इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    क्या भारत में विनियमों का आधिक्य है? क्या भारत में ऐसे नियम-क़ानून हैं जो भ्रष्टाचार फैलाने में एक वातावरण तैयार करते हैं? समीक्षा कीजिये।

    17 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    शासन के किसी अन्य मुद्दे की अपेक्षा भ्रष्टाचार का हल प्राथमिक तौर पर और अधिक सर्वांगी होना चाहिये।

    केवल बहुत सारे विनियम और नियम-क़ानून बना देने से ही भ्रष्टाचार की समस्या को हल नहीं किया जा सकता क्योंकि कई बार ऐसे नियम-क़ानून और विनियम भ्रष्टाचार का माहौल तैयार करने में मदद करते हैं। ऐसी सभी कार्य-पद्धतियाँ, क़ानून और विनियम जिनसे भ्रष्टाचार फैलता है या जो भ्रष्ट व्यक्तियों की ढाल बनकर खड़े होते हैं उन्हें नष्ट किया जाना चाहिये। यह सच है कि भारत में ऐसे नियमों का आधिक्य है जो भ्रष्टाचार फैलाने का एक वातावरण तैयार करते हैं तथा जिनसे दोषी का अपराध सिद्ध करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। 

    वर्तमान में इस मुद्दे पर ज़ोर-शोर से बहस चल रही है कि ऐसे अप्रासंगिक बन चुके नियमों को खत्म कर दिया जाए जो या तो न्याय-प्रक्रिया में देरी करते हैं अथवा भ्रष्ट व्यक्तियों द्वारा ईमानदारों के उत्पीड़न का माध्यम बन जाते हैं। ऐसे कुछ विद्यमान क़ानूनों में सुधार की आवश्यकता है तो कुछ को पूर्णतः हटाकर नए सिरे से परिभाषित एक नए क़ानून बनाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नए प्रावधान तथा अनुच्छेद 311 द्वारा सिविल सेवकों को दिया जाने वाला संरक्षण भ्रष्ट अधिकारियों के प्रोत्साहन का माध्यम बन गया है। यह कानूनी प्रावधान कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए आरोपित व्यक्ति पद पर ही बना रहेगा और निर्दोष माना जाएगा, कानूनी प्रक्रिया को बहुत लंबा खींच देता है जिससे ईमानदार व्यक्ति हतोत्साहित हो रहे हैं। 

    ग्लैडस्टोन ने कहा है कि “सरकार का उद्देश्य लोगों के अच्छे काम को आसान कर देना तथा बुरे काम को मुश्किल बना देना है।” नेपोलियन बोनापार्ट कहता है कि “क़ानून इतना सारगर्भित होना चाहिये कि उसे कोट की ज़ेब में रखकर ले जाया जा सके और इतना सरल होना चाहिये कि एक किसान भी समझ सके।” निश्चित रूप से सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले नियम-क़ानूनों को खत्म किये जाने की आवश्यकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2