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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भावनात्मक बुद्धिमत्ता क्या है? लोक सेवा के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    04 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • लोक सेवा के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता की व्याख्या कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    भावनात्मक बुद्धिमत्ता भावनाओं को प्रभावी ढंग से समझने, प्रबंधित करने और व्यक्त करने तथा दूसरों की भावनाओं को उचित रूप से पहचानने और उस पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता को संदर्भित करती है। सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में मजबूत संबंध बनाने, संघर्षों को सुलझाने और हितधारकों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता आवश्यक है।

    मुख्य भाग:

    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता के ऐसे कई प्रमुख घटक हैं जो सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में प्रासंगिक हैं। जैसे:
      • आत्म-जागरूकता: अपनी भावनाओं, शक्तियों और कमजोरियों को पहचानने और समझने की क्षमता।
      • स्व-नियमन: अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता।
      • अभिप्रेरणा: व्यक्तिगत और संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने और सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने की प्रेरणा।
      • समानुभूति: दूसरों की भावनाओं को उचित रूप से समझने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता।
      • सामाजिक कौशल: प्रभावी ढंग से व्यवहार करने, संबंध विकसित करने और संघर्षों को हल करने की क्षमता।

    लोक सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता की प्रासंगिकता:

    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करके लोक सेवक दूसरों के साथ अपने संबंधों को प्रबंधित करने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
    • इससे उन्हें मज़बूत एवं अधिक प्रभावी समूह बनाने, अधिक स्पष्ट और प्रेरक संवाद करने के साथ हितधारकों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने में मदद मिल सकती है।
    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता लोक सेवकों को अधिक आत्मविश्वास के साथ जटिल और भावनात्मक स्थितियों को हल करने में मदद कर सकती है।

    निष्कर्ष:

    भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रभावी सार्वजनिक सेवा का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करके, लोक सेवक सहयोगी रूप से कार्य करने, प्रभावी ढंग से संवाद करने और हितधारकों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।

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