता है क्योंकि इन्हें अक्सर अत्यधिक तनावपूर्ण स्थितियों में कार्य करने की आवश्यकता होती है। किसी व्यक्ति के सकारात्मक दृष्टिकोण में किसका योगदान होता है? (150 शब्द)

    29 Jun, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सकारात्मक दृष्टिकोण के बारे में संक्षेप में बताते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • बताइये किसी व्यक्ति में सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास में किसका योगदान होता है।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    सकारात्मक दृष्टिकोण का आशय स्वयं तथा दूसरों की स्थितियों के प्रति अनुकूल दृष्टिकोण रखने की प्रवृत्ति से है। यह व्यक्ति को चुनौतियों से निपटने, कठिनाइयों को हल करने और निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में सहायक होता है। सकारात्मक दृष्टिकोण उन सिविल सेवकों के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण होता है जिन्हें जटिल समस्याओं एवं विविध हितधारकों के साथ कार्य करना पड़ता है।

    मुख्य भाग:

    सकारात्मक दृष्टिकोण सिविल सेवकों को अत्यधिक तनाव की स्थिति में कार्य करने में मदद कर सकता है:

    • भावनात्मक स्तर पर संतुलन:
      • इससे सिविल सेवकों को भावनात्मक रूप से संतुलित रहने, अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और कार्य के दौरान थकान को रोकने में मदद मिलती है।
      • इसके द्वारा अपने कार्य के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके और अपनी सेवा में मन लगाकर सिविल सेवक कठिन परिस्थितियों में भी अपनी प्रेरणा को बनाए रख सकते हैं।
    • समस्या-समाधान और अनुकूलनशीलता:
      • चुनौतियों की स्थिति में सकारात्मक मानसिकता वाले सिविल सेवकों में सक्रिय और समाधान-उन्मुख मानसिकता के साथ समस्याओं का समाधान करने की अधिक संभावना होती है।
      • ये रचनात्मक रूप से सोचने, वैकल्पिक दृष्टिकोण की पहचान करने के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं, जिससे यह अधिक प्रभावी निर्णय लेने के साथ समस्या-समाधान की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
    • सहयोग और समर्थन:
      • सकारात्मक मानसिकता वाले सिविल सेवकों में मजबूत रिश्ते बनाने, जरूरत पड़ने पर मदद मांगने और सहकर्मियों को सहायता प्रदान करने की अधिक संभावना होती है।
      • यह विचारों का आदान-प्रदान करने और सामूहिक रूप से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में अधिक सक्रिय होते हैं।
    • संचार और नेतृत्व:
      • सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने वाले सिविल सेवक उच्च दबाव वाली स्थितियों में भी प्रभावी ढंग से संवाद करने, आत्मविश्वास बनाए रखने और दूसरों को प्रेरित करने में अधिक सक्षम हो सकते हैं।
      • ये खुले संवाद, सक्रिय श्रवण और रचनात्मक प्रतिक्रिया को बढ़ावा देकर सकारात्मक कार्य वातावरण को बढ़ावा दे सकते हैं जिससे टीम वर्क को बढ़ावा मिलने के साथ समग्र प्रदर्शन बेहतर होता है।

    किसी व्यक्ति के सकारात्मक दृष्टिकोण में योगदान देने वाले कारक:

    • आत्म-जागरूकता:
      • जो व्यक्ति अपनी शक्तियों, कमजोरियों, मूल्यों और भावनाओं से अवगत है वह अधिक यथार्थवादी और संतुलित हो सकता है।
    • आशावादी:
      • जो व्यक्ति आशावादी है वह किसी भी स्थिति में सकारात्मक पहलुओं को देखने के साथ अनुकूल परिणामों की उम्मीद कर सकता है और समस्याओं के बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
    • स्थिति के अनुसार लचीलापन:
      • स्थिति के अनुसार लचीलेपन के गुण वाला व्यक्ति असफलताओं से उबरने एवं बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के साथ तनाव का बेहतर तरीके से सामना कर सकता है।
    • कृतज्ञता का भाव:
      • ऐसा व्यक्ति जीवन में अच्छी चीज़ों जैसे स्वास्थ्य, परिवार, दोस्त, प्रकृति और उपलब्धियों के बीच संतुलन बनाने में अधिक उन्मुख हो सकता है।
      • इससे उसे खुशी और संतुष्टि की भावना विकसित करने में मदद मिल सकती है।
    • समानुभूति:
      • ऐसा व्यक्ति दूसरों की भावनाओं को समझने के साथ उनके दृष्टिकोण का सम्मान कर सकता है और विभिन्न स्थितियों में करुणा का प्रदर्शन कर सकता है।
      • इससे उसे दूसरों के साथ विश्वास, तालमेल और सहयोग बनाने में मदद मिल सकती है।

    निष्कर्ष:

    सकारात्मक दृष्टिकोण वाला सिविल सेवक अपने प्रदर्शन, मनोबल के माध्यम से सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता को बेहतर कर सकता है। आत्म-जागरूकता, आशावादी दृष्टिकोण, लचीलापन, कृतज्ञता और सहानुभूति विकसित करके सकारात्मक दृष्टिकोण को उन्नत किया जा सकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2