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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Dec 2025
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वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में सतत पर्यटन हेतु बाँस की झोपड़ियाँ

चर्चा में क्यों?

बिहार स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (VTR) में स्थापित पर्यावरण के अनुकूल बाँस की झोपड़ियाँ सतत पर्यटन के एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरकर सामने आईं हैं।

मुख्य बिंदु 

  • स्थान: वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले में भारत–नेपाल सीमा के समीप स्थित है।
  • पर्यावरणीय लाभ: बाँस से निर्मित झोपड़ियाँ पारिस्थितिकी क्षति को न्यूनतम करती हैं, प्राकृतिक परिदृश्य के साथ समरस होती हैं और हरित निर्माण प्रथाओं को प्रोत्साहित करती हैं।
  • आर्थिक महत्त्व: यह पहल स्थानीय रोज़गार सृजन, ग्रामीण आय संवर्द्धन तथा पर्यटन में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
  • सरकार का दृष्टिकोण: यह पहल बिहार सरकार की पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन विकास रणनीति और वन संसाधनों के सतत उपयोग के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (VTR): बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व है, जो वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र का अभिन्न अंग है।
  • अधिसूचना: वर्ष 1994 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिज़र्व घोषित।
  • भूदृश्य: यह तराई आर्क भूदृश्य (TAL) का हिस्सा है।
  • नदी तंत्र: गंडक नदी तथा उसकी सहायक नदियाँ अभयारण्य से होकर प्रवाहित होती हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय सीमा: नेपाल के चितवन राष्ट्रीय उद्यान के साथ सीमा साझा करता है।

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