मध्य प्रदेश Switch to English
कार्बन क्रेडिट अर्जित करने हेतु स्वच्छ सिंहस्थ
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ 2028 के लिये अपनी तरह की पहली सतत् विकास योजना को विकसित कर रही है, जिसका उद्देश्य इसे पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार बनाना और कार्बन क्रेडिट के लिये पात्र बनाना है।
प्रमुख बिंदु
- भारी संख्या में तीर्थयात्री आने की उम्मीद: लगभग 30 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है, पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने और स्वच्छता एवं सुरक्षा में सुधार लाने के लिये प्रणालियाँ तैयार की जा रही हैं।
- स्वच्छ घाट: श्रद्धालुओं को कम-से-कम अपशिष्ट, प्लास्टिक की पूर्ण रीसाइक्लिंग और बेहतर स्वच्छता वाले स्वच्छ घाट देखने को मिलेंगे।
- नदी का पुनरुद्धार: क्षिप्रा नदी को और अधिक स्वच्छ बनाया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रा के दौरान अनुष्ठानिक स्नान के लिये सुरक्षित और बेहतर गुणवत्ता वाला जल सुनिश्चित होगा।
- कार्बन क्रेडिट पर ध्यान केंद्रित: सिंहस्थ प्रशासन कार्बन क्रेडिट अर्जित करने के लिये कार्बन अकाउंटिंग, अपशिष्ट-से-संसाधन प्रणालियों, प्लास्टिक पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों और नदी शुद्धिकरण से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा कर रहा है।
- वैश्विक मानक: अधिकारियों का लक्ष्य वर्ष 2028 के सिंहस्थ की मुख्य योजना में वैश्विक मानकों के अनुरूप वैज्ञानिक और सतत प्रथाओं को एकीकृत करना है।
- इंदौर मॉडल: यह पहल बायो-मेथेनाइजेशन, बायो-CNG और अपशिष्ट-से-ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से कार्बन क्रेडिट अर्जित करने और महत्त्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न करने में इंदौर की सफलता पर आधारित है।
- अपशिष्ट प्रबंधन चुनौती: 30 करोड़ आगंतुकों द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट का प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसके लिये 100% प्लास्टिक पृथक्करण और पुनर्चक्रण के प्रस्ताव दिये गए हैं।
- जल एवं ऊर्जा उपाय: योजनाओं में कृषि और उद्योग के लिये उपचारित जल का पुन: उपयोग करना, बुनियादी ढाँचे, परिवहन, अपशिष्ट और ऊर्जा क्षेत्रों से कार्बन उत्सर्जन को कम करना शामिल है।
- चरणबद्ध कार्यान्वयन: स्वच्छ, सुरक्षित और अधिक संधारणीय आयोजन सुनिश्चित करने के लिये, सिंहस्थ कुंभ 2028 से पूर्व प्रस्तावों का मूल्यांकन और कार्यान्वयन चरणों में किया जाएगा ।
सिंहस्थ कुंभ
- सिंहस्थ कुंभ मेला एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो प्रत्येक 12 वर्ष में भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित किया जाता है ।
- इस त्योहार को "सिंहस्थ" कहा जाता है क्योंकि यह तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है ।
- ज्योतिषीय ग्रहों की यह विशेष स्थिति उज्जैन कुंभ मेले के समय को निर्धारित करती है, जो इसे अन्य स्थानों पर आयोजित होने वाले कुंभ मेलों से अलग बनाती है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
प्रणब मुखर्जी की जयंती
चर्चा में क्यों?
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 11 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र थे और भारत की स्वतंत्रता में अपने पिता के योगदान से प्रेरित थे।
- शिक्षा और करियर: उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास, राजनीति विज्ञान और कानून में डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1969 में राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व एक कॉलेज शिक्षक तथा पत्रकार के रूप में कार्य किया।
- राजनीतिक अनुभव: उन्होंने विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्तमंत्री सहित विभिन्न उच्च पदों पर कार्य किया जिसके साथ ही वे संसद के दोनों सदनों के लिये कई बार निर्वाचित भी हुए।
- प्रमुख योगदान: उन्होंने वर्ष 2004 से 2012 तक अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक सुधारों, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, UIDAI, मेट्रो रेल और अन्य संबंधित नीतिगत निर्णयों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कूटनीतिक भूमिका: उन्होंने IMF, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र महासभा और राष्ट्रमंडल सम्मेलन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- राष्ट्रपति पद: पाँच दशकों से अधिक के विशिष्ट राजनीतिक करियर के बाद, वे 25 जुलाई 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति बने।
- पुरस्कार: उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए, जिनमें वर्ष 2008 में पद्म विभूषण, सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, 1997 और कई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट शामिल हैं।
- प्रकाशन एवं मान्यता: एक विपुल लेखक के रूप में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण पर व्यापक रूप से लेखन किया और उन्हें वर्ष 1984 और 2010 में विश्व के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्रियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
भारत को जूनियर हॉकी में ऐतिहासिक कांस्य पदक
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप 2025 में कांस्य पदक जीतने पर भारत की पुरुष जूनियर हॉकी टीम को बधाई दी।
प्रमुख बिंदु
- ऐतिहासिक उपलब्धि: भारत ने जूनियर विश्व कप में पहला कांस्य पदक जीता, यह वर्ष 2016 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद टूर्नामेंट में पहला पदक है।
- कांस्य पदक मैच: कांस्य पदक मैच में भारत ने अर्जेंटीना को 0-2 से पीछे छोड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए 4-2 से हराया।
- टूर्नामेंट का फाइनल: जर्मनी ने निर्धारित समय में 1-1 से ड्रॉ रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 3-2 से हराकर अपना आठवाँ जूनियर विश्व कप खिताब जीता।
- राष्ट्रीय प्रेरणा: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीम के शानदार प्रदर्शन से देश भर के अनगिनत युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
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