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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    रोज़गार के विस्थापन, असमानता को बढ़ावा मिलने के साथ पुनर्प्रशिक्षण एवं कौशल विकास की आवश्यकता के आलोक में कार्यस्थल पर ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग से उत्पन्न नैतिक चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द)

    18 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • AI को परिभाषित करते हुए तथा इस संदर्भ में हाल के कुछ उदाहरणों का उल्लेख करते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • कार्यस्थल में AI को शामिल करने से संबंधित नैतिक चुनौतियों का उल्लेख कीजिये।
    • आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    वर्तमान समय, AI के अनुप्रयोग का समय है। इसका अर्थ निर्णय लेने, कार्य करने और समस्याओं को हल करने के संदर्भ में मशीनों की बुद्धिमत्ता से है। AI के अनुप्रयोग काफी व्यापक हैं। जैसे हाल ही में एक न्यूज चैनल ने न्यूज पढ़ने हेतु AI एंकर का अनुप्रयोग किया है। इस तरह के काफी उदाहरण मौजूद हैं। हालाँकि कार्यस्थल पर AI को शामिल करने के कई लाभ हैं लेकिन जैसे हर वरदान के साथ अभिशाप जुड़ा होता है वैसे ही इसमें भी कई नैतिक चुनौतियाँ शामिल हैं। जैसे:

    • नौकरियों का विस्थापन होना: चूँकि मशीनें और एल्गोरिदम प्रणाली पारंपरिक रूप से मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कार्यों को करने में अधिक सक्षम होती हैं इसलिये इससे बेरोज़गारी बढ़ने के साथ आर्थिक व्यवधान का जोखिम उत्पन्न होता है।
    • असमानता को बढ़ावा मिलना: ऑटोमेशन और AI से समाज में मौजूदा असमानताओं को बढ़ावा मिल सकता है। इससे कम कुशल या दैनिक श्रमिक असंगत रूप से प्रभावित हो सकते हैं। इससे आय असमानता को भी बढ़ावा मिल सकता है।
    • प्रशिक्षण और कौशल विकास के स्तर पर अंतर होना: AI से उन श्रमिकों के बीच अंतराल पैदा हो सकता है जिनके पास नए कौशल सीखने की क्षमता और अवसर हैं और जिनके पास नहीं हैं। इससे करियर में उन्नति, आय और रोज़गार के स्तर पर असमानता हो सकती है।
    • निष्पक्षता: AI प्रणाली केवल उतनी ही निष्पक्ष और पारदर्शी होती है जितना डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है। यदि निर्णय लेने की प्रक्रिया में पक्षपाती डेटा या त्रुटिपूर्ण एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है तो इससे मौजूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों और भेदभाव को बढ़ावा मिल सकता है।
    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता का अभाव: चूँकि AI प्रणाली एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग पर आधारित होती है इसीलिये इसमें मनुष्यों के समान भावनात्मक अनुभव का अभाव होता है। भावनाएँ ऐसी जटिल, व्यक्तिपरक अवस्थाएँ हैं जिनमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएँ शामिल होती हैं।
    • डेटा गोपनीयता और सुरक्षा: ऑटोमेशन और AI व्यापक स्तर पर डेटा पर निर्भर होते हैं, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा के बारे में चिंताओं को बढ़ावा मिलता है। विभिन्न संगठनों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों का उल्लंघन किये बिना व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा का सुरक्षित और जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए।

    निष्कर्ष:

    AI से कार्य की दक्षता में वृद्धि जैसे कई लाभ मिलते हैं लेकिन इससे संबधित कई नैतिक मुद्दे भी हैं जिन्हें हल करने की आवश्यकता है। इन नैतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिये बड़े पैमाने पर नीति निर्माताओं, व्यवसायों, शिक्षकों और समाज के बीच सहयोगात्मक प्रयास की आवश्यकता है। इस क्रम में प्रभावित श्रमिकों के लिये सहायता प्रदान करने के साथ शिक्षा और कौशल विकास आदि में निवेश करने पर बल देना आवश्यक है।

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