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प्रोजेक्ट चीता को इनोवेटिव इनिशिएटिव पुरस्कार मिला
चर्चा में क्यों?
प्रोजेक्ट चीता को तीसरे इको वॉरियर अवार्ड्स में प्रतिष्ठित ‘इनोवेटिव इनिशिएटिव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है, जिसका आयोजन दिल्ली में भारतीय वन सेवा (IFS) एसोसिएशन और इंडियन मास्टरमाइंड द्वारा किया गया था।
- यह पुरस्कार प्रोजेक्ट चीता के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा को प्रदान किया गया।
मुख्य बिंदु
- पुरस्कार के बारे में:
- इको वॉरियर अवार्ड्स का उद्देश्य संरक्षण और सतत् विकास में असाधारण प्रयासों को मान्यता देना है।
- IFS एसोसिएशन द्वारा विशेष रूप से भारत में एक विलुप्त प्रजाति को पुनर्जीवित करने में उल्लेखनीय उपलब्धि और परियोजना की सफलता में स्थानीय समुदायों को शामिल करने की प्रतिबद्धता के लिये प्रोजेक्ट चीता को चुना गया।
- समाचार-पत्रिका:
- परियोजना की तीसरी वर्षगाँठ पर वन विभाग ने एक विशेष समाचार-पत्रिका जारी किया, जिसमें वर्ष 2022 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले चीतों के आगमन से लेकर शावकों के सफल जन्म और चल रहे आवास प्रबंधन प्रयासों तक प्रोजेक्ट चीता की यात्रा को रेखांकित किया गया।
प्रोजेक्ट चीता
- परिचय: वर्ष 2022 में प्रोजेक्ट चीता (चीता पुनः वापसी परियोजना) शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य वैश्विक चीता संरक्षण प्रयासों के हिस्से के रूप में भारत में चीतों (जिन्हें वर्ष 1952 में विलुप्त घोषित किया गया था) को पुनः बसाना है।
- कार्यान्वयन एजेंसियाँ: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), मध्य प्रदेश वन विभाग तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- क्रियान्वयन प्रक्रिया:
- चरण-1 में नामीबिया (वर्ष 2022) और दक्षिण अफ्रीका (वर्ष 2023) से चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया।
- परियोजना के दूसरे चरण में भारत, समान आवासीय परिस्थितियों को देखते हुए, केन्या से चीता लाने पर विचार कर रहा है।
- इन चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) में स्थानांतरित किया जाएगा।
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लाडली बहना सूची का ऑडिट
चर्चा में क्यों?
राज्य सरकार ‘लड़ली बहना’ लाभार्थी सूची का ऑडिट करेगी ताकि दिवाली के बाद मासिक सहायता राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये होने से पहले अयोग्य नामों को हटाया जा सके।
- इसके लिये सार्वजनिक अपील की जाएगी ताकि जो महिलाएँ योजना के लिये पात्र नहीं हैं, वे स्वेच्छा से अपने नाम वापस ले लें, तत्पश्चात सूची से किसी भी अपात्र प्रविष्टि को हटाने के लिये विभागीय जाँच की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- लाडली बहना योजना के बारे में:
- इस योजना का शुभारंभ 10 जून 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था।
- इसके तहत 23 से 60 वर्ष की आयु की विवाहित महिलाओं को शुरू में 1,000 रुपये की सहायता दी गई, जिसे बाद में बढ़ाकर 1,250 रुपये प्रति माह कर दिया गया।
- इसका मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- पात्रता एवं नियम:
- महिला के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो।
- परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी नहीं करता हो।
- इसके अतिरिक्त, परिवार के पास 5 एकड़ से ज़्यादा भूमि या ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।
- वर्तमान स्थिति:
- इस योजना में वर्तमान में 1.26 करोड़ से अधिक महिलाएँ नामांकित हैं, जिससे यह राज्य का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम बन गया है, जिसकी लागत लगभग 1,550 करोड़ रुपये प्रति माह है।
अन्य महिला-केंद्रित योजनाएँ
- लाडली लक्ष्मी योजना:
- वर्ष 2006 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं की शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करके उनके भविष्य को सुरक्षित करना है।
- यह योजना कन्या के जन्म के प्रति सकारात्मक सामाजिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और लैंगिक भेदभाव को कम करने का भी प्रयास करती है।
- पात्रता मानदंड:
- यह योजना उन माता-पिता को लाभान्वित करती है, जिन्होंने दो जीवित संतानों के बाद परिवार नियोजन अपनाया है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित हो सके।
- परिवार को आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत होना चाहिये और आयकरदाता नहीं होना चाहिये।
- वित्तीय लाभ:
- राज्य सरकार लड़की के नाम पर जन्म से लेकर कुल 30,000 रुपये तक प्रतिवर्ष 6,000 रुपये मूल्य के राष्ट्रीय बचत-पत्र खरीदती है।
- जब लड़की 21 वर्ष की हो जाती है और यदि उसकी शादी 18 वर्ष की आयु से पहले नहीं हुई है, तो उसे योजना के तहत अंतिम लाभ के रूप में 1 लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिलती है।
- उषा किरण योजना:
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में शुरू की गई उषा किरण योजना घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा तथा कानूनी सहायता प्रदान करती है।
- यह घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत संचालित है।
- मुख्य उद्देश्य:
- पीड़ितों को शारीरिक, यौन, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक दुर्व्यवहार से बचाना।
- घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को गरिमा, न्याय तथा सुरक्षा प्रदान करना।
- लक्षित लाभार्थी:
- यह योजना वैवाहिक स्थिति पर ध्यान दिये बिना सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सहायता प्रदान करती है।
- इसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे भी शामिल हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घरेलू हिंसा से प्रभावित हो सकते हैं।
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में शुरू की गई उषा किरण योजना घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा तथा कानूनी सहायता प्रदान करती है।
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मध्य प्रदेश की छात्र कल्याण पहल
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 7,832 विद्यार्थियों को स्कूटर वितरित किये। इसके अतिरिक्त समग्र शिक्षा के अंतर्गत स्वच्छता एवं स्वास्थ्य योजना तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के तहत छात्राओं के खातों में धनराशि हस्तांतरित की गई।
मुख्य बिंदु
- ई-स्कूटी योजना
- शुभारंभ: शैक्षणिक सत्र 2022-23 से परिचालन।
- पात्रता: वे छात्र जिन्होंने सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 12 की परीक्षा में टॉप किया हो।
- यह योजना उन नियमित अभ्यर्थियों पर लागू होती है, जो स्कूल शिक्षा विभाग या जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।
- स्वच्छता एवं स्वास्थ्य योजना (समग्र शिक्षा)
- हस्तांतरित राशि: 61 करोड़ रुपये
- लाभार्थी: सरकारी स्कूलों में कक्षा 7 से 12 तक पढ़ने वाली 20,37,439 छात्राएँ।
- उद्देश्य: छात्राओं को व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिये प्रतिवर्ष 300 रुपये प्रदान करना।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय प्रकार (IV) योजना:
- हस्तांतरित राशि: 7 करोड़ रुपये
- लाभार्थी: 20,100 छात्राएँ।
- उद्देश्य: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप (IV) योजना के तहत छात्रावासों में रहने वाली लड़कियों को TLM (शैक्षणिक अधिगम सामग्री) और छात्रवृत्ति के लिये 3,400 रुपये प्रदान करना।
समग्र शिक्षा योजना
- इसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था।
- यह स्कूली शिक्षा के लिये एक एकीकृत योजना है, जो प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक संपूर्ण शृंखला को कवर करती है।
- उद्देश्य: समावेशी, न्यायसंगत और वहनीय स्कूली शिक्षा प्रदान करना।
- इसमें सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (TE) की तीन योजनाओं को सम्मिलित किया गया है।
- इसे केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है।
- वित्तपोषण अनुपात: अधिकांश राज्यों के लिये वित्तपोषण का अनुपात 60:40 है, लेकिन पूर्वोत्तर/हिमालयी राज्यों के लिये यह अनुपात 90:10 है तथा केंद्रशासित प्रदेशों के लिये यह अनुपात 100% केंद्र द्वारा वहन किया जाता है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना
- वर्ष 2004 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य दूरदराज़ और शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों को उच्च प्राथमिक स्तर पर आवासीय विद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
- यह योजना शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों (EBB) में क्रियान्वित की जाती है, जहाँ ग्रामीण महिला साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम तथा लैंगिक साक्षरता अंतर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।