मध्य प्रदेश
प्रोजेक्ट चीता को इनोवेटिव इनिशिएटिव पुरस्कार मिला
- 12 Sep 2025
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चर्चा में क्यों?
प्रोजेक्ट चीता को तीसरे इको वॉरियर अवार्ड्स में प्रतिष्ठित ‘इनोवेटिव इनिशिएटिव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है, जिसका आयोजन दिल्ली में भारतीय वन सेवा (IFS) एसोसिएशन और इंडियन मास्टरमाइंड द्वारा किया गया था।
- यह पुरस्कार प्रोजेक्ट चीता के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा को प्रदान किया गया।
मुख्य बिंदु
- पुरस्कार के बारे में:
- इको वॉरियर अवार्ड्स का उद्देश्य संरक्षण और सतत् विकास में असाधारण प्रयासों को मान्यता देना है।
- IFS एसोसिएशन द्वारा विशेष रूप से भारत में एक विलुप्त प्रजाति को पुनर्जीवित करने में उल्लेखनीय उपलब्धि और परियोजना की सफलता में स्थानीय समुदायों को शामिल करने की प्रतिबद्धता के लिये प्रोजेक्ट चीता को चुना गया।
- समाचार-पत्रिका:
- परियोजना की तीसरी वर्षगाँठ पर वन विभाग ने एक विशेष समाचार-पत्रिका जारी किया, जिसमें वर्ष 2022 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले चीतों के आगमन से लेकर शावकों के सफल जन्म और चल रहे आवास प्रबंधन प्रयासों तक प्रोजेक्ट चीता की यात्रा को रेखांकित किया गया।
प्रोजेक्ट चीता
- परिचय: वर्ष 2022 में प्रोजेक्ट चीता (चीता पुनः वापसी परियोजना) शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य वैश्विक चीता संरक्षण प्रयासों के हिस्से के रूप में भारत में चीतों (जिन्हें वर्ष 1952 में विलुप्त घोषित किया गया था) को पुनः बसाना है।
- कार्यान्वयन एजेंसियाँ: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), मध्य प्रदेश वन विभाग तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- क्रियान्वयन प्रक्रिया:
- चरण-1 में नामीबिया (वर्ष 2022) और दक्षिण अफ्रीका (वर्ष 2023) से चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया।
- परियोजना के दूसरे चरण में भारत, समान आवासीय परिस्थितियों को देखते हुए, केन्या से चीता लाने पर विचार कर रहा है।
- इन चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) में स्थानांतरित किया जाएगा।