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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Apr 2025
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फोरेंसिक हैकाथॉन 2025 में IIT BHU को शीर्ष सम्मान प्राप्त

चर्चा में क्यों?

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU), वाराणसी के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की शोध टीम ने फोरेंसिक हैकाथॉन 2025 में शीर्ष सम्मान प्राप्त किया है।

मुख्य बिंदु

  • पुरस्कार के बारे में: 
    • यह पुरस्कार केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रदान किया गया।
    • टीम को उनके अभिनव शोध के लिये दो लाख रुपए नकद पुरस्कार और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।
  • विकसित तकनीक 
    • इस टीम ने ग्लाइकेन-आधारित फोरेंसिक तकनीक विकसित की है, जो जैविक तरल पदार्थों के आधार पर सटीक आयु अनुमान की सुविधा देती है अर्थात इससे डीएनए के बिना भी किसी व्यक्ति की सही आयु का अनुमान लगाया जा सकता है
    • यह तकनीक ग्लाइकोमिक प्रोफाइलिंग को मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म के साथ जोड़ती है ताकि कालानुक्रमिक आयु और जैविक आयु दोनों का अनुमान लगाया जा सके।
    • वर्तमान में प्रचलित डीएनए-आधारित फोरेंसिक विश्लेषण, जिसमें एपिजेनेटिक मार्कर शामिल होते हैं, में जैविक परिवर्तनशीलता और तकनीकी सीमाएँ होती हैं।
    • डीएनए मिथाइलेशन-आधारित मॉडल के लिये अक्सर प्राचीन और अच्छी गुणवत्ता वाले डीएनए की आवश्यकता होती है, जो फोरेंसिक मामलों में अनुपलब्ध हो सकते हैं।
  • महत्त्व
    • इस नवाचार के ज़रिये अपराध स्थल से प्राप्त नमूनों के आधार पर संदिग्धों की प्रोफाइलिंग को अधिक सटीक बनाया जा सकता है, विशेष रूप से तब, जब डीएनए मिलान उपलब्ध न हो।
    • यह तकनीक लापता व्यक्तियों की पहचान, सामूहिक आपदाओं में अज्ञात पीड़ितों की पहचान तथा किशोर होने या उम्र के गलत विवरण के दावों की पुष्टि करने में उपयोगी हो सकती है।
    • जैविक आयु किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा स्थिति और तनाव के बारे में महत्त्वपूर्ण साक्ष्य देती है, जो अपराध के पुनर्निर्माण में मदद कर सकते हैं।

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA)

  • डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) जटिल आणविक संरचना वाला एक कार्बनिक अणु है।
  • DNA अणु की किस्में मोनोमर न्यूक्लियोटाइड्स की एक लंबी शृंखला से बनी होती हैं। यह एक डबल हेलिक्स संरचना में व्यवस्थित है।
  • जेम्स वाटसन और फ्राँसिस क्रिक ने खोजा कि DNA एक डबल-हेलिक्स पॉलीमर है जिसे वर्ष 1953 में बनाया गया था।
  • यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीवों की आनुवंशिक विशेषता के हस्तांतरण के लिये आवश्यक है।
  • DNA का अधिकांश भाग कोशिका के केंद्रक में पाया जाता है इसलिये इसे केंद्रीय DNA कहा जाता है।


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