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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Sep 2025
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छत्तीसगढ़ Switch to English

विकास शील छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव नियुक्त

वरिष्ठ IAS अधिकारी विकास शील को छत्तीसगढ़ का 13वाँ मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वह अमिताभ जैन का स्थान लेंगे, जो 30 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।

  • उन्होंने रायपुर और बिलासपुर ज़िलों के कलेक्टर, विभिन्न राज्य विभागों में सचिव सहित प्रमुख पदों पर कार्य किया है और वर्तमान में एशियाई विकास बैंक (ADB) में कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।

मुख्य बिंदु

 मुख्य सचिव के बारे में: 

  • कार्यालय
    • भारत में मुख्य सचिव का कार्यालय वर्ष 1799 में ब्रिटिश शासन के दौरान लॉर्ड वेलेज़ली के अधीन अस्तित्व में आया और तब से यह राज्य प्रशासन का अभिन्न अंग है।
    • मुख्य सचिव, राज्य में कार्यरत सर्वोच्च रैंक का प्रशासनिक अधिकारी होता है, जो राज्य सचिवालय का नेतृत्व करता है तथा राज्य सरकार के विभिन्न कार्यों के समन्वय की ज़िम्मेदारी निभाता है।
  • नियुक्ति और स्थिति
    • मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री (राज्यपाल के नाम पर) द्वारा वरिष्ठ IAS अधिकारियों में से वरिष्ठता, योग्यता और विश्वास जैसे कारकों के आधार पर की जाती है।
    • वर्ष 1973 में इस कार्यालय को भारत सरकार के सचिव के पद के समतुल्य मानकीकृत किया गया।
  • शक्तियाँ और कार्य:
    • राज्य प्रशासन के मामलों पर प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करता है और नीतिगत मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
    • कैबिनेट बैठक का एजेंडा तैयार करता है, कार्यवाही रिकॉर्ड करता है और निर्णयों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
    • राज्य सिविल सेवा में नियुक्तियों, स्थानांतरणों और पदोन्नति की देखरेख करता है तथा सिविल सेवकों का मनोबल बनाए रखता है।
    • अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करता है, समन्वय समितियों की अध्यक्षता करता है और विभागों के बीच विवादों का समाधान करता है।
    • सामान्य प्रशासन, कार्मिक और योजना जैसे प्रमुख विभागों का सीधे प्रबंधन करता है।
    • बाढ़, सूखा और सांप्रदायिक अशांति जैसे संकट के दौरान राहत कार्यों का नेतृत्व करता है तथा आपात स्थितियों के दौरान राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2025 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा भारत की वैचारिक नींव और विकासात्मक दृष्टि में उनके स्थायी योगदान पर प्रकाश डाला।

 मुख्य बिंदु

  • उनका जन्म 25 सितंबर,1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के नगला चंद्रभान गाँव में हुआ था और 11 फरवरी, 1968 को उनका निधन हो गया।
    • वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और RSS एवं भारतीय जनसंघ (BJS) (भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती) के विचारक अथवा सिद्धांतकार थे।
  • योगदान: उन्होंने अंत्योदय अर्थात समाज में सबसे आखिरी व्यक्ति के उत्थान और सर्वाधिक सुविधा-वंचितों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया।
  • यह "समग्र मानवतावाद" दर्शन के प्रणेता थे जिसमें कल्याण, सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दिया गया।
  • मान्यता: राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के सम्मान में वर्ष 2014 से 25 सितंबर को उनकी जयंती को अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो (UPITS)

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो (UPITS) 2025 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया, जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विकास इंजन के रूप में उभरने, स्टार्ट-अप पहल की सफलता और उत्तर प्रदेश के उत्पादों की बढ़ती वैश्विक पहचान को रेखांकित किया।

मुख्य बिंदु

  • कार्यक्रम एवं स्थल: UPITS 2025 का आयोजन 25 से 29 सितंबर 2025 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में किया जा रहा है।
  • भागीदारी: 80 देशों के 2,250 से अधिक प्रदर्शक और 550+ अंतर्राष्ट्रीय क्रेता भाग ले रहे हैं तथा सभी 75 ज़िलों के स्टॉल प्रदर्शनी में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
  • ODOP पर विशेष ध्यान: एक ज़िला-एक उत्पाद (ODOP) मंडप, जिसमें 343 स्टॉल हैं, सभी ज़िलों की सांस्कृतिक, औद्योगिक और कृषि विरासत पर प्रकाश डालता है।
  • थीम और विशेष पहल: "परम सोर्सिंग यहीं से शुरू होती है" थीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में विविध उत्पादों- भदोही कालीन से लेकर प्रतापगढ़ आँवले के स्नैक्स तक के साथ-साथ 150 सीएम युवा स्टॉल और 25 "स्वाद उत्तर प्रदेश" स्टॉल प्रदर्शित किये जा रहे हैं।
  • क्रेता रणनीति: व्यापार मेला क्रेताओं को अंतर्राष्ट्रीय क्रेताओं, घरेलू B2B क्रेताओं और घरेलू B2C क्रेताओं में वर्गीकृत करके त्रि-आयामी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह रणनीति प्रतिभागियों के लिये लक्षित और कुशल अनुभव सुनिश्चित करती है तथा विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार संबंधों एवं बाज़ार अवसरों को बढ़ाती है।
  • महत्त्व: UPITS 2025 MSME निर्यात, GI-आधारित ब्रांडिंग और कारीगर सशक्तीकरण को बढ़ावा देकर भारत के शीर्ष निर्यातक राज्यों में उत्तर प्रदेश की भूमिका को सशक्त करता है। 


राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English

विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (WPAC) 2025

चर्चा में क्यों?

नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (WPAC) 2025 का उद्घाटन किया गया, जहाँ प्रधानमंत्री ने पैरा एथलीटों की बाधाओं को तोड़ने और नए मानदंड स्थापित करने के लिये सराहना की तथा भारत की खेल-केंद्रित एवं समावेशी पहचान को रेखांकित किया।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: यह चैंपियनशिप 27 सितंबर से 5 अक्तूबर 2025 तक आयोजित की जाएगी, जिसमें 104 देशों के 2,200 एथलीट्स भाग ले रहे हैं, जो भारतीय भूमि पर अब तक आयोजित सबसे बड़ा पैरा एथलीट आयोजन होगा।
  • भारत की उपलब्धि: इस आयोजन में भारत का अब तक का सबसे बड़ा 74 एथलीटों का दल भी शामिल होगा।
    • भारत पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी करेगा, जो कतर, संयुक्त अरब अमीरात तथा जापान के बाद ऐसा करने वाला चौथा एशियाई देश होगा।
  • अवसंरचना: यह आयोजन जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नवनिर्मित मोंडो ट्रैक पर आयोजित किया जा रहा है, जिसका उपयोग पहले पेरिस पैरालिंपिक 2024 में किया गया था और जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस पर उद्घाटित किया गया।
    • मुख्य प्रतियोगिता ट्रैक के साथ-साथ, एक मोंडो वार्म-अप ट्रैक और एक बहु-विशिष्ट जिम्नेजियम का भी उद्घाटन किया गया, जो एक साथ 200 एथलीटों को प्रशिक्षित करने में सक्षम है तथा विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है
  • पूर्व उपलब्धि: भारत की पैरा खेलों में उल्लेखनीय प्रगति स्पष्ट है। भारत ने जापान के कोबे में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप,2024 में अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसमें छह स्वर्ण, पाँच रजत और छह कांस्य सहित 17 पदकों के साथ छठा स्थान प्राप्त किया।
  • महत्त्व: यह आयोजन भारत की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें प्रमुख वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी शामिल है, जिसमें वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों के लिये पहले से ही योजनाएँ चल रही हैं और वर्ष 2036 में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करने की आकांक्षा है।


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