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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    दया और करुणा में क्या अंतर है? उपयुक्त उदाहरणों के माध्यम से इसे स्पष्ट करें। चर्चा करें कि एक जन नेता के जीवन में करुणा का महत्त्व किस सीमा तक है?

    10 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    सहानुभूति और करुणा के मध्य अंतर मात्रा और स्तर का है। दोनों ही कमजोर वर्ग के लिये लगाव और ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ की भावना से संबंधित है। इसे इस प्रकार देखा जा सकता हैः
    सहानुभूति < समानुभूति < करुणा

    सहानुभूति का आशय दूसरों की पीड़ा की भावना को महसूस करना है। यह एक सामाजिक अभिव्यक्ति है। सहानुभूति का आशय दूसरे की पीड़ा को समझने से है परंतु यह अवस्था क्षणिक होती है। 

    समानुभूति में आप दूसरे व्यक्ति के कष्ट को, उसके स्थान पर स्वयं को रखकर अनुभव करते हैं। यह सहानुभूति से अधिक स्थायी होती है। 

    सहानुभूति और समानुभूति से इतर करुणा में आप दूसरों के कष्ट को महसूस करने के साथ, इस परिप्रेक्ष्य में कोई कार्य भी करते हैं।

    उदाहरण के तौर पर जब आप किसी कमजोर व्यक्ति को सड़क किनारे देखते हैं तो- 
    सहानुभूतिः उस व्यक्ति के कष्ट को आप महसूस करते हैं।
    समानुभूतिः उस व्यक्ति की सहायता करना चाहते हैं।
    करुणाः आप वास्तव में उसके कष्ट निवारण हेतु कोई कार्य करते हैं।

    करुणा, किसी जननेता के लिये अतिमहत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके और जनता के मध्य एक आत्मीय संवाद को स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। करुणा, जननेता में भावनात्मक बुद्धिमत्ता को भी बढ़ाती है। ऐसी स्थिति में जननेता व्यावहारिक तौर पर जनता के मध्य अधिक जुड़ाव व ख्याति महसूस करता है। करुणा का महत्व महात्मा गांधी और भारतीय जनता के संबंधों के तौर पर देखा जा सकता है।

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