इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोकसेवकों के लिये अभिवृत्ति का क्या महत्त्व है? सोदाहरण व्याख्या करें। नौकरशाही में अभिवृत्ति को प्रभावित करने वाले कारकों को भी रेखांकित करें। (250 शब्द)

    27 Mar, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    (प्रश्न विच्छेद- यहाँ प्रश्न के दो हिस्से हैं। किन्तु केंद्रीय विचार नौकरशाही में अभिवृत्ति है। अतः भूमिका में नौकरशाही हेतु आवश्यक अन्य मूल्यों के साथ उत्तर के प्रारंभिक व्याख्या में लोकसेवकों के लिए अभिवृत्ति के महत्व पर विशेष जानकारी देंगे। प्रश्न में उदहारण की भी अपेक्षा है अतः एक संक्षिप्त उदहारण भी अवश्य दें। उत्तर व्याख्या के द्वितीय भाग में नौकरशाही में अभिवृत्ति को प्रभावित करने वाले कारकों को बताएँगे। अंत में एक संक्षिप्त,संतुलित और सारगर्भित निष्कर्ष देंगे।)

    भूमिका- नौकरशाही कार्यकुशल, प्रशिक्षित तथा कर्त्तव्यपरायण सरकारी कर्मचारियों का एक विशिष्ट संगठन है, जिसमें पदसोपान तथा आज्ञा की एकता के सिद्धांत का कड़ाई से पालन किया जाता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सामाजिक-आर्थिक विकास के जो लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं, उन्हें वास्तव में नौकरशाही ही क्रियान्वित करती है।

    व्याख्या-

    लोकसेवकों के लिये अभिवृत्ति का महत्त्व

    • अभिवृत्ति व्यक्ति की व्यावहारिक प्रतिक्रिया को प्रभावित करती है। चूँकि नौकरशाही के कार्य जनसेवा से जुड़े होते है अत: यह आवश्यक है कि लोकसवेक वंश, जाति, लिंग, समुदाय या किसी विशेष वर्ग के प्रति भेदभाव से ऊपर उठकर कार्य करें।
    • अभिवृत्ति एक निरंतर सीखने योग्य धारणा है, अत: लोकसेवकों को स्वयं में निरंतर सीखते रहने की अभिवृत्ति विकसित करनी चाहिये।
    • लोकसेवकों को इस बात का विशेष ध्यान भी रखना चाहिये कि उनके द्वारा लिये गए निर्णय उनके अधीनस्थों को प्रभावित करते हैं अत: इन्हें ऐसे ज़िम्मेदारी पूर्ण निर्णय लेने चाहिये जिससे इनके अधीनस्थों में भी सकारात्मक अभिवृत्ति का विकास हो सके।

    उदाहरण: एक नौकरशाह की नियुक्ति उत्तर प्रदेश के एक जिले में डीएम के रूप में होती है। पदभार संभालने के दूसरे ही दिन एक स्थानीय दबंग उससे आकर मिलता है और कहता है कि क्षेत्र में उसकी दूध और घी की कई दुकानें हैं, जहाँ नकली सामान बनता है। वह कहता है कि अधिकारी उसके विरूद्ध कोई कार्रवाई न करें, इसके बदले में वह एक मोटी रकम देने की पेशकश करता है। वह नौकरशाह से यह भी कहता है कि उसके अधीनस्थ कर्मचारियों को इस बात की जानकारी है तथा पहले यहाँ जो डीएम था, वह भी इस बात को जानता था। ऐसी स्थिति में उस नौकरशाह को अपनी सकारात्मक अभिवृत्ति का परिचय देते हुए, उस दबंग व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो करनी ही चाहिये, साथ ही उसकी नकली सामान बनाने वाली दुकानों को भी सील कर देना चाहिये। इससे उसके अधीनस्थों में भी सकारात्मक अभिवृत्ति का निर्माण होगा तथा अधीनस्थ भी सत्यनिष्ठा एवं ईमानदारी का परिचय देंगे।

    नौकरशाही में अभिवृत्ति को प्रभावित करने वाले कारकों को निम्न प्रकार समझा जा सकता है-

    लोभी विचार का त्याग

    प्रशासनिक भ्रष्टाचार और लोभ के स्तर में कमी लाने के लिए नौकरशाही की अभिवृत्ति में परिवर्तन कर उनमे नैतिक मूल्यों और सद्गुणों का विकास करना होगा।

    सामाजिक न्याय का आदर्श

    प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन एवं सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएँ बिना किसी भेदभाव के प्राप्त हों इसके लिए नौकरशाही से जुड़े लोग नियम-कानून व योजना-परियोजना तथा विकास सम्बंधित के कार्यों से सीधे जुड़े होते हैं। अत: यदि उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा सामाजिक न्याय से संबंधित अधिकारों और उसकी उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाए, तो इससे नौकरशाही में अभिवृत्ति का विकास होगा।

    सेवा भाव

    नौकरशाही की अभिवृत्ति में परिवर्तन प्रभावी एवं उचित सेवा भाव से भी होती है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सेवा भाव एवं नौकरशाही का जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सकता है।

    लोकपाल की स्थापना

    लोकपाल एवं इस जैसी कई अन्य संस्थाओं की स्थापना के द्वारा महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की कार्य प्रणालियों पर निगरानी रखी जाती है तथा इनके कार्यों में पारदर्शिता आती है।

    उचित राष्ट्रवादी दृष्टिकोण

    सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद, नक्सलवाद जैसी समस्याओं से निपटने के लिये प्रशासनिक अधिकारियों को जल्दबाजी में कोई कदम न उठाकर उचित राष्ट्रवादी दृष्टिकोण एवं संयम से काम लेना होगा।

    निष्कर्ष- निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि नौकरशाही में अभिवृत्ति एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण मूल्य है जिसके महत्त्व को दिन प्रतिदिन के व्यवहारों में देखा जा सकता है। इस अभिवृत्ति को प्रभावित करने वाले सकारात्मक कारकों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करके देश के विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2