इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सार्वजनिक नीति निर्माण में नैतिक दृष्टिकोण से क्या आशय है। इसका नागरिकों के कल्याण पर क्या प्रभाव पड़ता है? (150 शब्द)

    05 Jan, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    दृष्टिकोण:

    • सार्वजनिक नीति में नैतिक विचारों की आवश्यकता को शामिल करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • नागरिकों की भलाई पर इनके प्रभाव की चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    • सार्वजनिक नीति निर्माण में नैतिक विचार उन मूल्यों, सिद्धांतों और नैतिक निर्णयों को संदर्भित करते हैं जिनका नीति निर्माता लोगों को प्रभावित करने वाले निर्णय लेते समय ध्यान में रखते हैं।
    • इसके अलावा नीति निर्माण में नैतिक विचारों के तहत कार्य करने या कार्य न करने, किसी कार्य को मंजूरी देने या न देने और सही या गलत आचरण को निर्धारित करना शामिल होता है।

    मुख्य भाग:

    ये दृष्टिकोण नागरिकों के कल्याण को कई तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं जैसे:

    • न्याय: एक महत्त्वपूर्ण नैतिक विचार, न्याय का सिद्धांत है जो यह तय करता है कि नीतियाँ निष्पक्ष होनी चाहिये और इनसे लोगों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिये।
      • उदाहरण के लिये अल्पसंख्यक समुदायों को हानि पहुँचाने वाली नीति को न्यायसंगत नहीं माना जाएगा।
    • मानव अधिकार: सार्वजनिक नीति निर्माण में अन्य नैतिक विचारों के तहत व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता के लिये सम्मान और सार्वजनिक हित में कार्य करने का दायित्व शामिल है।
    • उपयोगिता: एक अन्य नैतिक विचार उपयोगिता का सिद्धांत है जो मानता है कि नीतियों का लक्ष्य समाज के समग्र कल्याण को अधिकतम करना होना चाहिये।
      • इसके लिये नीति निर्माताओं को नागरिकों, व्यवसायों और प्राकृतिक पर्यावरण सहित हितधारकों पर निर्णयों के संभावित परिणामों पर विचार करने की आवश्यकता होती है।
    • स्वायत्तता: व्यक्तियों को अपनी पसंद और निर्णय लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिये (जब तक कि वे दूसरों को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं)।
    • पारदर्शिता: निर्णय लेने की प्रक्रिया खुली और पारदर्शी होनी चाहिये ताकि नागरिक नीतिगत निर्णयों के पीछे के तर्क को समझ सकें।
    • उत्तरदायित्व: नीति निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने निर्णयों के दीर्घकालिक परिणामों पर विचार करें और जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य करें।
    • नागरिकों और व्यक्तियों की भलाई पर नैतिक विचारों का प्रभाव:
      • समाज: सामाजिक स्तर पर नैतिक विचार, सरकार और अन्य सार्वजनिक संगठनों में विश्वास की भावना को बढ़ावा देकर नागरिकों के कल्याण को प्रभावित कर सकते हैं।
        • जब नागरिक मानते हैं कि उनकी सरकार नैतिक और जिम्मेदार तरीके से काम कर रही है, तो वे अधिक सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। दूसरी ओर सरकार या अन्य सार्वजनिक संगठनों द्वारा किये जाने वाले अनैतिक व्यवहार से सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है, जिसका नागरिकों की भलाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
      • व्यक्तिगत स्तर पर: नैतिक विचार व्यक्ति को अपनी जीवन शैली में नैतिकता का पालन करने के लिये प्रेरित करते हैं। उदाहरण के लिये बहुत से लोग महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरित हुए हैं, जिन्होंने सभी कार्यों में अहिंसा, सत्य और करुणा के महत्त्व पर बल दिया था।
        • इसके अलावा उन्होंने दूसरों के साथ ईमानदार और दयालु होने का प्रयास करके और संघर्षों के लिये अहिंसक समाधान तलाश कर इन शिक्षाओं को अपने स्वयं के नैतिक विकास में लागू करने का प्रयास किया था।

    निष्कर्ष:

    इस प्रकार नीति निर्माताओं के लिये यह महत्त्वपूर्ण है कि वे नागरिकों की भलाई पर अपने निर्णयों के संभावित प्रभावों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करें और उचित, न्यायसंगत एवं समाज के सर्वोत्तम हित में नीतियाँ बनाने के लिये नैतिक विचारों का सहारा लें।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2