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BSF स्थापना दिवस
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रधानमंत्री ने BSF के सुरक्षा-कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर बधाई दी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने तथा मानवीय कार्यों में उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
मुख्य बिंदु
- स्थापना: BSF की स्थापना वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिये की गई थी।
- यह विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की 6,000 किमी. से अधिक भूमि सीमा की सुरक्षा करता है।
- मानवीय योगदान: BSF अपनी सुरक्षा ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ मानवीय गतिविधियों के लिये भी जाना जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- आपदा राहत अभियान
- सीमावर्ती गाँवों में सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम
- चिकित्सा शिविर और शैक्षणिक सहायता
- परिचालन उत्कृष्टता: BSF आतंकवाद विरोधी, तस्करी विरोधी और घुसपैठ विरोधी अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाता है।
- इसके कार्मिकों ने निम्नलिखित क्षेत्रों में असाधारण बहादुरी दिखाई है:
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा गश्त
- आतंकवाद विरोधी कार्रवाई
- नागरिक अधिकारियों के साथ शांति स्थापना और सहयोग
- इसके कार्मिकों ने निम्नलिखित क्षेत्रों में असाधारण बहादुरी दिखाई है:
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नागालैंड राज्य दिवस
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रधानमंत्री ने नागालैंड के लोगों को उनके राज्य दिवस के अवसर पर बधाई दी तथा राज्य की समृद्ध संस्कृति और राष्ट्र के प्रति योगदान की प्रशंसा की।
मुख्य बिंदु
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- नागालैंड 1 दिसंबर, 1963 को भारत का 16वाँ राज्य बना, जिससे नागा लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई।
- क्षेत्र में शांति, स्वायत्तता और विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निरंतर वार्ता के बाद इस राज्य का गठन किया गया।
- सांस्कृतिक पहचान:
- नागालैंड 16 प्रमुख विशिष्ट जनजातियों का आश्रय है, जैसे अंगामी, एओ, कोन्याक और सुमी, जो अपनी विशिष्ट बोलियों, रंगीन योद्धा वेशभूषा और लोकतांत्रिक ग्राम शासन के लिये प्रसिद्ध हैं।
- दिसंबर में मनाया जाने वाला हॉर्नबिल महोत्सव 16 नागा जनजातियों की विरासत को प्रदर्शित करता है और संपूर्ण विश्व से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- नागालैंड 16 प्रमुख विशिष्ट जनजातियों का आश्रय है, जैसे अंगामी, एओ, कोन्याक और सुमी, जो अपनी विशिष्ट बोलियों, रंगीन योद्धा वेशभूषा और लोकतांत्रिक ग्राम शासन के लिये प्रसिद्ध हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (3 दिसंबर) के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तीकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 प्रदान किये और समावेशी विकास में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
मुख्य बिंदु
- दिवस के बारे में:
- वर्ष 2025 का विषय: “Fostering disability-inclusive societies for advancing social progress” अर्थात सामाजिक प्रगति के लिये दिव्यांगजन-समावेशी समाज का संवर्द्धन।
- यह विषय भारत के कल्याण-आधारित दृष्टिकोण से अधिकार-आधारित दृष्टिकोण की ओर बदलाव के अनुरूप है।
- वर्ष 2015 से अपनाया गया शब्द “दिव्यांगजन” विकलांग व्यक्तियों के प्रति सम्मान और गरिमा का प्रतीक है।
- दिव्यांगजनों से संबंधित भारत सरकार की प्रमुख पहलें:
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016: मान्यता प्राप्त दिव्यांगता श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 किया तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% किया।
- सुगम्य भारत अभियान: यह एक राष्ट्रव्यापी प्रमुख मिशन है, जिसका लक्ष्य तीन प्रमुख स्तंभों- निर्मित पर्यावरण, परिवहन और ICT पारिस्थितिकी तंत्रों पर है, ताकि सार्वभौमिक रूप से बाधा रहित अवसंरचना का निर्माण किया जा सके।
- विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र (UDID) परियोजना: प्रत्येक दिव्यांगजन को एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय डाटाबेस के माध्यम से वैश्विक पहचान-पत्र प्रदान करना, जिससे सभी राज्यों में कल्याणकारी लाभों का निर्बाध वितरण सुनिश्चित हो।
- दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना: राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) के माध्यम से स्वरोज़गार उपक्रमों, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये रियायती ऋण प्रदान।
- PM-दक्ष (प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही): डिजिटल पोर्टल जो मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण एवं संभावित नियोक्ताओं तथा जॉब एग्रीगेटर्स से प्रत्यक्ष संपर्क प्रदान करता है।
- SIPDA (दिव्यांगजन अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु योजना): राज्य सरकारों और स्वायत्त निकायों को बाधा-मुक्त वातावरण तथा पुनर्वास केंद्रों के निर्माण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान।
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