प्रारंभिक परीक्षा
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)
स्रोत: PIB
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से हाल ही में जारी किये गए एक नोट, "बढ़ता रिटेल डिजिटल भुगतान: इंटरऑपरेबिलिटी का महत्त्व” में भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस- UPI) की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है।
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) क्या है?
- परिचय: UPI एक रीयल-टाइम मोबाइल भुगतान प्रणाली है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं को एक ही ऐप में कई बैंक खातों को लिंक करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे व्यक्तिगत (Peer-to-Peer) और व्यावसायिक (Merchant) लेन-देन सहज रूप से किये जा सकते हैं।
- कार्य प्रणाली: UPI में लेन-देन पुश (भेजना) और पुल (प्राप्त करना) दोनों रूपों में किये जा सकते हैं। इसके लिये वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग किया जाता है।
यह प्रणाली दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का पालन करती है, जिससे प्रत्येक बार बैंक विवरण दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती। - प्रयुक्त प्रौद्योगिकियाँ: UPI का निर्माण IMPS (इमीजिएट पेमेंट सर्विस) पर आधारित है तथा यह आधार सक्षम भुगतान सेवाओं के साथ भी एकीकृत है।
- IMPS लाभार्थी के मोबाइल नंबर और मोबाइल मनी आइडेंटिफिकेशन नंबर (MMID) या खाता संख्या और भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) के आधार पर, भागीदार बैंक के साथ लाभार्थी के खाते में धनराशि स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करता है।
- AePS आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नकद निकासी, जमा, शेष राशि की जानकारी और धन हस्तांतरण (अंतरबैंक या अंतरबैंक) जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की अनुमति प्रदान करता है।
- भीम ऐप (BHIM App): भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) एक UPI-आधारित भुगतान ऐप है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।
UPI ने भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को किस प्रकार बदल दिया है?
- प्रभाव और स्वीकृति: UPI द्वारा जून 2025 में 18.39 बिलियन लेनदेन के माध्यम से 24.03 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया।
- UPI अब 491 मिलियन उपयोगकर्त्ताओं और 65 मिलियन व्यापारियों को सेवा प्रदान करता है, तथा 675 से अधिक बैंकों को एक मंच पर जोड़ता है।
- भारत की UPI अब विश्व की शीर्ष रियल-टाइम भुगतान प्रणाली है, जो वीज़ा के 639 मिलियन से अधिक दैनिक लेनदेन को संसाधित करती है तथा भारत में सभी डिजिटल लेन-देन में 85 प्रतिशत UPI के माध्यम से होते हैं। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है, और यह वैश्विक स्तर पर रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 प्रतिशत को संचालित करता है।
- UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान को दैनिक जीवन में एकीकृत कर दिया है, जिससे एक ही ऐप के माध्यम से 24/7 तत्काल लेनदेन और सभी बैंक खातों का आसान प्रबंधन संभव हो गया है।
- दो-कारक प्रमाणीकरण सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जबकि यूपीआई आईडी संवेदनशील बैंक विवरण साझा करने की आवश्यकता से बचकर गोपनीयता की रक्षा करते हैं। त्वरित प्रतिक्रिया (QR) कोड दुकानों पर भुगतान को तेज़ और आसान बनाते हैं।
- इंटरऑपरेबिलिटी: UPI ने क्लोज़ लूप सिस्टम जैसे सीमित वॉलेट या केवल एक बैंक तक सीमित लेन-देन की सीमाओं को समाप्त करके प्लेटफॉर्म-स्वतंत्र (Platform-agnostic) और निर्बाध भुगतान प्रणाली को संभव बनाया है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं को विभिन्न ऐप्स और बैंकों के माध्यम से लेनदेन करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे डिजिटल भुगतान आसान और अधिक सुलभ हो जाता है।
- इस खुलेपन ने ऐप्स को प्रतिस्पर्द्धा करने और बेहतर बनाने के लिये प्रेरित किया, जिससे नवाचार और बेहतर उपयोगकर्त्ता अनुभव को बढ़ावा मिला।
- वित्तीय समावेशन: UPI के शून्य-लागत, वास्तविक समय हस्तांतरण ने छोटे विक्रेताओं और पहली बार उपयोगकर्त्ताओं के लिये डिजिटल भुगतान को सुलभ बना दिया है।
- इसने लाखों किराना दुकानों और सूक्ष्म व्यवसायों को सशक्त बनाया है, साथ ही डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा तथा डिजिटल वित्त में विश्वास का निर्माण किया है।
- वैश्विक पहुँच और कूटनीति: UPI अब 7 देशों में उपलब्ध है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्राँस और मॉरीशस शामिल हैं।
- फ्राँस में इसकी शुरुआत यूरोप में इसके प्रवेश का प्रतीक है। भारत ब्रिक्स देशों में भी UPI को अपनाने पर ज़ोर दे रहा है, जिससे विदेशों में भारतीयों के लिये धन प्रेषण को बढ़ावा मिलेगा तथा भुगतान आसान होगा।
UPI के पीछे डिजिटल आधार:
- UPI की वैश्विक सफलता डिजिटल बुनियादी ढाँचे में वर्षों के निवेश पर आधारित है, जिसमें भारत ने किफायती इंटरनेट के साथ-साथ JAM ट्रिनिटी (जन धन योजना (वित्तीय समावेशन), आधार (डिजिटल पहचान) और मोबाइल कनेक्टिविटी) के माध्यम से एक मज़बूत आधार तैयार किया है।
- जुलाई 2025 के मध्य तक, जन धन योजना ने 55.9 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले, जिससे लाखों लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल हुए और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण संभव हुआ।
- आधार ने प्रत्येक निवासी को एक विशिष्ट बायोमेट्रिक-लिंक्ड पहचान प्रदान की। जून 2025 तक 142 करोड़ से अधिक आधार संख्याएँ सृजित होने के साथ, इसने सुरक्षित प्रमाणीकरण को सक्षम तथा UPI जैसी सेवाओं को सुदृढ़ बनाया।
- विश्व के सबसे तेज़ 5G रोलआउट (4.74 लाख बेस स्टेशन अब लगभग सभी ज़िलों को कवर करते हैं) के साथ कनेक्टिविटी में तेज़ी से सुधार हुआ।
- डेटा की लागत वर्ष 2014 में 308 रुपए/GB से घटकर वर्ष 2022 में 9.34 रुपए हो गई, जिससे 116 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्त्ताओं को लाभ होगा।
- इन सभी स्तंभों के सम्मिलित प्रयासों ने UPI को विश्व का अग्रणी रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली बना दिया और भारत को वैश्विक डिजिटल वित्तीय मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्सप्रश्न 1. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न 2. 'एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI)' को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक संभाव्यता है? (2017) (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वालेट आवश्यक नहीं होंगे। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
रैपिड फायर
हॉर्नबिल संरक्षण केंद्र
स्रोत: TH
तमिलनाडु सरकार ने अन्नामलाई टाइगर रिज़र्व (ATR) में हॉर्नबिल संरक्षण के लिये भारत का पहला उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है।
- हॉर्नबिल प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित: यह पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली चार प्रजातियों, ग्रेट हॉर्नबिल, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, मालाबार पाइड हॉर्नबिल और इंडियन ग्रे हॉर्नबिल के संरक्षण पर केंद्रित होगा।
- विस्तार: इस परियोजना की शुरुआत अगस्त्यमलई टाइगर रिज़र्व (ATR) से होगी और इसका विस्तार कलक्कड़ मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व, सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व, और कन्याकुमारी के कुछ हिस्सों तक किया जाएगा।
- व्यापक संरक्षण रणनीति: डुगोंग संरक्षण रिज़र्व, नीलगिरि तहर परियोजना, स्लेंडर लोरिस संरक्षण केंद्र और AI-संचालित हाथी संरक्षण के बाद, यह तमिलनाडु की संरक्षण यात्रा में एक और मील का पत्थर है।
हॉर्नबिल:
- हॉर्नबिल: हॉर्नबिल्स बड़े आकार के, लंबी दूरी तक उड़ने वाले, फलाहारी पक्षी होते हैं जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय वनों (ऊंचे पेड़ों) में पाए जाते हैं।
- विशिष्ट विशेषताएँ: हॉर्नबिल की बड़ी घुमावदार चोंच, तेज़ आवाज़ और विशिष्ट पंखों की फड़फड़ाहट होती है।
- प्रजनन के दौरान, मादा एक पेड़ की गुहा को बंद कर देती है, और नर एक संकरी दरार से उसे भोजन देता है।
- भारत में हॉर्नबिल प्रजातियाँ: भारत में 9 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 4 प्रजातियाँ पश्चिमी घाटों में मिलती हैं (नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के अनुसार)।
- ग्रेट हॉर्नबिल व्यापक रूप से वितरित है, और नारकोंडम हॉर्नबिल नारकोंडम द्वीप में स्थानिक है।
- पारिस्थितिक भूमिका: हॉर्नबिल्स बीज फैलाने वाले प्रमुख पक्षी होते हैं, इसलिये इन्हें “वनों के किसान” कहा जाता है। ये कीस्टोन प्रजाति के रूप में कार्य करते हैं, यानी इनके बिना पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बिगड़ सकता है।
और पढ़ें..: अन्नामलाई टाइगर रिज़र्व
रैपिड फायर
RBI का वित्तीय समावेशन सूचकांक 2025
स्रोत: IE
भारतीय रिज़र्व बैंक का वित्तीय समावेशन सूचकांक (FI-Index) मार्च 2025 में बढ़कर 67 हो गया, जो मार्च 2024 में 64.2 था। इस वृद्धि का कारण बेहतर पहुँच, उपयोग और गुणवत्ता है, जो वित्तीय भागीदारी की गहराई और सुधरती वित्तीय साक्षरता को दर्शाता है।
- वित्तीय समावेशन सूचकांक (FI-Index) बैंकिंग, निवेश, बीमा, पेंशन और डाक क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन का एक समग्र माप है। यह सरकार और नियामकों के इनपुट के साथ विकसित किया गया है।
- यह जुलाई में प्रतिवर्ष प्रकाशित होता है तथा वित्तीय समावेशन सूचकांक 0 से 100 तक के मूल्य का होता है, जिसमें 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण को जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। ·
- इस सूचकांक का कोई आधार वर्ष नहीं है, जो समय के साथ संचयी प्रगति को दर्शाता है।
- इसमें तीन पैरामीटर शामिल हैं: पहुँच (35%), उपयोग (45%), और गुणवत्ता (20%)।
- गुणवत्ता पैरामीटर एक अनूठी विशेषता है जिसमें वित्तीय साक्षरता, उपभोक्ता संरक्षण और सेवा समानता शामिल हैं।
- यह जुलाई में प्रतिवर्ष प्रकाशित होता है तथा वित्तीय समावेशन सूचकांक 0 से 100 तक के मूल्य का होता है, जिसमें 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण को जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। ·
- यह सूचकांक मार्च 2017 में 43.4 से बढ़कर मार्च 2021 में 53.9 हो गया है जो अब मार्च 2025 में 67 तक पहुँच गया है।
- विशेषज्ञ इस वृद्धि का श्रेय डिजिटल प्रयासों और निरंतर वित्तीय साक्षरता को देते हैं, जो सार्थक और समावेशी वित्तीय सशक्तीकरण की ओर एक बदलाव का प्रतीक है।
रैपिड फायर
चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती
स्रोत: PIB
प्रधानमंत्री ने चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती (23 जुलाई 2025) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और युवाओं के लिये उनके प्रेरणा को सम्मानित किया।
- प्रारंभिक जीवन: चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म वर्ष 1906 में मध्य प्रदेश के भाबरा गाँव (जिसे अब चंद्रशेखर आज़ाद नगर के नाम से जाना जाता है) में चंद्रशेखर तिवारी के रूप में हुआ था। उन्होंने किशोरावस्था से ही क्रांतिकारी चेतना का परिचय दिया। वे मात्र 15 वर्ष की आयु में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए।
- सत्याग्रह से क्रांति की ओर परिवर्तन: वर्ष 1922 में गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन को वापस ले लिये जाने के बाद वे निराश हुए।
- चंद्रशेखर आज़ाद ने क्रांतिकारी गतिविधियों की ओर रुख किया और हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी (HRA) से जुड़ गए। वर्ष 1925 में, उन्होंने सशस्त्र संघर्ष के लिये धन जुटाने हेतु काकोरी रेल डकैती में सक्रिय भूमिका निभाई।
- वर्ष 1928 में भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव, शिव वर्मा और विजय कुमार सिन्हा ने मिलकर HRA का पुनर्गठन किया और समाजवाद को इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल किया। इसके साथ ही संगठन का नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) रखा गया।
- महत्वपूर्ण कार्यवाहियाँ: HSRA में भगत सिंह इसके राजनीतिक विचारक थे, जबकि चंद्रशेखर आज़ाद ने सैन्य इकाई का नेतृत्व किया। वे योजनाएँ बनाने, नवयुवकों को प्रशिक्षण देने और हथियारों की व्यवस्था जैसे कार्यों के लिये उत्तरदायी थे।
- उन्होंने वर्ष 1928 में लाहौर में ब्रिटिश अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या की योजना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे भगत सिंह और राजगुरु ने अंजाम दिया।
- विरासत: चंद्रशेखर आज़ाद का 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में मात्र 24 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी स्मृति में उस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आज़ाद पार्क रखा गया।
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