रैपिड फायर
प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट हिमगिरी
- 01 Aug 2025
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स्रोत: पीआईबी
हिमगिरी (यार्ड 3022), जो कि हिमगिरी श्रेणी (प्रोजेक्ट 17A) का तीसरा युद्धपोत है, कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) में निर्मित किया गया और इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। यह भारत की युद्धपोत डिज़ाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है।
- हिमगिरी पूर्ववर्ती INS हिमगिरी का एक आधुनिक संस्करण है, जो एक लिएंडर श्रेणी का फ्रिगेट था और 30 वर्षों की सेवा के बाद वर्ष 2005 में सेवामुक्त कर दिया गया था।
- वर्तमान हिमगिरी को ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइलों, साथ ही बराक-8 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों से लैस किया गया है, जो नौसैनिक आक्रमण तथा रक्षा क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत है।
- इससे पहले, INS नीलगिरी और INS उदयगिरी को भी प्रोजेक्ट 17A के तहत लॉन्च किया जा चुका है।
- प्रोजेक्ट 17A (P17A) फ्रिगेट्स बहुउद्देश्यीय प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें वर्तमान और भविष्य की समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- P17A जहाज़ों में P17 (शिवालिक) श्रेणी की तुलना में उन्नत हथियार और सेंसर लगे हैं, जिनमें सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तथा रैपिड-फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम शामिल हैं।
- P17A पोत एक संयुक्त डीजल या गैस (Combined Diesel or Gas) प्रणोदन प्रणाली से सुसज्जित हैं, जो प्रत्येक शाफ्ट पर कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP) को चलाती है, साथ ही इनमें अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (Integrated Platform Management System - IPMS) भी लगी होती है।
- प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स स्वदेशी पोत निर्माण, स्टेल्थ तकनीक और युद्ध क्षमताओं में उल्लेखनीय प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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