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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    औषधियों की ऑनलाइन बिक्री से संबंधित चिंताजनक मुद्दों को देखते हुए सरकार को क्या अग्रगामी कदम उठाने चाहियें? चर्चा करें।

    17 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    ई-कॉमर्स के विस्तार से औषधियों की ऑनलाइन बिक्री में तेजी आई है जिससे संबंधित चिंताजनक मुद्दे निम्नलिखित हैं-

    • औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 (Drug and Cosmetics Act, 1940) में ‘औषध उद्योग’ में ई-कॉमर्स व्यापारियों के लिये दिशा-निर्देश नहीं हैं अतः ऑनलाइन औषध बिक्री पर विनियमन नहीं है।
    • ऑलाइन औषधियों तक सुगम पहुँच से एंटीमाइक्रोमियल प्रतिरोध को बढ़ावा मिल सकता है।
    • ऑनलाइन औषधियों की गुणवत्ता कम होने की संभावना रहती है। इससे बाज़ार में संदिग्ध गुणवत्ता वाली औषधियों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
    • इससे सरकार का राजस्व भी प्रभावित होता है क्योंकि ई-कॉमर्स के व्यापारी अनेक करों के भुगतान से बच जाते हैं।

    औषधियों की ऑनलाइन बिक्री से संबंधित मुद्दों के परीक्षण के लिये ‘औषध परामर्शदायी समिति’ द्वारा गठित उप समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें अनेक अनुशंसाएँ की गईं हैं, जो निम्नलिखित हैं-

    • एक राष्ट्रीय पोर्टल बनाया जाए जो ऑनलाइन औषध बिक्री का संचालन और निगरानी के लिये मॉडल मंच के रूप में कार्य करे। 
    • ऑनलाइन औषध विक्रेताओं एवं ई-औषधालयों के पंजीकरण एवं विनियमन का तंत्र विकसित किया जाना चाहिये।
    • प्रशामक औषधियों, नारकोटिक्स और साइकोट्रॉपिक औषधियों को इनके संभावित दुरूपयोग के कारण ऑलनाइन बिक्री के दायरे से बाहर रखना चाहिये।

    इस प्रकार, ऑनलाइन औषध बिक्री का विनियमन आवश्यक है एवं दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर दण्डात्मक कार्रवाई की जानी चाहिये। इसके अलावा सरकार जेनेटिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाकर ऑनलाइन औषध खरीद को सीमित कर सकती है। 

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