उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव नियुक्त
- 01 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
वरिष्ठ IAS अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति वर्तमान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल की समाप्ति के पश्चात् की गई है।
- शशि प्रकाश गोयल का कार्यकाल जनवरी 2027 में सेवानिवृत्ति तक रहेगा।
मुख्य बिंदु
मुख्य सचिव के बारे में:
- कार्यालय:
- भारत में मुख्य सचिव का कार्यालय वर्ष 1799 में ब्रिटिश शासन के दौरान लॉर्ड वेलेज़ली के अधीन अस्तित्व में आया और तब से यह राज्य प्रशासन का अभिन्न अंग है।
- मुख्य सचिव, राज्य में कार्यरत सर्वोच्च रैंक का प्रशासनिक अधिकारी होता है, जो राज्य सचिवालय का नेतृत्व करता है तथा राज्य सरकार के विभिन्न कार्यों के समन्वय की ज़िम्मेदारी निभाता है।
- नियुक्ति और स्थिति:
- मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री (राज्यपाल के नाम पर) द्वारा वरिष्ठ IAS अधिकारियों में से वरिष्ठता, योग्यता और विश्वास जैसे कारकों के आधार पर की जाती है।
- वर्ष 1973 में इस कार्यालय को भारत सरकार के सचिव के पद के समतुल्य मानकीकृत किया गया।
- शक्तियाँ और कार्य:
- राज्य प्रशासन के मामलों पर प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करता है और नीतिगत मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- कैबिनेट बैठक का एजेंडा तैयार करता है, कार्यवाही रिकॉर्ड करता है और निर्णयों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
- राज्य सिविल सेवा में नियुक्तियों, स्थानांतरणों और पदोन्नति की देखरेख करता है तथा सिविल सेवकों का मनोबल बनाए रखता है।
- अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करता है, समन्वय समितियों की अध्यक्षता करता है और विभागों के बीच विवादों का समाधान करता है।
- सामान्य प्रशासन, कार्मिक और योजना जैसे प्रमुख विभागों का सीधे प्रबंधन करता है।
- बाढ़, सूखा और सांप्रदायिक अशांति जैसे संकट के दौरान राहत कार्यों का नेतृत्व करता है तथा आपात स्थितियों के दौरान राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
नोट:
- प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को तीन साल के कार्यकाल के लिये बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। जिसकी घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई है।
- वर्ष 1989 बैच के IIT कानपुर स्नातक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को व्यापक शैक्षणिक अनुभव है, उन्होंने पहले IIT रुड़की (2017–2022) के निदेशक के रूप में कार्य किया है।
- उन्होंने IIT कानपुर में भी नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें विद्युत अभियांत्रिकी विभागाध्यक्ष, अनुसंधान एवं विकास डीन तथा उप निदेशक के पद शामिल हैं।