इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) प्रौद्योगिकी किस प्रकार सहायता कर सकती है ? विवेचना कीजिए।

    11 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण

    • टीबी रोग का परिचय देते हुए भारत में इसकी स्थिति को स्पष्ट करें।

    • इसके उन्मूलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की भूमिका स्पष्ट करें।

    • संतुलित निष्कर्ष लिखिये।

    भारत में टीबी एक गंभीर समस्या है। दुनिया के क्षय रोग पीडि़तों का पाँचवां हिस्सा भारत में पाया जाता है। इस बीमारी पर नियंत्रण और इसमें निर्धारित स्तर तक कमी लाने के विशेष प्रयासों के बाद भी देश में करीब 18 लाख क्षय रोगी प्रतिवर्ष बढ़ जाते हैं भारत में प्रतिदिन टीबी से 1,200 लोगों की मृत्यु होती है। यह एक बड़ी त्रासदी है, किसी भी अन्य रोग या आपदा का इतना उच्च स्तर नहीं है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी इस बीमारी की रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है

    तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी के प्रयोग के तरीके खोजने के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय टीबी विभाग ने वाधवानी इंस्टीट्यूट फॉर ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस सहभागिता में वाधवानी AI राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम को ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये तैयार करेगा, जिसमें इसे विकसित करना, मार्गदर्शन और AI आधारित समाधान को विस्तार देना शामिल है। यह इस कार्यक्रम को अतिसंवेदनशीलता और हॉट-स्पॉट मैपिंग में मदद देगा। स्क्रीनिंग एवं डायग्नोस्टिक्स के नए तरीकों के प्रतिरूपण और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अन्य प्रौद्योगिकियों को अपनाने में RNTCP (Revised National Tuberculosis Control Program) के सहयोग के साथ-साथ देखभाल करने वालों को फैसला लेने में सहायता प्राप्त होगी।

    स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई तकनीक को अपनाने में संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम आगे आया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हेल्थकेयर क्षेत्र को एक अलग अवसर प्रदान कर रहा है, इसमें दक्षता ला रहा है। इससे संसाधनों की बचत हो रही है और गुणवत्ता वाली सेवाओं की आपूर्ति बढ़ाने एवं जाँच में सटीकता लाने में मदद मिल रही है। इसके उपयोग से इस क्षेत्र में काफी अच्छे नतीजे आने की संभावना है, खासकर ऐसी परिस्थिति में, जहाँ संसाधन सीमित हैं। भारत वैश्विक सतत् विकास लक्ष्य से पाँच साल पहले 2025 तक टीबी को खत्म करने के लिये प्रतिबद्ध है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2