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संचार साथी ऐप
चर्चा में क्यों?
दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल निर्माताओं तथा आयातकों को निर्देश दिया है कि संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन भारत में बेचे जाने वाले सभी उपकरणों में प्री-इंस्टॉल तथा आसानी से उपलब्ध होनी चाहिये।
- यह निर्देश भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) को सूचित साइबर-घटनाओं में तीव्र वृद्धि के बाद जारी किया गया है, जो वर्ष 2023 में 15.92 लाख से बढ़कर वर्ष 2024 में 20.41 लाख हो गए हैं, जिनमें 1.23 लाख डिजिटल-अरेस्ट मामले भी शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- दूरसंचार विभाग (DOT) ने नागरिकों को पहचान-चोरी, फर्जी अपने ग्राहक को जानो (KYC) धोखाधड़ी, डिवाइस चोरी तथा वित्तीय साइबर-अपराधों से बचाने के लिये संचार साथी मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया।
- गोपनीयता-प्रथम डिज़ाइन (Privacy-First Design): एप्लिकेशन केवल उपयोगकर्त्ता की सहमति से कार्य करता है, जिसे कभी भी एक्टिव या डिलीट किया जा सकता है तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 का पालन करता है, जिससे न्यूनतम डेटा-संग्रह तथा शून्य वाणिज्यिक प्रोफाइलिंग सुनिश्चित होती है।
- राष्ट्रीय दूरसंचार विनियम: यह पहल स्पैम, घोटालों तथा अवांछित वाणिज्यिक संचार की आसान रिपोर्टिंग को सक्षम बनाकर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के नियमों, विशेषकर दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (TCCCPR) के प्रवर्तन को मज़बूत करती है।
- नागरिक-केंद्रित सेवाएँ: प्रमुख विशेषताओं में धोखाधड़ी कॉल/SMS/व्हाट्सएप संदेशों की रिपोर्टिंग के लिये चक्षु (Chakshu); चोरी हुए उपकरणों के लिये IMEI ट्रैकिंग और ब्लॉकिंग; मोबाइल कनेक्शन का सत्यापन; मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जाँच; भारतीय (+91) नंबरों के रूप में नकली अंतर्राष्ट्रीय कॉल की रिपोर्टिंग तथा अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता को जानें लुकअप टूल शामिल हैं।
- महत्त्व: एंड्रॉइड और iOS दोनों पर हिंदी तथा 21 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध यह एप्लिकेशन नागरिक भागीदारी (जन भागीदारी) को सशक्त बनाता है, सार्वजनिक डैशबोर्ड के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करता है तथा सुरक्षित दूरसंचार उपयोग के लिये राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल विश्वास स्थापित करता है।
- वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI): दूरसंचार विभाग ने वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक विकसित किया है, जो मोबाइल नंबरों को मध्यम, उच्च अथवा अत्यधिक उच्च धोखाधड़ी-जोखिम श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिससे बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) तथा एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) सेवा प्रदाताओं को क्षति से बचने में सहायता मिलती है और अब तक 475 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय धोखाधड़ी को रोका जा चुका है।
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असम दिवस
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम दिवस पर असम के लोगों को बधाई दी।
मुख्य बिंदु
- दिवस के बारे में:
- असम राज्य सरकार ने शिवसागर ज़िले के नाजिरा में भव्य समारोह के साथ असम दिवस (सुकफा दिवस) मनाया।
- यह कार्यक्रम सांस्कृतिक मामलों के विभाग और ताई अहोम विकास परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
- समारोह में पारंपरिक अहोम अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रदर्शन और अहोम राजवंश के योगदान को उजागर करने वाली प्रदर्शनियाँ शामिल थीं।
- स्मरणोत्सव:
- 2 दिसंबर को असम दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो वर्ष 1228 में चाओलुंग सुकफा के वर्तमान चीन के देहोंग दाई और जिंगपो प्रांत से पटकाई पहाड़ियों को पार करने के बाद असम में आगमन की याद में मनाया जाता है।
- संस्थापक:
- यह दिवस सुकफा को अहोम साम्राज्य के संस्थापक के रूप में सम्मानित करता है, जिनकी 'बोर असोम' विरासत लगभग छह शताब्दियों तक (1826 तक) चली।
- अहोम शासकों ने असम की पहचान और क्षेत्र की रक्षा की तथा कई मुगल आक्रमणों को विफल किया।
- यह दिवस सुकफा को अहोम साम्राज्य के संस्थापक के रूप में सम्मानित करता है, जिनकी 'बोर असोम' विरासत लगभग छह शताब्दियों तक (1826 तक) चली।
- उत्पत्ति:
- वह माओ-शान उप-जनजाति के सु (टाइगर) कबीले के एक ताई राजकुमार थे, जो मूल रूप से वर्तमान देहोंग दाई और जिंगपो क्षेत्र के मोंग माओ से थे।
- शासन:
- उनके प्रशासन ने सुदृढ़ शासन, राजनीतिक स्थिरता और दीर्घकालिक राज्य निर्माण के प्रारंभिक मानक स्थापित किये।
- अहोमों ने पुराने राजनीतिक व्यवस्था भुइयाँ (जमींदारों) को दबाकर नया राज्य स्थापित किया।
- समाज:
- अहोम समाज कुलों या खेलों (khels) में विभाजित था। एक खेल अक्सर कई गाँवों पर नियंत्रण रखता था।
- विरासत:
- सुकफा को असमिया पहचान के निर्माता के रूप में याद किया जाता है, जो एकता से प्रेरित, समावेशी नेतृत्व के लिये जाने जाते हैं और जिन्होंने विभिन्न समुदायों को संगठित करने का प्रयास किया।
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नौसेना दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय नौसेना 3-4 दिसंबर, 2025 को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर व्यापक स्तर पर परिचालन प्रदर्शन के साथ नौसेना दिवस मना रही है।
- जिसमें भारत के राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हैं तथा इस कार्यक्रम की मेज़बानी नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
परिचालन प्रदर्शन 2025
- संपर्क एवं पहुँच (Outreach):
- यह समारोह नौसेना दिवस के कार्यक्रमों को प्रमुख नौसैनिक अड्डों से परे आयोजित करने की भारतीय नौसेना की पहल का हिस्सा है। इससे पहले पुरी और सिंधुदुर्ग में भी कार्यक्रम आयोजित किये गए थे।
- प्रदर्शन (Showcase):
- परिचालन प्रदर्शन में युद्धपोतों, नौसैनिक विमानों और पनडुब्बियों द्वारा समन्वित कार्रवाई के माध्यम से भारत की समुद्री शक्ति का प्रदर्शन किया जा रहा है।
- तत्परता:
- यह प्रदर्शन भारतीय नौसेना के "युद्ध के लिये तैयार, एकजुट और आत्मनिर्भर" होने के सिद्धांत को पुष्ट करता है, जो भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है।
- आत्मनिर्भरता:
- यह स्वदेशी रूप से निर्मित नौसैनिक प्लेटफार्मों पर केंद्रित है, जो आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के राष्ट्रीय दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
नौसेना दिवस
- स्मरणोत्सव:
- वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान भारत की निर्णायक नौसैनिक जीत के सम्मान में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।
- ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान, भारतीय नौसेना की मिसाइल नौकाओं ने कराची में पाकिस्तानी जहाज़ों, तेल सुविधाओं और तटीय सुरक्षा पर सफलतापूर्वक हमला किया।
- भारतीय नौसेना ने महत्त्वपूर्ण युद्ध सामग्री ले जा रहे कई पाकिस्तानी जहाज़ों को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान की परिचालन क्षमता कमज़ोर हो गई।
- वायुशक्ति:
- INS विक्रांत के लड़ाकू विमानों ने चटगाँव और खुलना में दुश्मन के बंदरगाहों तथा हवाई अड्डों पर हमला किया। कराची पर मिसाइल हमलों के साथ-साथ इन हमलों ने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना को हराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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ऑपरेशन सागर बंधु
चर्चा में क्यों?
भारतीय नौसेना ने चक्रवाती तूफान दित्वा से प्रभावित श्रीलंका में ऑपरेशन सागर बंधु के माध्यम से मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान आरंभ किया।
मुख्य बिंदु
- तैनाती (Deployment): भारत ने INS विक्रांत, INS उदयगिरि और भारतीय वायु सेना के C-130J विमान के माध्यम से तंबू, कंबल, खाद्य सामग्री, स्वच्छता किट एवं टारपॉलिन भेजे, ताकि श्रीलंका में सहायता प्रदान की जा सके।
- पुनःआवंटन (Reassignment): INS विक्रांत और INS उदयगिरि, जो 75वीं वर्षगाँठ अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट समीक्षा (International Fleet Review) के लिये कोलंबो में पहले से मौजूद थे, उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाने के लिये पुनः आवंटित किया गया।
- राहत एवं बचाव (Rescue): जहाज़ों पर आधारित हेलीकॉप्टरों ने हवाई सर्वेक्षण किया और खोज एवं बचाव (Search and Rescue) अभियान में मदद की, जिसमें श्रीलंकाई नागरिकों को बचाया गया।
- सुदृढ़ीकरण (Reinforcement): INS सुकन्या को 1 दिसंबर, 2025 को त्रिनकोमाली में अतिरिक्त आवश्यक सामग्री के साथ राहत प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिये तैनात किया गया।
- प्रतिबद्धता (Commitment): यह मिशन भारत के श्रीलंका के प्रति सतत मानवीय समर्थन को दर्शाता है, जो नेबरहुड फर्स्ट' नीति और विज़न महासागर के अनुरूप है, जैसा कि पहले चक्रवात रोआनू (2016) एवं MV एक्सप्रेस पर्ल आपदा (2021) के दौरान सहायता में देखा गया था।
- भारत के पूर्व अभियान:
- नेपाल में ऑपरेशन मैत्री
- इंडोनेशिया में ऑपरेशन समुद्र मैत्री
- तुर्किये और सीरिया में ऑपरेशन दोस्त
- भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास:
- बिम्सटेक देशों के साथ पैनेक्स-21
- आसियान देशों के साथ समन्वय-22
नोट:
- चक्रवात दित्वा एक उष्णकटिबंधीय तूफान है, जो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी में तीव्र गति से विकसित हुआ।
- दित्वा नाम यमन द्वारा दिया गया था, जो उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवातों के लिये क्षेत्रीय नामकरण प्रणाली का अनुसरण करता है।
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भारत-मालदीव संयुक्त सैन्य अभ्यास
चर्चा में क्यों?
भारतीय सेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास एकुवेरिन का 14वाँ संस्करण 2 दिसंबर से 15 दिसंबर, 2025 तक केरल के तिरुवनंतपुरम में आयोजित किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
- भागीदारी: गढ़वाल राइफल्स बटालियन की 45 सदस्यीय भारतीय सेना की टुकड़ी, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल की 45 सदस्यीय टुकड़ी के साथ प्रशिक्षण ले रही है।
- अर्थ: एकुवेरिन, जो धिवेही शब्द "मित्र" से लिया गया है, भारत और मालदीव के बीच विश्वास तथा सहयोग के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है।
- परंपरा: वर्ष 2009 से दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित यह अभ्यास भारत की नेबरहुड फर्स्ट' नीति का एक प्रमुख घटक है।
- प्रशिक्षण: सैनिक जंगल, अर्द्ध-शहरी और तटीय क्षेत्रों में संयुक्त उग्रवाद-रोधी तथा आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण आयोजित करेंगे।
- समन्वय: इस अभ्यास में संयुक्त मिशन योजना, सामरिक अभ्यास और समन्वित परिचालन प्रतिक्रियाओं के निर्माण के लिये सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान शामिल है।
- इसका उद्देश्य दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन क्षमता में सुधार और संचालनात्मक सहकार्य (operational synergy) बढ़ाना है।
- स्थिरता: यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रति भारत तथा मालदीव के बढ़ते रक्षा सहयोग एवं आपसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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