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उत्तरी राज्य में उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर कार्यरत एक IPS अधिकारी, रोहित कुमार ने हाल ही में पुलिसकर्मियों में पदोन्नति और तैनाती से जुड़े निर्णयों को लेकर बढ़ती असंतुष्टि को देखा है। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के कई अधिकारियों का आरोप है कि उन्हें प्रमुख परिचालन पदों के लिये नियमित रूप से जानबूझकर दूर रखा जाता है तथा उत्कृष्ट सेवा रिकॉर्ड होने के बावजूद समय पर पदोन्नति नहीं दी जाती। कुछ विशेष सामाजिक पृष्ठभूमि के अधिकारियों को प्रायः शहरी और संवेदनशील ज़िलों में प्रभावशाली पदों पर नियुक्तियों के लिये वरीयता दी जाती है, भले ही उनसे अधिक योग्य अधिकारी उपलब्ध क्यों न हों।
SC/ST अधिकारी संघ द्वारा की गई एक आंतरिक शिकायत में प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) में पूर्वाग्रह के संकेत मिलने की बात कही गयी है, जहाँ सूक्ष्म भेदभाव के कारण कम ग्रेड दिये जाते हैं। संघ ने रोहित से कार्रवाई करने और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। हालाँकि, जब रोहित विभागीय बैठकों में इस मुद्दे को उठाते हैं, तो वरिष्ठ अधिकारी उन्हें ‘जातिगत मुद्दों को भड़काने से बचने’ और संस्थागत एकता बनाए रखने की सलाह देते हैं। कुछ तो यह भी चेतावनी देते हैं कि इस मुद्दे को आगे बढ़ाने से उनके कॅरियर की प्रगति प्रभावित हो सकती है तथा राजनीतिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
पुलिस पोस्टिंग में जाति-आधारित पूर्वाग्रह पर हालिया मीडिया रिपोर्टों के बाद सार्वजनिक आलोचना का सामना कर रही राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर आंतरिक जाँच का वादा किया है। हालाँकि, इस मुद्दे को व्यवस्थागत भेदभाव के बजाय ‘गलतफहमी मात्र’ बताकर कमतर आँकने की कोशिश की जा रही है। इस बीच प्रभावित अधिकारी निराश महसूस कर रहे हैं और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, रोहित से अपेक्षा की जाती है कि वे संस्थागत अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता बनाए रखते हुए समता एवं न्याय के संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखें। यह स्थिति कार्मिक प्रबंधन में निष्पक्षता सुनिश्चित करने तथा संगठनात्मक स्थिरता बनाए रखने के बीच एक सावधानीपूर्वक संतुलन की माँग करती है।
प्रश्न:
A. इस स्थिति में रोहित कुमार के समक्ष कौन-कौन सी प्रमुख नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?
B. इस मामले में शामिल परस्पर विरोधी मूल्यों और सिद्धांतों का अभिनिर्धारण कर उनका विश्लेषण कीजिये।
C. रोहित के लिये उपलब्ध संभावित कार्यवाही और उनके संभावित परिणामों का मूल्यांकन कीजिये।
D. निष्पक्षता और संस्थागत अखंडता सुनिश्चित करने के लिये रोहित को कौन-सा सबसे नैतिक एवं प्रशासनिक रूप से सही कदम उठाना चाहिये, इसका सुझाव दीजिये।
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