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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सार्वजनिक विश्वास और जवाबदेही पर नैतिक आचरण के प्रभाव का परीक्षण कीजिये। अपने तर्कों के समर्थन में उपयुक्त उदाहरण भी दीजिये।"(250 शब्द)

    22 Jun, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नैतिक आचरण, सार्वजनिक विश्वास और जवाबदेही का संक्षिप्त में परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • नैतिक आचरण के प्रभाव की व्याख्या कीजिये।
    • अपने उत्तर की पुष्टि हेतु कुछ उदाहरण लिखिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    भूमिका:

    नैतिक आचरण वह व्यवहार है, जो किसी समाज या पेशे के नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप होता है तथा सार्वजनिक विश्वास वह आत्मविश्वास है जो जनता द्वारा सार्वजनिक संस्थानों और अधिकारियों की सत्यनिष्ठा, योग्यता एवं जवाबदेही में सुनिश्चित होता है। जवाबदेही का संबंध सार्वजनिक संस्थानों और अधिकारियों के उन दायित्व से है जिनके लिये वे अपने कार्यों और निर्णयों प्रति जवाबदेह होते है तथा आवश्यक पड़ने पर जाँच, निरीक्षण और प्रतिबंधों के अधीन रहते है।

    मुख्य भाग:

    सार्वजनिक विश्वास पर नैतिक आचरण का प्रभाव:

    • पारदर्शिता में वृद्धि:
      • नैतिक आचरण से पारदर्शिता में वृद्धि होती है, जिससे जनता को यह विश्वास हो जाता है कि निर्णय निष्पक्ष और उचित तरीके से लिये गए हैं।
    • जवाबदेही में वृद्धि :
      • नैतिक प्रशासकों के अपने कार्यों के प्रति उत्तरदायी होना, नैतिक रूप से उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करना और भ्रष्टाचार को कम करना।
    • नागरिक के बीच विश्वास को मज़बूत करना:
      • नैतिक आचरण नागरिकों के बीच विश्वास पैदा करता है तथा शासन प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
    • प्रभावशीलता में सुधार:
      • नैतिक आचरण सार्वजनिक सेवाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार कर सकता है, यह सुनिश्चित करके कि सार्वजनिक संस्थान और अधिकारी जनता की ज़रूरतों और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हैं, और संसाधनों का कुशलतापूर्वक व न्यायसंगत उपयोग करते हैं।

    नैतिक चुनौतियों और प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले कुछ उदाहरण:

    • व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण:
      • किसी के करियर और व्यक्तिगत सुरक्षा को प्रभावित करने वाली संभावित नतीजों के साथ अनुचित कार्यों की रिपोर्ट के कर्तव्य को संतुलित करना।
    • खरीद और अनुबंध:
      • दक्षता और लागत-प्रभावशीलता का पालन करते हुए अनुबंध करने में रिश्वतखोरी या पक्षपात का विरोध करना।
    • पर्यावरण संरक्षण:
      • नीति निर्माण में नैतिक विचारों को बनाए रखना, भले ही इसमें आर्थिक निहितार्थ शामिल हों।
    • सहभागी बजटिंग: स्थानीय परियोजनाओं या प्राथमिकताओं के लिये सार्वजनिक धन आवंटित करने के तरीके को तय करने में नागरिकों को शामिल करना।

    निष्कर्ष:

    सार्वजनिक संस्थानों और अधिकारियों को स्पष्ट रूप से आचार संहिता के अधीन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करके, भागीदारी और परामर्श सुनिश्चित करके, शिकायतों की रिपोर्टिंग और समाधान हेतु तंत्र की स्थापना कर नैतिकता और उत्तरदायी संस्कृति को बढ़ावा देकर नैतिक आचरण को प्रोत्साहित करना चाहिये।

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