कुल प्रश्नों की संख्या : 1
-
तेज़ी से शहरीकृत होते एक महानगर के नगर आयुक्त (Municipal Commissioner) के रूप में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अरुण मेहता शहर में प्रदूषित वायु के कारण हो रही मृत्यु दर और श्वसन संबंधी बीमारियों की बढ़ती घटनाओं से बहुत चिंतित हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एक प्रतिष्ठित चिकित्सीय संस्थान की हालिया रिपोर्टों से यह तथ्य सामने आया है कि वायु में सूक्ष्म कणिका पदार्थों (PM2.5) की मात्रा अनुमेय सीमा से 4–5 गुना अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों और वृद्ध जनों में फेफड़ों की बीमारियों में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
इन चेतावनियों के बावजूद कई प्रभावशाली निर्माण कंपनियाँ और परिवहन संघ धूल नियंत्रण, उत्सर्जन और अपशिष्ट निपटान मानदंडों का उल्लंघन करते रहते हैं। जब अरुण नियमों का सख्त पालन करने और प्रदूषणकारी निर्माण स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का प्रस्ताव रखते हैं, तो उन्हें स्थानीय राजनेताओं एवं व्यावसायिक समूहों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ता है, जिनका तर्क है कि ऐसे कदम “विकास और रोज़गार को नुकसान पहुँचाएँगे।” कुछ मीडिया संस्थान भी उनकी पहलों को “विकास-रोधी” कहकर आलोचना करते हैं।
इसी बीच, नागरिक समूह और पर्यावरणीय गैर-सरकारी संगठन (NGOs) अनुच्छेद 21 के अंतर्गत स्वस्थ पर्यावरण के संवैधानिक अधिकार का हवाला देते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं। दूसरी ओर, नगर निगम के कर्मचारी अपर्याप्त सुरक्षा उपकरणों और विभागों के बीच समन्वय की कमी की शिकायत करते हैं। जनाक्रोश की आशंका से राज्य सरकार, ठोस कार्रवाई करने के बजाय ‘मामले का अध्ययन’ करने के लिये एक समिति का गठन करती है, जिससे ठोस कार्रवाई में विलंब होता है।
अब अरुण को यह तय करना है कि उल्लंघनकर्त्ताओं के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए और प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाए, या निहित स्वार्थों और राजनीतिक प्रतिक्रिया से संघर्ष से बचने के लिये क्रमिक दृष्टिकोण अपनाया जाए। उनका यह निर्णय उनके प्रशासनिक साहस, नैतिक दृढ़ता और जन कल्याण के प्रति कर्त्तव्य-निष्ठा की वास्तविक परीक्षा होगा।
प्रश्न:
1. इस परिस्थिति में अरुण मेहता को किन प्रमुख नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है?
2. इस मामले में शामिल परस्पर विरोधी मूल्यों और सिद्धांतों की का अभिनिर्धारण कर उनका विश्लेषण कीजिये।
3. अरुण के समक्ष उपलब्ध संभावित कार्यवाही की समीक्षा कीजिये तथा उनके संभावित परिणामों का मूल्यांकन कीजिये।
4. पर्यावरण संरक्षण और विकासात्मक आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित करते हुए सबसे नैतिक तथा प्रशासनिक दृष्टि से उपयुक्त कार्यवाही प्रस्तावित कीजिये।
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़