उत्तर प्रदेश
लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन
- 26 Dec 2025
- 18 min read
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर, 2025 को अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- अवसर: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर, जिसे सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
- उद्देश्य: यह एक राष्ट्रीय स्मारक एवं प्रेरक परिसर है, जिसे राष्ट्रभक्ति, सुशासन और जनसेवा के आदर्शों को प्रसारित करने हेतु निर्मित किया गया है।
- राष्ट्र प्रेरणा स्थल: यह स्वाभिमान, एकता और सेवा के मार्ग को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया।
- प्रतिमाएँ: अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 65-65 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं।
- संग्रहालय: कमलाकार संरचना वाला अत्याधुनिक संग्रहालय, जो डिजिटल और इमर्सिव गैलरी के माध्यम से नेतृत्व की विरासत तथा भारत की राष्ट्रीय यात्रा को प्रदर्शित करता है।
- क्षेत्र और लागत: यह परिसर लगभग 65 एकड़ में फैला हुआ है तथा इसे विकसित करने में लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत आई है।
उत्तर प्रदेश के लिये महत्त्व: यह स्थल राज्य की सांस्कृतिक अवसंरचना को सुदृढ़ करता है तथा लखनऊ को एक राष्ट्रीय धरोहर और प्रेरणा केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
अटल बिहारी वाजपेयी
- उनका का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को तत्कालीन ग्वालियर रियासत (अब मध्य प्रदेश का हिस्सा) में हुआ था।
- उन्होंने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया, जिसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अंत को गति प्रदान की।
- वर्ष 1947 में वाजपेयी ने दीनदयाल उपाध्याय के समाचार पत्रों - राष्ट्रधर्म (एक हिंदी मासिक), पांचजन्य (एक हिंदी साप्ताहिक) और स्वदेश तथा वीर अर्जुन जैसे दैनिक के लिये एक पत्रकार के रूप में काम करना शुरू किया।
- बाद में श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित होकर वह वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए।
- वह दो बार वर्ष 1996 और 1999 में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित हुए।
- एक सांसद के रूप में वाजपेयी को वर्ष 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के लिये पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उन्हें "सभी विधिनिर्माताओं के लिये आदर्श" के रूप में परिभाषित करता है।
- वर्ष 1994 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण तथा वर्ष 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया।