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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (30 September)

  • 30 Sep 2019
  • 8 min read

1. INS नीलगिरी की लॉन्चिंग तथा INS खंडेरी का जलावतरण

  • भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा स्टील्थ फ्रिगेट (रडार को मात देने वाला) INS नीलगिरी को लॉन्च किया तथा स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी INS खंडेरी का जलावतरण किया। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई में विश्‍व स्‍तर के ड्राई डॉक की भी शुरुआत की। यह प्रोजेक्‍ट17 अल्‍फा (P17A) का पहला युद्धपोत है।

INS खंडेरी

  • INS खंडेरी गहरे समुद्र में बिना आवाज़ किये 12 हज़ार किमी. तक सफर कर सकती है। इसकी लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है। 40 से 45 दिन तक पानी में रहने की क्षमता वाली यह पनडुब्बी 350 मीटर की गहराई तक उतर सकती है तथा इसमें सभी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं।
  • इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 7 अप्रैल, 2009 को शुरू हुआ था। 12 जनवरी, 2017 को इसे लॉन्च किया गया और इसका नामकरण किया गया।
  • इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरी लगी हैं, जिनमें से प्रत्येक का वज़न 750 किग्रा. है। इसमें 6 टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं। इसमें से 2 ट्यूब से मिसाइल भी दागी जा सकती है। इसके भीतर कुल 12 टॉरपीडो रखने की व्यवस्था है।
  • इसे ‘खंडेरी’ नाम मराठा सेना के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। इसके अलावा खंडेरी को टाइगर शार्क भी कहते हैं।
  • स्कॉर्पीन श्रेणी की बनी पहली पनडुब्बी INS कलवरी है।
  • देश में वर्तमान में 49 जहाज़ों और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।


2. ऑनलाइन फेक न्यूज़ रोकने पर 20 देश सहमत

  • भारत सहित 20 देशों ने ऑनलाइन फेक न्यूज़ (झूठी/भ्रामक खबरों) के प्रसार को रोकने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इन देशों ने फेक न्यूज़ के खिलाफ कार्रवाई कर विश्वसनीय खबरों के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
  • उल्लेखनीय है कि ग्लोबल डिजिटल का विकास दुनिया को प्रगति के मार्ग पर ले जा रहा है, लेकिन साथ ही यह एक खतरा भी बन गया है। खासतौर से फेक न्यूज़ का प्रसार दुनिया के लिये चुनौती बनता जा रहा है। इस पर लगाम लगाने की ज़रूरत है। चुनावों के समय इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता है।

क्या होती है फेक न्यूज़?

  • यह एक तरह की पीत पत्रकारिता (Yellow Journalism) है।
  • इसके तहत किसी के पक्ष में प्रचार करने व झूठी खबर फैलाने जैसे कृत्य आते हैं।
  • किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुँचाने या लोगों को उसके खिलाफ झूठी खबर के जरिए भड़काने को कोशिश फेक न्यूज़ है।
  • सनसनीखेज और झूठी खबरों, बनावटी हेडलाइन के जरिए अपनी रीडरशिप तथा ऑनलाइन शेयरिंग बढ़ाकर क्लिक रेवेन्यू बढ़ाना भी फेक न्यूज़ की श्रेणी में आता है।

विदेशों में भारी जुर्माने का प्रावधान

  • मलेशिया में फेक न्यूज़ पर 85 लाख रुपए तक जुर्माना तथा 6 साल तक जेल हो सकती है।
  • जर्मनी का NetzDG उन कंपनियों पर लागू होता है, जिनके देश में 20 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूज़र हैं। इसके तहत 40 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
  • सिंगापुर के मसौदा कानून में सार्वजनिक हितों को नुकसान पहुँचाने वाली झूठी खबर ऑनलाइन फैलाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की जेल हो सकती है। अगर सोशल मीडिया साइट ऐसे कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो उसे करीब 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
  • रूस में मार्च 2019 में बना कानून सरकार का अनादर करने वाली झूठी खबरों और सूचना फैलाने वाले पर 16 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान करता है।
  • फ्रांँस ने पिछले वर्ष अक्तूबर में दो एंटी-फेक न्यूज़ लॉ बनाए हैं, जो फ्रेंच ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी को झूठी खबरें फैलाने वाले किसी भी नेटवर्क को ऑफ एयर (प्रसारण पर रोक) लगाने का अधिकार देता है।
  • ऑस्ट्रेलिया में संबंधित कानून से जुड़े नियमों का पालन न करने पर आम लोगों को लगभग 80 लाख रुपए तक और कंपनियों को 4 करोड़ रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
  • चीन ने ट्विटर, गूगल और व्हाट्सएप जैसी ज़्यादातर सोशल मीडिया साइट और इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा रखी है। चीन में हज़ारों साइबर पुलिस अधिकारी हैं जो सोशल मीडिया और कंटेंट की निगरानी करते हैं।
  • हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फेक न्यूज़ को ट्रैक करने के लिए केंद्र सरकार से नियम बनाने को कहा है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को 3 हफ्ते का वक्त दिया है, इस अवधि में केंद्र सरकार को सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली फेक न्यूज़ पर लगाम कसने के लिए गाइडलाइंस बनाने की एक निश्चित टाइमलाइन भी बताना है।

3. मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय सम्मानों की घोषणा

  • मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 और 2018 के लिये सिनेमा, साहित्‍य, पारंपरिक कलाओं, समाजसेवा, सांस्‍कृतिक समरसता, सद्भाव आदि के क्षेत्र में स्‍थापित राष्‍ट्रीय सम्‍मानों की घोषणा कर दी है। इन सम्‍मानों का निर्णय चयन समिति की सर्वसम्‍मत अनुशंसा के आधार पर किया गया है।

राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान, 2018- लोकायत, पुणे (अलका जोशी)

राष्ट्रीय कबीर सम्मान, 2017 के लिये नरेश सक्सेना (ग्वालियर) , 2018 के लिये गोरटी वेकन्ना, (हैदराबाद)

राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, 2017 के लिये राजेश जोशी (भोपाल), 2018 के लिये मंज़ूर एहतेशाम (भोपाल)

राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, 2017 के लिये यशवंत व्यास (जयपुर), 2018 के लिये रवीश कुमार (दिल्ली)

राष्ट्रीय इकबाल सम्मान, 2017के लिये शम्सुर्रहमान फारूखी (दिल्ली) 2018 के लिये गज़नफर अली (अलीगढ़)

राष्ट्रीय तुलसी सम्मान, 2017 के लिये कैलाशचंद्र शर्मा (जयपुर) 2018 के लिये विक्रम यादव (राजनांदगांँव)

राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान, 2017 के लिये कृष्णा वर्मा (उज्जैन) , 2018 के लिये शांतिदेवी झा (बिहार)

राष्ट्रीय कवि प्रदीप सम्मान, 2018- अशोक चक्रधर, नई दिल्ली

राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान, 2017-के लिये प्रियदर्शन (चेन्नई) , 2018 के लिये वहीदा रहमान, (मुंबई)

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