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ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

रैपिड फायर

MH-60R हेलीकॉप्टर

स्रोत: पी.आई.बी

भारत ने भारतीय नौसेना के MH-60R बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों के पाँच साल के सतत् समर्थन के लिये अमेरिका के साथ 7,995 करोड़ रुपये के प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र (LOP) पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • सतत् सहायता एक व्यापक पैकेज है जिसमें पुर्जों, सहायक उपकरणों, उत्पाद सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता, घटकों की मरम्मत और पुनःपूर्ति तथा भारत में 'मध्यवर्ती' स्तर की घटक मरम्मत और आवधिक रखरखाव निरीक्षण सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
  • भारत ने वर्ष 2020 में अमेरिका से 24 MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर खरीदने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। 
    • भारतीय नौसेना ने वर्ष 2024 में कोच्चि में INS गरुड़ पर अपना पहला MH-60R स्क्वाड्रन कमीशन किया।
  • MH-60R सीहॉक (ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का एक समुद्री संस्करण) एक उन्नत, सभी मौसमों में कार्य करने वाला, बहु-भूमिका वाला प्लेटफॉर्म है, जिसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) क्षमता है, जो भारत की समुद्री सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • हेलीकॉप्टर कई प्रकार के सेंसर से सुसज्जित हैं, जिनमें मल्टी-मोड रडार, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इंफ्रारेड कैमरा, डेटा लिंक्स, एयरक्राफ्ट सरवाइवेबिलिटी सिस्टम, डिपिंग सोनार और सोनोबॉय शामिल हैं।

और पढ़ें: MH-60R मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर


प्रारंभिक परीक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव

स्रोत: UN 

चर्चा में क्यों? 

संयुक्त राष्ट्र ने अगले महासचिव (SG) के चयन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है, जो जनवरी 2027 में पदभार सॅंभालेंगे, जब एंटोनियो गुटेरेस 31 दिसंबर, 2026 को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: महासचिव (SG) संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 97 के तहत संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं।
    • महासचिव एक साथ राजनयिक और अधिवक्ता, नागरिक सेवक एवं CEO हैं, जो UN के आदर्शों का प्रतीक तथा विश्व के लोगों, विशेष रूप से गरीबों व कमज़ोरों के लिये एक प्रवक्ता हैं।
    • परंपरागत रूप से यह पद विभिन्न क्षेत्रों के बीच क्रम से घूमता है, हालाँकि यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है।
    • अब तक संयुक्त राष्ट्र के सभी महासचिव पुरुष रहे हैं, जिसके कारण एक महिला महासचिव नियुक्त करने की मांग बढ़ती रही है।
  • महासचिव का चयन और नियुक्ति प्रक्रिया:
    • प्रारंभ: महासचिव चयन प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) और सुरक्षा परिषद (UNSC) के अध्यक्षों द्वारा सदस्य देशों को नामांकन प्रस्तुत करने हेतु संयुक्त आमंत्रण से शुरू होती है।
      • नामांकन के बाद, हर उम्मीदवार को अपना दृष्टिकोण पत्र, जीवन परिचय (बायोडाटा) और चुनाव प्रचार में खर्च हुए पैसों का ब्योरा देना अनिवार्य होता है।
    • सुरक्षा परिषद की जाँच: सुरक्षा परिषद अनौपचारिक विचार-विमर्श करती है और गुप्त स्ट्रॉ पोल आयोजित करती है, जिनमें उम्मीदवारों को ‘प्रोत्साहित’, ‘हतोत्साहित’ या ‘कोई राय नहीं’ के रूप में चिह्नित किया जाता है।
      • पाँच स्थायी सदस्यों (अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्राँस) के मतपत्र रंग-कोडित होते हैं ताकि संभावित वीटो संकेतित किया जा सके।
    • सिफारिश हेतु आवश्यक समर्थन: किसी उम्मीदवार को आगे बढ़ने के लिये, उसे कम-से-कम नौ सदस्यों का समर्थन मिलना चाहिये और सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी वीटो (निषेधाधिकार) नहीं होना चाहिये।
    • UNSC प्रस्ताव: परिषद एक औपचारिक प्रस्ताव पारित कर किसी एक उम्मीदवार को महासभा के समक्ष अनुशंसा हेतु प्रस्तुत करती है।
    • महासभा द्वारा नियुक्ति: UNGA सिफारिश को साधारण बहुमत से या सर्वसम्मति से मंज़ूर करती है।
    • कार्यकाल: पाँच वर्षों का कार्यकाल, जिसे सामान्यतः एक बार पुनर्नवीनीकृत किया जा सकता है।
  • SG की भूमिका:
    • प्रशासनिक और कार्यकारी कर्त्तव्यों: चार्टर के अनुच्छेद 97 के तहत महासचिव संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य करता है।
      • संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का नेतृत्व करते हैं, जो वैश्विक मिशनों और कार्यक्रमों में कर्मचारियों, बजट तथा संचालन की निगरानी करते हैं।
      • संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के मुख्य कार्यकारी बोर्ड (CEB) की अध्यक्षता करता है, जो प्रणाली-व्यापी समन्वय के लिये है।
      • सुरक्षा परिषद, महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) और अन्य संयुक्त राष्ट्र निकायों द्वारा सौंपे गए कार्यों का निष्पादन करता है।
      • महासचिव सुरक्षा परिषद के समक्ष किसी भी ऐसे मामले को लाने का अधिकार रखता है जो अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है (अनुच्छेद 99)।
      • महासचिव के पास एक ऐसा जनादेश है जो प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों को महत्त्वपूर्ण राजनीतिक विवेक के साथ जोड़ता है।
    • कूटनीतिक और मध्यस्थता की भूमिका: महासचिव अपने ‘अच्छे कार्यालयों’ का उपयोग शांत कूटनीति, सार्वजनिक अपीलों और मध्यस्थता के माध्यम से संघर्षों को रोकने या कम करने के लिये करते हैं। 
      • वे सरकार और समुदायों से मिलने हेतु व्यापक रूप से यात्रा करते हैं, वैश्विक मुद्दों से निकटता से जुड़े रहते हैं। 
    • प्रतीकात्मक और समर्थन संबंधी भूमिका: महासचिव संयुक्त राष्ट्र के नैतिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं, शांति, न्याय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
      • इस पद के लिये सदस्य देशों की चिंताओं और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों व मूल्यों के पालन के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता है।

UN

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. संयुक्त राष्ट्र महासचिव की नियुक्ति का कानूनी आधार क्या है?
नियुक्ति संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 97 के अनुसार सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा की जाती है।

2. महासचिव पद के लिये उम्मीदवारों का नामांकन कैसे किया जाता है?
UNGA और UNSC के अध्यक्षों द्वारा संयुक्त आमंत्रण जारी किये जाने के बाद सदस्य देश नामांकन प्रस्तुत करते हैं; उम्मीदवार आमतौर पर एक दृष्टिकोण पत्र, जीवन परिचय (बायोडाटा) और अभियान वित्त संबंधी खुलासे जमा करते हैं।  

3. सुरक्षा परिषद की सिफारिश के लिये किस बहुमत की आवश्यकता होती है?
किसी उम्मीदवार को सामान्यतः कम से कम नौ अनुकूल मतों की आवश्यकता होती है और किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा वीटो नहीं लगाया जाना चाहिये, तभी सुरक्षा परिषद उसकी सिफारिश कर सकती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रिलिम्स 

प्रश्न. ‘‘संयुक्त राष्ट्र प्रत्यय समिति (युनाईटेड नेशंस क्रेडेंशियल्स कमिटी)’’ के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022) 

  1. यह संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद द्वारा स्थापित समिति है और इसके पर्यवेक्षण के अधीन काम करती है।
  2. पारंपरिक रूप से प्रति वर्ष मार्च, जून और सितंबर में इसकी बैठक होती है।
  3. यह महासभा को अनुमोदन हेतु रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पूर्व सभी UN सदस्यों के प्रत्ययों का आकलन करती है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 3

(b) 1 और 3

(c) 2 और 3

(d) 1 और 2  

उत्तर: (a)


 प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)

  1. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) में 24 सदस्य देश शामिल हैं। 
  2.  यह 3 वर्ष की अवधि के लिये महासभा के दो-तिहाई बहुमत द्वारा चुनी जाती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


रैपिड फायर

तारागिरी

स्रोत: पीआईबी

भारतीय नौसेना को मझगॉंव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित चौथा नीलगिरि श्रेणी (प्रोजेक्ट 17ए) फ्रिगेट तारागिरी (यार्ड 12653) और तीसरा P17A जहाज़ प्राप्त हुआ।

नीलगिरि श्रेणी (प्रोजेक्ट 17A) का चौथा और मझगाँव डॉक शिपबिल्डिंग लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित तीसरा जहाज़, तारागिरि (यार्ड 12653) भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।

  • तारागिरी: तारागिरी, पूर्व आईएनएस तारागिरी का एक नया रूप है, जो एक लियेंडर-श्रेणी का युद्धपोत तथा भारतीय नौसेना के बेड़े का हिस्सा रहा, जिसने राष्ट्र को 33 वर्षों की शानदार सेवा प्रदान की।
    • इसे युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया था और समय पर डिलीवरी के लिये एकीकृत निर्माण दृष्टिकोण का उपयोग करके बनाया गया था।
    • इससे पहले INS नीलगिरि, INS उदयगिरि और हिमगिरि को प्रोजेक्ट 17A के तहत भारतीय नौसेना को सौंपा गया था।   
  • परियोजना 17A: यह भारत का कार्यक्रम है जिसके तहत शिवालिक श्रेणी के उन्नत उत्तराधिकारी के रूप में सात नीलगिरि श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट का निर्माण किया जाएगा।
    • सात युद्धपोतों में से चार (नीलगिरि, उदयगिरि, तारागिरि, महेंद्रगिरि) का निर्माण MDL द्वारा किया जा रहा है तथा तीन (हिमगिरि, दूनागिरि, विंध्यगिरि) का निर्माण GRSE द्वारा किया जा रहा है।
    • जहाज़ों का निर्माण एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग करके किया जाता है, जो ब्लॉक चरणों में पूर्व-उपकरण के माध्यम से निर्माण समय को कम करता है।
    • नीलगिरि श्रेणी की लगभग 75% प्रणालियाँ स्वदेशी हैं। समुद्री अभियानों के लिये निर्मित, ये फ्रिगेट कई तरह के खतरों से निपट सकते हैं तथा सतह-रोधी, वायु-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे ये अत्यधिक बहुमुखी अग्रिम पंक्ति बन जाते हैं।
    • जहाज़ों का निर्माण एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग करके किया जाता है। इस तकनीक में जहाज़ के हिस्सों (ब्लॉकों) को पहले से तैयार (पूर्व-उपकरण) किया जाता है, जिससे जहाज़ बनाने का कुल समय कम हो जाता है।
    • P17A जहाज़ संयुक्त डीजल या गैस (CODOG) प्रणोदन संयंत्रों का उपयोग करते हैं, जिनमें डीजल इंजन और गैस टर्बाइनों का संयोजन होता है तथा प्रत्येक टर्बाइन एक नियंत्रणीय पिच प्रोपेलर (CPP) को चलाता है। 
      • इनमें ऑनबोर्ड प्रणालियों के कुशल नियंत्रण और निगरानी के लिये आधुनिक एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली (IPMS) भी शामिल है।
    • ये जहाज़ कई खतरनाक हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इनमें लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (LRSAM), ब्रह्मोस मिसाइलें, बराक-8 मिसाइलें, हल्के पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो और स्वदेशी रॉकेट लांचर (IRL) शामिल हैं।
      • इनमें मल्टी-मिशन रडार, शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, एयरबोर्न अर्ली-वॉर्निंग रडार, सरफेस-सर्विलांस रडार और हम्सा-NG सोनार जैसे एडवांस्ड सेंसर लगे होते हैं।

और पढ़ें: प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट हिमगिरी


रैपिड फायर

डूरंड रेखा

स्रोत: TH

पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर संघर्ष फिर से शुरू हो गया है, तालिबान ने पाकिस्तान पर डूरंड रेखा के निकट हवाई हमले करने का आरोप लगाया है।

  • ऐतिहासिक उत्पत्ति: डूरंड रेखा ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच तत्कालीन विदेश सचिव सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड और अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खान द्वारा खींची गई थी।
    • यह सीमा पश्चिम में ईरान से शुरू होकर पूर्व में चीन तक लगभग 2,600 किलोमीटर लंबी है। यह मार्ग काराकोरम पर्वतमाला और कई रेगिस्तानों से होकर गुज़रता है।
  • एंग्लो-अफगान युद्ध: 1800 के दशक में, अफगानिस्तान का स्थान रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हो गया था। ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि रूस और ब्रिटिश साम्राज्य दोनों मध्य एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिये प्रतिस्पर्द्धा कर रहे थे।
    • अंग्रेज़ों ने 1839 में अफगानिस्तान पर आक्रमण किया, लेकिन प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के दौरान उन्हें पीछे धकेल दिया गया। 
      • ब्रिटिश सेना ने वर्ष 1878 में अफगानिस्तान पर दोबारा हमला किया। उन्होंने द्वितीय एंग्लो-अफगान युद्ध जीता और गंडमक की संधि (1879) पर हस्ताक्षर करवाए, जिसके तहत उन्हें अफगानिस्तान की विदेश नीति पर नियंत्रण प्राप्त हुआ।
    • वर्ष 1893 में, सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड और अमीर अब्दुर रहमान खान डूरंड रेखा बनाने पर सहमत हुए। 
      • इसने पश्तून जनजातीय क्षेत्रों को विभाजित कर दिया, बलूचिस्तान को ब्रिटिश भारत के अधीन कर दिया तथा रूस और ब्रिटेन के बीच बफर के रूप में वाखान कॉरिडोर की स्थापना की।
    • तीसरा एंग्लो-अफगान युद्ध (1919) रावलपिंडी की संधि के साथ समाप्त हुआ, जिसने अफगानिस्तान के विदेशी मामलों पर नियंत्रण बहाल कर दिया तथा डूरंड रेखा की पुनः पुष्टि की।
  • 1947 के बाद की स्थिति: विभाजन के समय पाकिस्तान को यह सीमा विरासत में मिली, लेकिन अफगानिस्तान ने इसे औपनिवेशिक निर्माण बताते हुए इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया।
  • पश्तूनिस्तान विवाद: दोनों देशों के पश्तून समुदायों द्वारा स्वतंत्र पश्तूनिस्तान की मांग ने द्विपक्षीय तनाव को और बढ़ाया।
  • तालिबान का रुख: तालिबान सहित अब तक की किसी भी अफगान सरकार ने डूरंड रेखा को वैध नहीं माना और पश्तून-बहुल क्षेत्रों पर दावा जारी रखा है।

और पढ़ें: डूरंड रेखा: अफगानिस्तान और पाकिस्तान


रैपिड फायर

इटली में स्त्री-हत्या को अपराध के रूप में मान्यता

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

इतालवी संसद ने एक ऐतिहासिक कानून पारित किया है, जो स्त्री-हत्या (Femicide) को अपराध की श्रेणी में लाता है और महिलाओं की लैंगिक आधारित हत्या के लिये आजीवन कारावास अनिवार्य करता है।

  • परिचय: स्त्री-हत्या को महिलाओं और लड़कियों की उनके लैंगिक कारणों की वजह से की गई हत्या के रूप में परिभाषित किया गया है, और संयुक्त राष्ट्र इसे अंतरंग साथी, परिवार के सदस्यों या अन्य अपराधियों द्वारा की गई हत्या के रूप में वर्गीकृत करता है।
  • मान्यता के लिए कानूनी तर्क: अपराध में लैंगिक रूप में देखना भेदभाव और प्रणालीगत पक्षपात को उज़ागर करता है। स्त्री-हत्या (फेमिसाइड) को अलग से मान्यता देना जागरूकता बढ़ाता है, लक्षित नीतियों को मार्गदर्शन प्रदान करता है तथा पितृसत्तात्मक हिंसा को उज़ागर करता है।
  • स्त्री-हत्या के विरुद्ध कानून: इटली उन देशों के छोटे समूह में शामिल हो गया है - जैसे मेक्सिको, साइप्रस, मोरक्को, उत्तरी मैसेडोनिया, तुर्की, गैबॉन और चिली - जिन्होंने स्त्री-हत्या के विरुद्ध समर्पित कानून बनाए हैं।
  • महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस: यह प्रतिवर्ष 25 नवंबर को महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा (VAWG) के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है। इसे वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता दी गई थी।

और पढ़ें: घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण


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